फिर खुल गई बाइक बोट घोटाला की फाइल: ईडी ढूंढ रही विजेंद्र हुड्डा की संपत्ति, 119 मुकदमे पर खुलेगी हिस्ट्रीशीट
मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन विजेंद्र सिंह हुड्डा के जेल जाने के बाद उन पर कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। बाइक बोट घोटाले की फाइल फिर से खुल गई है और ईडी उनकी संपत्तियों की तलाश कर रही है। हापुड़ में मोनाड यूनिवर्सिटी मवाना में एसवीएस कॉलेज और पलवल में फार्म हाउस के अलावा अन्य संपत्तियों की भी जांच हो रही है।

जागरण संवाददाता, मेरठ। मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन विजेंद्र सिंह हुड्डा के जेल जाने के बाद कार्रवाई का दायरा बढ़ता जा रहा हैं। बाइक बोट घोटाले की फाइल भी फिर से खुल चुकी है। ईडी ने विजेंद्र हुड्डा की संपत्ति भी ढूंढनी शुरू कर दी। अभी तक पता चला कि हापुड़ में मोनाड यूनिवर्सिटी, मवाना में एसवीएस कॉलेज और पलवल में फार्म हाउस तथा उन्नाव में सरस्वती मेडिकल कॉलेज में हिस्सेदारी है।
उसके अलावा भी विजेंद्र सिंह और उसके परिवार एवं रिश्तेदारों की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। हुड्डा के बैंक खातों की भी डिटेल मांगी जा रही है। साथ ही 119 मुकदमो के आरोपित विजेंद्र की हिस्ट्रीशीट खोलने की भी तैयारी शुरू कर दी गई।
हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री प्रकरण में विजेंद्र सिंह हुड्डा जेल जा चुका है। उसके बाद भी एसटीएफ, ईडी, ईओडब्ल्यू, सीबीआइ और हापुड़ पुलिस की टीमें हुड्डा की कुंडली खंगाल रही है। हुड्डा 4200 करोड़ के बाइक बोट घोटाले का आरोपित है, उस पर पांच लाख का इनाम भी प्रदेश सरकार की तरफ से घोषित हो चुका है। हालांकि इस मुकदमे में अदालत से जमानत पा चुका है।
मुकदमा अभी भी गाजियाबाद की कोर्ट में चल रहा है। साथ ही ईडी की टीम भी हुड्डा की संपत्ति के बारे में जानकारी जुटा रही है। ताकि उसकी संपत्ति को अटैच किया जा सकें। हुड्डा की सभी 17 कंपनियों का रिकार्ड भी ईडी की टीम पहले जुटा चुकी है। मामला दोबारा से गरमाने के बाद फिर से ईडी ने विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
यूजीसी से मांगा मोनाड यूनिवर्सिटी का रिकॉर्ड
एसटीएफ ने यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) को मेल कर मोनाड यूनिवर्सिटी का पूरा रिकार्ड मांगा है। पूछा गया कि मोनाड यूनिवर्सिटी को किस किस कोर्स की मान्यता है। कब से मान्यता मिली है। यूनिवर्सिटी को कब खोला गया था? उस समय उसके निदेशक कौन थे, हाल में निदेशक की सूची में किसका नाम अंकित है। मोनाड किस आधार पर यूनिवर्सिटी की अनुमति दी गई है। सभी तथ्यों पर एसटीएफ ने यूजीसी को मेल कर जवाब मांगा है। अभी तक यूजीसी का जवाब नहीं मिला। यूजीसी के जवाब को भी मुकदमे में साक्ष्य के तौर पर उपयोग किया जाएगा।
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