आपका नाम क्या है.. को कन्नड़ में कैसे बोलेंगे
कोस-कोस पर बदले पानी चार कोस पर वाणी। हमारा देश की कई खूबियों में से एक खूबी इस कहावत में भी निहित है। अब नई पीढ़ी को देश की 22 भाषाओं से जोड़ने के लिए ...और पढ़ें

अमित तिवारी, मेरठ : कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी। हमारा देश की कई खूबियों में से एक खूबी इस कहावत में भी निहित है। अब नई पीढ़ी को देश की 22 भाषाओं से जोड़ने के लिए एनसीईआरटी ने 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' अभियान के अंतर्गत भाषा संगम की शुरुआत की है। इसमें संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं के आम बोलचाल में प्रयोग होने वाले 100 शब्दों को छात्रों को लिखना, पढ़ना और समझना सिखाया जाएगा।
एनसीईआरटी ने भाषा संगम के लिए नया पोर्टल बनाया है। इसमें हिदी सहित असमिया, बंगला, बोड़ो, गुजराती, कन्नड़, मणिपुरी, नेपाली, तमिल, तेलुगू, उर्दू आदि के शब्द सीखने के लिए पीडीएफ फाइल और वीडियो दी गई हैं। इनमें सभी भाषाओं के सौ-सौ शब्द हैं। मूल भाषा के साथ ही इनका हिदी व अंग्रेजी में अनुवाद और रोमन लिपि में भी दिया गया है।
आम बोलचाल के शब्द व वाक्य
किसी से भी पहली भेंट में हम उसका नाम ही पूछते हैं। हिदी में 'आपका नाम क्या है' बोलते हैं। इसी को संथाली में 'आमाक नुतुम चेत' बोलते हैं। नेपाली में 'तिम्रो नाम के हो' बोलेंगे। कन्नड़ में 'निन्न हेसरेनु' बोलते हैं। असमिया में 'तुमार नाम कि' बोलेंगे। बंगला में 'तोमर नाम कि' बोलते हैं। इसी तरह अन्य बोलचाल के शब्दों और वाक्यों को सिखाया जाएगा।
हर कोई सीख सकता है
'भाषा संगम' मंच का उपयोग स्कूली छात्रों के साथ अभिभावक भी कर सकते हैं। यदि अभिभावक घर में इन शब्दों का प्रयोग करेंगे तो बच्चे इन्हें जल्दी सीखेंगे।
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