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    शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में बना 35 साल पुराना अवैध कांप्लेक्स ध्वस्त...कोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई

    By Sanjeev Kumar Jain Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 07:57 PM (IST)

    मेरठ के शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 35 साल पुराने अवैध व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त कर दिया गया। आवासीय भूखंड पर बने इस कॉम्प्लेक्स की 22 दुकानों को तोड़ा गया और 40 प्रतिशत हिस्सा जमींदोज कर दिया गया। सुरक्षा के मद्देनजर आसपास का क्षेत्र खाली करा लिया गया। ध्वस्तीकरण के दौरान व्यापारियों ने विरोध किया, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई जारी रखी।

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    मेरठ के सेंट्रल मार्केट स्थित व्यावसायिक कांप्लेक्स का पीछे का हिस्सा पूरी तरह से हुआ ध्वस्त। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में भूखंड संख्या 661/6 पर आवासीय भूखंड पर बने व्यावसायिक कांप्लेक्स की 22 दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया। 40 प्रतिशत कांप्लेक्स को जमींदोज कर दिया गया। पोर्कलेन मशीन खराब होने के कारण रविवार को 60 प्रतिशत हिस्से को जमींदोज किया जाएगा। लगभग 45 फुट ऊंची इमारत को ध्वस्त करने की कार्रवाई से पहले पुलिस प्रशासन ने आसपास के क्षेत्र को खाली कर लिया था और बाजार भी बंद कराया गया।

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    सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को सेंट्रल मार्केट के इस आवासीय भूखंड पर बने व्यावसायिक कांप्लेक्स को तीन माह में खाली कराकर दो सप्ताह में ध्वस्त कराने का आदेश दिया था, लेकिन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नही की। इस मामले में लोकेश खुराना ने अवमानना का वाद सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया। छह अक्टूबर को अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गृह सचिव, आवास आयुक्त, डीएम, एसएसपी, आवास विकास के अधिकारियों और उक्त कांप्लेक्स के नौ व्यापारियों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने को कहा है। इसकी सुनवाई 27 अक्टूबर को होनी है। कोर्ट की इस कार्रवाई के बाद आवास एवं विकास परिषद के अधिशासी अभियंता आफताब ने अपने विभाग के 45 अधिकारियों व 22 व्यापारियों के खिलाफ नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

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    व्यावसायिक कांप्लेक्स को ध्वस्त करने से पहले शुक्रवार की रात में ही दुकानों को खाली करा लिया गया था। शनिवार को भी प्रत्येक दुकान का मुआयना कर देखा गया कि वहां कोई सामान तो नहीं रखा है। सुबह करीब 12 बजे मुख्य मार्ग पर पोर्कलेन मशीन से इस व्यावसायिक कांप्लेक्स को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। पहले फ्रंट का फिनिशिंग स्ट्रक्चर ढहाया गया। इसके बाद दूसरी साइड से स्ट्रक्चर को ढहाने की कार्रवाई की गई। लगभग शाम 3:30 बजे पीछे का बड़ा भाग लिंटर सहित टूटने के बाद परिसर के व्यापारी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोकने के लिए दबाव बनाने लगे। व्यापारियों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए अब तक की कार्रवाई पर्याप्त है। अब इस इमारत में कोई भी व्यापारिक गतिविधि संभव नहीं है, लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई रोकने से इन्कार कर दिया। शाम 4:20 बजे पोर्कलेन मशीन के लगातार चलने के कारण उसे रोक दिया गया है। बाद में मशीन का पाइप टूट गया। ऐसे में रविवार को पुन: कार्रवाई का निर्णय लिया गया।

    अधिशासी अभियंता आफताब ने बताया कि रविवार को पुन: इस स्थान पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। डीएम डा वीके सिंह का कहना है कि रविवार को हर हालत में ध्वस्तीकरण होगा।
    इस दौरान 22 दुकानदार और उनके परिवारजन भी मौजूद रहे । अपनी गाढी कमाई को खत्म होता देख वो फफक फफक कर रोने लगे। यह भूखंड 1986 में आवासीय उपयोग के लिए आवंटित हुआ था, जहां व्यावसायिक कांप्लेक्स के रूप में अवैध निर्माण बढ़ता गया। आवास विकास परिषद ने 1990 में नोटिस देकर इसे गिराने को कहा था, लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद आखिरकार कांप्लेक्स बचाने की व्यापारियों की दलील हार गई और कांप्लेक्स ने अपनी उम्र पूरी कर ली।