बीड़ी से बिस्तर में लगी आग, हेड कांस्टेबल की जिंदा जलकर मौत; धुआं उठता देख पड़ोसी भी रह गए सन्न
मेरठ के साकेत में हेडकांस्टेबल विभोर पंवार अपने कमरे में आग लगने से जिंदा जल गए। वे पुलिस लाइन में तैनात थे और ड्यूटी से लौटे थे। बीड़ी जलाते समय रजाई में आग लगने से यह हादसा हुआ। कमरे से धुआं उठता देख पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ा, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिवार को सौंप दिया।

जागरण संवाददाता, मेरठ। साकेत के शर्मा नगर स्थित गुरुद्वारे के समीप किराए के मकान में रहने वाले हेडकांस्टेबल विभोर पंवार बेडरूम के अंदर बिस्तर में जिंदा जल गए। आसपास के लोगों ने धुआं देखकर रूम का दरवाजा तोड़ा, तब तक उनकी मौत हो चुकी थीं।
शामली के कांधला थाने के नाला गांव निवासी विभोर पंवार 2011 बैंच के सिपाही पद पर पुलिस में भर्ती हुए थें। प्रमोशन होने के बाद हेडकांस्टेबल बन गए थे। दो साल पहले विभोर की तैनाती मेरठ में हो गईं थीं। इस समय पुलिस लाइन से उनकी ड्यूटी चल रही थी। मंगलवार को विभोर एडीजी आवास पर रात आठ बजे ड्यूटी कर कमरे पर लौट गए थे।
साकेत के शर्मा नगर में संजय शर्मा का मकान दो माह पहले ही उन्होंने किराए पर लिया था। इस मकान में विभोर के साथ हेडकांस्टेबल सतीश भी रहते हैं। बेटी की शादी के लिए सतीश छुट्टी लेकर घर गए हुए थे। सोमवार को ही विभोर पंवार भी घर से वापस लौटे थे।
रात करीब दस बजे बीडी जलाते समय की रजाई में आग लग गई। उन्होंने तत्काल ही आग बुझाकर सतीश की रजाई उठाकर ओढ़ ली। पत्नी को काल कर आग लगने की जानकारी भी दी। सुबह करीब साढ़े तीन बजे रूम के अंदर से धुआं उठता देखकर मकान मालिक संजय शर्मा मौके पर गए। उनकी जानकारी पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
मकान मालिक ने आसपास के लोगों की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ दिया था। दरअसल, कमरा अंदर से बंद था। एसआइ योगेश राजोरिया ने बताया कि विभोर का गर्दन से ऊपर का हिस्सा बचा हुआ था। बाकी पूरा शरीर जलकर कंकाल में बदल गया था।
दो रजाई और पूरा बेड जलकर राख बना हुआ था। हेडकांस्टेबल की मौत पर अफसरों को सूचना दी । पुलिस ने शव का पंचनामा भरने के बाद पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को शव सौंप दिया। परिवार के लोगों ने शव का नाला गांव ले जाकर अंतिम संस्कार कर दिया।
किराए के मकान में हेडकांस्टेबल की जलने से मौत हो गई। बीडी से रजाई में आग लगी और बेड तक जल गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराकर परिवार को सौंप दिया। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। ऐसे में इसे हादसा ही माना जा रहा है। -डा. विपिन ताडा, एसएसपी

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