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    Hastinapur Meerut: विश्वस्तरीय होगा हस्तिनापुर का आइकोनिक साइट, महाभारत के इतिहास और साक्ष्य जान पाएंगे लोग

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Mon, 15 Nov 2021 02:25 PM (IST)

    Hastinapur Meerut सब कुछ ठीक रहा तो जल्‍द ही लोगों को हस्तिनापुर में बहुत नया देखने को मिलेगा। दिसंबर से शुरू होगी हस्तिनापुर में खोदाई 40 लाख रुपये की आएगी पहली किस्त। पुरातत्व मंडल के खोदाई स्थलों से प्राप्त अवशेष प्रस्तावित संग्रहालय में रखे जाएंगे।

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    हस्तिनापुर में जिस आइकोनिक साइट के लिए कवायद शुरू हो गई है।

    प्रदीप द्विवेदी, मेरठ। Hastinapur Meerut हस्तिनापुर में जिस आइकोनिक साइट को बनाने के लिए कुछ साल पहले मोदी सरकार ने बजट के दौरान घोषणा की थी उसमें बड़े स्तर पर बदलाव की तैयारी चल रही है। आइकोनिक साइट को विश्वस्तरीय बनाने की योजना पर काम चल रहा है। ताकि महाभारत के इतिहास व साक्ष्य से लोग रूबरू हो सकें। राष्ट्रीय संग्रहालय उसका एक भाग होगा। मेरठ पुरातत्व मंडल के अंतर्गत सिनौली में जिस तरह से आर्यों के बारे में थ्योरी बदल गई है।

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    दिया जा रहा विशेष ध्‍यान

    मेरठ समेत आसपास के जिलों में तमाम नए साक्ष्य विभिन्न सभ्यताओं व काल के मिल रहे हैं, उससे अब केंद्र सरकार मेरठ मंडल पर विशेष ध्यान देने जा रही है। जिन-जिन स्थलों की खोदाई होनी है उसे अधिकारियों की टीम ने चिह्नित कर लिया है। सबसे पहले दिसंबर से हस्तिनापुर में खोदाई होगी। इसके लिए जल्द ही पहली किस्त के रूप में करीब 40 लाख रुपये पुरातत्व मंडल मेरठ को जारी होने वाले हैं। हस्तिनापुर समेत मंडल के सभी जिलों के स्थलों पर खोदाई में भी साक्ष्य, अवशेष आदि प्राप्त होंगे उसे हस्तिनापुर के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा जाएगा।

    इसलिए विश्वस्तरीय आइकोनिक साइट बनेगा हस्तिनापुर

    महाभारत काल में हस्तिनापुर अहम केंद्र था। संभावना जताई जा रही है कि यहां पांडव टीला समेत अन्य स्थलों की खोदाई की जाएगी तो बहुत कुछ नया और चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। पड़ोस के जिले सिनौली से जो अवशेष प्राप्त हुए थे, उससे पुरातत्व विभाग को एक नई दिशा दी। चूंकि मेरठ शहर में मेरठ पुरातत्व मंडल का मुख्यालय है। यहीं पर हस्तिनापुर प्रमुख स्थान है। हस्तिनापुर को विश्व में लोग वैसे भी जानते हैं अब बस उस स्थान से लोगों को रूबरू कराना है।

    इनका कहना है

    उम्मीद है कि दिसंबर से हस्तिनापुर में खोदाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए धनराशि जल्द जारी हो सकती है। हस्तिनापुर या आसपास के जिलों से जो भी अवशेष खोदाई से प्राप्त होंगे उसे यहां पर प्रस्तावित संग्रहालय में रखा जाएगा।

    - डीबी गननायक, पुरातत्वविद व पुरातात्विक अधीक्षक, मेरठ पुरातत्व मंडल