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    Health Tips: हर रोज तीन से पांच मिनट का प्राणायाम और सांस की समस्‍या दूर, जानें योग विशेषज्ञ की राय

    By Himanshu DwivediEdited By:
    Updated: Mon, 31 May 2021 08:39 AM (IST)

    कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम नियमित करने से सांस को और अधिक मजबूत किया जा सकता है। योग विशेषज्ञ ओमपाल शास्‍त्री नियमित इसका अभ्‍यास करते हैं। वह बताते हैं कि तीन से पांच मिनट का समय निकालकर अगर प्राणायाम खासकर कपालभाति किया जाए तो सांस की समस्‍या दूर हो जाएगी।

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    जानें- नियमित प्राणायाम करने से क्‍या होता है लाभ ।

    मेरठ, जेएनएन। कोविड के समय में बहुत से लोगों को सांस लेने की दिक्‍कत महसूस हुई। ऐसे समय में बहुत से लोगों ने प्राणायाम का अभ्‍यास करना भी शुरू किया। जो अब उनकी दिनचर्या का हिस्‍सा बन गया है। हालांकि प्राणायाम करने के अपने तरीके हैं, जिसको करने पर इसका पूरा लाभ मिलेगा।

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    कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायाम नियमित करने से सांस को और अधिक मजबूत किया जा सकता है। योग विशेषज्ञ ओमपाल शास्‍त्री नियमित इसका अभ्‍यास करते हैं। वह बताते हैं कि तीन से पांच मिनट का समय निकालकर अगर प्राणायाम खासकर कपालभाति किया जाए तो सांस की समस्‍या दूर हो जाएगी। वह बताते हैं कि कपालभाति करते समय सामान्‍य तरीके से सांस भरने का प्रयास करते हैं। सांस छोड़ते समय पूरा ध्‍यान उसी पर रहना चाहिए। इसका अभ्‍यास करते समय मन में यह संकल्‍प भी रखना चाहिए कि शरीर में जो भी रोग है वह दूर हो रहा है। डा. शास्‍त्री इस अभके अभ्‍यास से पेट, कमरदर्द ठीक हो जाता है। एलर्जी, कफ, दमा, साइनस की समस्‍या दूर हो जाती है। कोरोना के चलते जिस तरह से तनाव और अवसाद है, उसमें यह अभ्‍यास सकारात्‍मक उर्जा का संचार करता है। इसी तरह अनुलोम विलोम में भी अभ्‍यास करते हैं।

    इसका रखें ध्‍यान

    प्राणायाम करते समय हमें कुछ नियमों का ध्‍यान रखना चाहिए। जिस जगह प्राणायाम करते हैं वह जगह स्‍वच्‍छ, हवादार और शांतिपूर्ण हो। खाली पेट ही प्राणायाम लाभ देगा। सुबह और शाम प्राणायाम किया जा सकता है। प्राणायाम करने के बाद कुछ समय तक आराम भी करना चाहिए। विशेषज्ञों की माने तो प्राणायाम के दौरान मेरुदंड, गर्दन, कमर और छाती को पूरी तरह से सीधा रखना चाहिए। तभी इसका पूरा लाभ मिलेगा।