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    आइएएस मनीष बंसल बने मेरठ के नए नगर आयुक्त, ये चुनौतियां रहेंगी सामने

    By Prem BhattEdited By:
    Updated: Thu, 05 Nov 2020 09:00 AM (IST)

    शासन ने मनीष बंसल को मेरठ का नया नगर आयुक्त बनाया है। अभी तक नगरायुक्त के पद पर वरिष्ठ पीसीएस या पीसीएस से पदोन्नत होकर आइएएस बनने वाले अधिकारियों को ही यहां तैनाती दी जाती थी। अबकी सीधे आइएएस को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

    लखनऊ के मुख्य विकास अधिकारी आइएएस मनीष बंसल को मेरठ का नगर आयुक्त बनाया है।

    मेरठ, जेएनएन। नगर आयुक्त डा. अरविंद चौरसिया का बुधवार को तबादला हो गया। शासन ने उनके स्थान पर लखनऊ के मुख्य विकास अधिकारी आइएएस मनीष बंसल को मेरठ का नया नगर आयुक्त बनाया है। अभी तक नगरायुक्त के पद पर वरिष्ठ पीसीएस या पीसीएस से पदोन्नत होकर आइएएस बनने वाले अधिकारियों को ही यहां तैनाती दी जाती थी। इस बार सीधे आइएएस को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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    16 माह का रहा कार्यकाल

    छह जुलाई 2019 को मेरठ नगर निगम में कार्यभार ग्रहण वाले डा. अरविंद चौरसिया का कार्यकाल 16 महीने का रहा। उन्होंने अपने कार्यकाल में गांवड़ी में कूड़ा निस्तारण के लिए बैलेस्टिक सेपरेटर प्लांट लगाने का काम किया। स्वच्छता उपविधि 2018 का गजट नोटिफिकेशन और पहली बार नगर निगम में यूजर चार्ज लागू करने का काम किया। तबादले से पहले लोहियानगर स्थित डंपिंग ग्राउंड में प्लांट का काम भी शुरू करा दिया। दिल्ली रोड, हापुड़ रोड, पशु चिकित्सालय और सरधना रोड पर वर्षों से पड़ रहे अस्थायी खत्तों को विलोपित कराया। हालांकि कूड़े से बिजली बनाने का संयंत्र चालू नहीं हो सका। स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में मेरठ नगर निगम इनके कार्यकाल में भी बेहतर नहीं कर पाया था। वहीं, चौरसिया फाइलों की स्वीकृति देने में समय लगाने को लेकर भी काफी चर्चा में रहे। डा. चौरसिया ने कहा कि अब उन्हें शासन ने अपर निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के पद पर भेजा है।

    नए नगर आयुक्त के सामने चुनौतियों का पहाड़

    मनीष बंसल 2014 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर रह चुके हैं। बरेली, उन्नाव में भी काम कर चुके हैं। मेरठ में उनके सामने चुनौतियों का पहाड़ है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 की आखिरी तिमाही के दो माह बचे हैं। इसी में सारी औपचारिकताएं पूरी करने हैं। वायु प्रदूषण नियंत्रण की स्थिति से निपटना है। कचरा निस्तारण के लिए लोहिया नगर डंपिंग ग्राउंड में प्लांट का काम समय से पूरा करना और कूड़े से बिजली बनाने के संयंत्र को चालू कराना भी चुनौती है। जलनिकासी का प्रबंधन व डेयरी समस्या, खुले नालों से निजात दिलाने की भी चुनौती होगी।