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    डीएम ने जारी किया हेल्‍पलाइन नंबर, किसी बच्‍चे में दिखे कोरोना के लक्षण तो दें इस पर सूचना Meerut News

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    Updated: Sun, 18 Oct 2020 12:26 AM (IST)

    अनलाक पांच में 19 अक्टूबर से स्कूलों को खोले जाने को लेकर शनिवार को चौ. चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में बैठक हुई। जिलाधिकारी क ...और पढ़ें

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    जिलाधिकारी के. बालाजी ने यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों को संबोधित किया।

    मेरठ,जेएनएन। अनलाक पांच में 19 अक्टूबर से स्कूलों को खोले जाने को लेकर शनिवार को चौ. चरण सिंह विवि के नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रेक्षागृह में बैठक हुई। जिलाधिकारी के. बालाजी ने यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों को संबोधित किया। डीएम ने स्कूल प्रधानाचार्यो से कहा कि स्कूल खुलने के बाद यदि किसी बच्चे में कोई लक्षण दिखे या छात्र कोरोना पाजिटिव आ जाए तो घबराकर अफरा-तफरी मचाने की बजाय उसकी सूचना सीएमओ के हेल्पलाइन नंबर 0121-2662244, जिला प्रशासन व जिला विद्यालय निरीक्षक को दें। बिना देरी किए बच्चे की मदद की जाएगी।

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    बच्चे व अभिभावक भी इसे लेकर कतई परेशान न हों। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के साथ रहते हुए हर किसी को इसके लक्षणों की जानकारी है। इसलिए बिना घबराए हमें साथ मिलकर कोरोना को हराना भी है और बच्चों को पढ़ाना भी है। एसओपी का कड़ाई से हो पालन डीएम ने स्कूलों को कड़ाई से हर स्तर पर एसओपी का पालन करने के लिए कहा है। एसओपी का पालन ठीक से हुआ तो कोई बच्चा बीमार नहीं होगा। इसमें अनिवार्य रूप से मास्क सभी को पहनना है, दूरी बनाकर रहना है और सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी करते रहना है।

    बच्चों का चरित्र अलग होता है, इसलिए उन्हें समझाएं, जागरूक करें और नियमों का पालन करने के लिए भी प्रेरित करें। एडीएम सिटी ने कहा कि अपने विवेक से भी समस्याओं के समाधान का प्रयास करें। ऐसा न हो कि यह एसओपी में नहीं लिखा इसलिए नहीं किया गया।

    स्कूल हर दिन भेजेंगे रिपोर्ट डीएम के. बालाजी ने स्कूलों से हर दिन एक रिपोर्ट शाम छह बजे तक जिविनि कार्यालय को भेजने को कहा है। यह रिपोर्ट ई-मेल के जरिए एक्सल शीट पर भेजनी है। इसमें स्कूल आने वाले बच्चों का नाम, पता और उनमें दिखे लक्षण का विवरण होगा।

    लक्षण न हो तो खाली भेजें, लेकिन रिपोर्ट जरूर भेजें। उस रिपोर्ट में लक्षण वाले विवरण लेकर जिविनि रात करीब आठ बजे जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की बैठक में शामिल होंगे। रिपोर्ट के आधार पर यदि किसी बच्चे का टेस्ट करने या अन्य किसी भी तरह के इलाज की जरूरत होगी तो दूसर दिन सुबह ही स्वास्थ्य विभाग की टीम छात्र के धर पहुंचेगी।