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    मकान बताकर दान कर दिया करोड़ों का अस्पताल, 20 लाख की स्टांप चोरी के आरोप में कार्रवाई की तैयारी

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 04:10 AM (IST)

    हापुड़ रोड स्थित एल ब्लॉक शास्त्रीनगर के करोड़ों रुपये मूल्य वाले जगदंबा अस्पताल के भवन को दो भाइयों ने अपने तीसरे भाई के नाम उपहार (गिफ्ट डीड) के रूप में हस्तांतरित कर दिया। इस गिफ्ट डीड का रजिस्ट्रेशन भवन को मकान दिखाकर किया गया, जिससे मात्र 5,000 रुपये स्टांप शुल्क अदा किया गया। इस प्रकार कम स्टांप शुल्क देकर बड़ी संपत्ति के स्थानांतरण का मामला सामने आया है।

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    जागरण संवाददाता, मेरठ। हापुड़ रोड पर एल ब्लाक शास्त्रीनगर स्थित जगदंबा अस्पताल के करोड़ों के भवन को भवन मालिक दो भाईयों ने अपने तीसरे भाई को उपहार में दे दिया। इस गिफ्ट डीड का रजिस्ट्रेशन भवन को मकान दिखाकर किया गया और मात्र 5 हजार रुपये का स्टांप शुल्क अदा किया गया।

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    यह रजिस्ट्रेशन भी इस क्षेत्र के उप निबंधक कार्यालय में न कराकर उप निबंधक द्वितीय के कार्यालय में कराया गया। उप निबंधक प्रथम ने जांच की तो मौके पर अस्पताल का तीन मंजिला भवन मिला। उनकी रिपोर्ट पर एआइजी निबंधन ने 20.65 लाख की स्टांप चोरी का मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है।

    कीमत 1.70 करोड़ दर्शाई

    हापुड़ रोड पर भूखंड संख्या एल 621 में स्थित भवन को आवासीय भवन बताते हुए 18 जनवरी 2025 को दो सगे भाईयों योगेंद्र कुमार और अशोक कुमार ने अपने तीसरे सगे भाई रविंद्र कुमार को उपहार में देते हुए इसका रजिस्ट्रेशन उप निबंधक द्वितीय के कार्यालय में कराया था। जबकि यह क्षेत्र उप निबंधक प्रथम का है। यह तीन मंजिला भवन है जिसकी कीमत 1.70 करोड़ दर्शायी गई। लेकिन स्टांप शुल्क मात्र 5 हजार रुपये अदा किया गया।

    इस उपहार पत्र की उप निबंधक प्रथम ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो वहां मकान के स्थान पर तीन मंजिला अस्पताल का भवन मौजूद मिला। जिसमें 250.70 वर्ग मीटर के भूखंड पर बने तीनों तल पर कुल 752.10 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया मिला। निरीक्षण रिपोर्ट के मुताबिक अस्पताल के गेट पर ही उपहार पाने वाले रविंद्र कुमार के फोटो वाले बोर्ड लगे थे।

    आरोप लगाया कि व्यवसायिक संपत्ति को आवासीय दर्शाकर नियमविरुद्ध उपहार पत्र पंजीकृत कराया गया है। जिसमें 20.65 लाख रुपये के स्टांप और निबंधन शुल्क की चोरी पाई गई। उप निबंधक के मुताबिक केवल आवासीय और कृषि संपत्ति के उपहार पत्र में ही स्टांप शुल्क की छूट प्रदान की जाती है।

    उप निबंधक की जांच के आधार पर एआइजी निबंधन ने रविंद्र कुमार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा। इसके साथ ही इस मामले में 20.65 लाख रुपये का स्टांप वाद भी दायर किया गया है।

    हमने नियमानुसार कराया पंजीकरण

    उपहार पाने वाले रविंद्र कुमार ने दावा किया कि व्यवसायिक संपत्ति के उपहार पत्र पर भी स्टांप शुल्क की छूट है। हमने नोटिस का जवाब दे दिया है। फिर भी यदि स्टांप की कमी मिलती है तो हम जमा करा देंगे।



    दो वर्ष पहले सरकार ने छह महीने के लिए व्यवसायिक संपत्तियों के उपहार पत्र पर स्टांप की छूट दी थी। अब यह छूट केवल आवासीय और कृषि संपत्ति पर है। इस उपहार पत्र में अस्पताल भवन को आवासीय लिखा गया और फोटो भी किसी अन्य मकान का लगाया गया है। यह धोखाधड़ी का प्रयास है। इस मामले में स्टांप वाद दर्ज कर लिया गया है। - शर्मा नवीन कुमार एस, सहायक महानिरीक्षक स्टांप