Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानलेवा है हीट स्ट्रोक, ऐसे पहचानें लक्षणों को और इन बातों का रखें ध्‍यान, पढ़िए चिकित्‍सकों की राय

    Heat stroke News मेरठ में पारा अब 44 डिग्री के करीब पहुंच गया है। ऐसे हीट स्ट्रोक जानलेवा साबित हो सकता है। अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाती है शरीर। ऐसे में सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। जरा सी लापरवाही महंगी साबित हो सकती है।

    By Prem Dutt BhattEdited By: Updated: Sun, 15 May 2022 04:01 PM (IST)
    Hero Image
    Heat stroke News तापमान में बेतहाशा बढ़ोतरी के साथ ही हीट स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ गया है।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। तेज धूप में जरा सी लापरवाही जानलेवा होगी। पारा 40 डिग्री से ज्यादा पहुंचने की वजह से शरीर में पानी की कमी हो रही है। शरीर का तापमान 103 डिग्री पार करने, स्किन सूखने और पसीना बंद होने पर सतर्क होना चाहिए। मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि लू की चपेट में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी जानिए

    प्रोफेसर डा. अरविंद ने बताया कि शरीर में थर्मोरेग्यूलेटर होता है, जो सर्दी एवं गर्मी दोनों ऋतुओं में तापमान संतुलित रखता है। हीट स्ट्रोक में यह सिस्टम बिगड़ने से शरीर अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाती, और डिहाइड्रेशन से मरीज की जान जा सकती है। फिजिशियन डा. तनुराज सिरोही ने हीट स्ट्रोक यानी लू से बचाव का तरीका बताया है। घर से निकलने से पहले खूब पानी पीएं। नमक एवं चीनी का घोल भी लेते रहें। पूरी बाजू के कपड़े पहनकर निकलें।

    ये हैं हीट स्ट्रोक के लक्षण

    इसे लू लगना भी कहते हैं। थकान, सिरदर्द, चक्कर एवं बेहोशी भी आती है।

    - इसमें शरीर का तापमान तेजी से बढ़ता है। पसीना आना बंद होना घातक है।

    - कई बार लक्षण उभरने के आधे घंटे में ही शरीर का तापमान 105 डिग्री पार कर जाता है।

    - ज्यादा तापमान से शरीर का पानी सूखता है। लिवर, किडनी समेत कई अंग नाकाम हो सकते हैं।

    - मांसपेशियों में खिंचाव के साथ ही पेशाब में गाढ़ापन व आंखें धंसने लगती हैं।

    - ऐसे मरीजों को वातानुकूलित वाहनों में अस्पताल ले जाना चाहिए। गर्दन, कमर एवं बगल में आइस पैक रखें।

    ऐसी गर्मी कि चक्कर खाकर गिर रहे बच्चे

    मेरठ में कड़ी धूप बच्चों पर कहर ढा रही है। ओपीडी में उल्टी, दस्त एवं बुखार के लक्षणों के साथ पहुंच रहे हैं। स्कूलों एवं घर के बाहर चक्कर खाकर गिरने वाले बच्चों की संख्या भी ज्यादा है। बाल रोग विशेषज्ञ डा. अमित उपाध्याय ने बताया कि सुबह नाश्ता न करने एवं शरीर में पानी कम होने पर बच्चे चक्कर खाकर गिर रहे हैं। उन्होंने हीट स्ट्रोक के लक्षण एवं बच्चों को इससे बचाने की जानकारियां दी हैं।

    - बुखार 102 पार करे और पेशाब बंद हो जाए तो तत्काल सतर्क हों।

    - हेडेक, बुखार, उल्टी, मांसपेशियों में ऐंठन और गफलत बड़े लक्षण हैं।

    - नाश्ता न करने पर ग्लूकोज की कमी से भी चक्कर खाकर गिर रहे बच्चे।

    - पानी कम पीने एवं शरीर में नमक की कमी पर भी चक्कर आता है।

    - हाइपरथर्मिया में बुखार 107 डिग्री तक पहुंच सकता है।

    - नींबू, शिकंजी, बेल रस, ग्लूकोज एवं ओआरएस घोल देते रहें।