मेरठ में हंस राज हंस : सुन ले भोले बाबा मेरी कूक पपीहे वाली, लाई मैं सदा... Meerut News
मेरठ पहुंचे सूफी गायक और सांसद हंस राज हंस ने कार्यक्रम के दौरान भोले बाबा का गुणगान कर समां बांध दिया। लोगों में उनके साथ सेल्फी लेने की होड़ भी मची रही।
By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 03:23 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 03:23 PM (IST)
मेरठ, जेएनएन। कैंट स्थित बाबा कालेश्वर महादेव शिव मंदिर में शुक्रवार को सूफी गायक और सांसद हंस राज हंस ने भोले बाबा का गुणगान कर समां बांध दिया। महताब सिनेमा के पास स्थित मंदिर के परिसर में हिंदू समागम, महाआरती और श्रवण मास के भंडारे का आयोजन हुआ।
संगत खुश तो गायक सफल
अपने गीत और संगीत से लोगों के दिलों पर राज करने वाले हंस राज हंस ने कहा कि गायक तभी तक सफल जबतक संगत खुश है। संगत जब नाराज हो जाती है तो ऊपर वाला आवाज वापस ले लेता है। बिना किसी साज और पूर्व तैयारी के पंडाल में जमा खचाखच भक्तों की मांग पर हंस राज हंस ने भजन सुनाया।
‘उसे मिल गए दोनो जहां जिसे तूने दर बुला लिया’
‘तेरी नजर की वह कशिश कोई कि जमाने भर को झुका लिया’,
‘उसे पा लेते हैं जिन्हें जिनसे प्यार होता है’,
‘ऐसा एक नजर में बस एक ही बार होता है’,
‘बड़े मुकद्दर से होते हैं तेरे दरबार के दर्शन’,
‘बड़े नसीब से होते हैं तेरे दरबार के दर्शन’
‘तेरे दरबार भी कहां आना बार बार होता है’।
सरगम की लय पर तान छेड़ते हुए उन्होंने
‘सुन ले भोले बाबा मेरी कूक पपीहे वाली’,
भक्ति का सागर हिलोरे लेने लगा
‘लाई मैं सदा मेरी कूक पपीहे वाली’। भव्य मंच से एक हाथ से माइक पकड़े और दूसरा हाथ ऊपर कर हंस राज हंस ने निर्माणाधीन मंदिर को निहारते हुए जब भजन की उक्त दो लाइनें गुनगुनाई तो मौके पर मानों भक्ति का सागर हिलोरे लेने लगा। श्रद्धालु हाथ ऊपर उठाकर तालियां बजाते हुए सुर से सुर मिलाते रहे और सूफी गायकी के सम्राट गायक की शास्त्रीय शैली में गाए भजन की तान का आनंद लेते नजर आए। हंस राज हंस ने मंच से बोल शंकर के जयकारे भी लगाए। इसके पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल के साथ उन्होंने आठ फुट ऊंचे बर्फ के बनाए शिवलिंग की महाआरती की।
35 फुट ऊंचा भगवान शिव का दरबार
कार्यक्रम का आरंभ शिव बारात से हुआ। सदर दाल मंडी से नंदी पर सवार हो कर गण और भूत पिशाचों की बारात लेकर भोले बाबा मंदिर पहुंचे। बारात में तिरंगा लेकर चल रहे थे। शिव और पार्वती के विवाह की झांकी का मंचन हुआ। 35 फुट ऊंचा भगवान शिव का दरबार सजाया गया था। मंदिर के तरह-तरह शिखरों की आकृतियों के साथ मंच पर नरमुंड पर विराजमान और तांडव करते मुद्रा में भगवान शंकर मूर्ति विराजमान थी। इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन हुआ। आयोजक मंदिर समिति के अनिल अग्रवाल, अमन गुप्ता, पुरुषोत्तम अग्रवाल, संजय शर्मा, पवन, मंदिर औघड़नाथ के पुजारी श्रीधर त्रिपाठी, शारंगधर त्रिपाठी, हर्ष गोयल, भारत भूषण गुप्ता, अनिल कंसल, प्रफल्ल राजवंशी आदि मौजूद रहे। सोनू कृष्ण और कुलदीप सिंह लक्खा ने भी भजन सुनाए।
मोहब्बत प्रासइ लेस होती है
कालेश्वर महादेव मंदिर में बमुश्किल से पौन घंटा रुके हंस राज हंस लोगों के दिलों में उतर गए। जबरदस्त धक्का मुक्की के बावजूद सूफी गायक हंस राज हंस मुस्कराते हुए लोगों के साथ फोटो खिंचवाते रहे। तय समय से दो घंटा विलंब से पहुंचे हंस राज हंस ने जय बाबा बर्फनी के जयकारे से उन्होंने अपना संबोधन आरंभ किया। कहा मेरठ वह पहले आ चुके हैं लेकिन पहले बहुत सारे पैसे देकर लाते थे। पैसे मिल गए तो मोहब्बत नहीं मिलती, और मोहब्बत प्राइस लेस होती है।
संगत ने दिया है बहुत प्यार
कहा जितनी मोहब्बत से इस बार लाया गया है उतना पहले नहीं मिली। कहा संगत ने बहुत प्यार दिया है। हंस राज हंस ने कहा कि भोले शंकर क्रिएटर हैं, विनाश भी करते हैं उत्पत्ति भी वही करते हैं। उनका आर्शिवाद सब को मिले। मेरठ के सांसद को मास्टर राजेंद्र अग्रवाल कह कर संबोधित करते हुए उनकी सहृदयता और संसद में उनके मार्गदर्शन की तारीफ की। कहा अगली बार भी जब वह बुलाएंगे वह आएंगे।
सांसद ने किया सम्मानित
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा हंस राज हंस जितनी सहजता से यहां आ गए उन्हें बुलाना उतना आसान नहीं है। मेरठ के लोगों का उन्होंने मान रखा है। मंच पर उन्हें फटका और माला पहना कर सम्मानित किया गया। पंजाबी समाज के लोगों ने भी हंस राज हंस का सम्मान किया। आयोजन स्थल पर हंस राज हंस की एक झलक पाने को लोग बेताब रहे। महिलाओं, बच्चों, युवाओं और बुजुर्गो में सेल्फी लेने की होड़ लगी रही।
संगत खुश तो गायक सफल
अपने गीत और संगीत से लोगों के दिलों पर राज करने वाले हंस राज हंस ने कहा कि गायक तभी तक सफल जबतक संगत खुश है। संगत जब नाराज हो जाती है तो ऊपर वाला आवाज वापस ले लेता है। बिना किसी साज और पूर्व तैयारी के पंडाल में जमा खचाखच भक्तों की मांग पर हंस राज हंस ने भजन सुनाया।
‘उसे मिल गए दोनो जहां जिसे तूने दर बुला लिया’
‘तेरी नजर की वह कशिश कोई कि जमाने भर को झुका लिया’,
‘उसे पा लेते हैं जिन्हें जिनसे प्यार होता है’,
‘ऐसा एक नजर में बस एक ही बार होता है’,
‘बड़े मुकद्दर से होते हैं तेरे दरबार के दर्शन’,
‘बड़े नसीब से होते हैं तेरे दरबार के दर्शन’
‘तेरे दरबार भी कहां आना बार बार होता है’।
सरगम की लय पर तान छेड़ते हुए उन्होंने
‘सुन ले भोले बाबा मेरी कूक पपीहे वाली’,
भक्ति का सागर हिलोरे लेने लगा
‘लाई मैं सदा मेरी कूक पपीहे वाली’। भव्य मंच से एक हाथ से माइक पकड़े और दूसरा हाथ ऊपर कर हंस राज हंस ने निर्माणाधीन मंदिर को निहारते हुए जब भजन की उक्त दो लाइनें गुनगुनाई तो मौके पर मानों भक्ति का सागर हिलोरे लेने लगा। श्रद्धालु हाथ ऊपर उठाकर तालियां बजाते हुए सुर से सुर मिलाते रहे और सूफी गायकी के सम्राट गायक की शास्त्रीय शैली में गाए भजन की तान का आनंद लेते नजर आए। हंस राज हंस ने मंच से बोल शंकर के जयकारे भी लगाए। इसके पूर्व सांसद राजेंद्र अग्रवाल के साथ उन्होंने आठ फुट ऊंचे बर्फ के बनाए शिवलिंग की महाआरती की।
35 फुट ऊंचा भगवान शिव का दरबार
कार्यक्रम का आरंभ शिव बारात से हुआ। सदर दाल मंडी से नंदी पर सवार हो कर गण और भूत पिशाचों की बारात लेकर भोले बाबा मंदिर पहुंचे। बारात में तिरंगा लेकर चल रहे थे। शिव और पार्वती के विवाह की झांकी का मंचन हुआ। 35 फुट ऊंचा भगवान शिव का दरबार सजाया गया था। मंदिर के तरह-तरह शिखरों की आकृतियों के साथ मंच पर नरमुंड पर विराजमान और तांडव करते मुद्रा में भगवान शंकर मूर्ति विराजमान थी। इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन हुआ। आयोजक मंदिर समिति के अनिल अग्रवाल, अमन गुप्ता, पुरुषोत्तम अग्रवाल, संजय शर्मा, पवन, मंदिर औघड़नाथ के पुजारी श्रीधर त्रिपाठी, शारंगधर त्रिपाठी, हर्ष गोयल, भारत भूषण गुप्ता, अनिल कंसल, प्रफल्ल राजवंशी आदि मौजूद रहे। सोनू कृष्ण और कुलदीप सिंह लक्खा ने भी भजन सुनाए।
मोहब्बत प्रासइ लेस होती है
कालेश्वर महादेव मंदिर में बमुश्किल से पौन घंटा रुके हंस राज हंस लोगों के दिलों में उतर गए। जबरदस्त धक्का मुक्की के बावजूद सूफी गायक हंस राज हंस मुस्कराते हुए लोगों के साथ फोटो खिंचवाते रहे। तय समय से दो घंटा विलंब से पहुंचे हंस राज हंस ने जय बाबा बर्फनी के जयकारे से उन्होंने अपना संबोधन आरंभ किया। कहा मेरठ वह पहले आ चुके हैं लेकिन पहले बहुत सारे पैसे देकर लाते थे। पैसे मिल गए तो मोहब्बत नहीं मिलती, और मोहब्बत प्राइस लेस होती है।
संगत ने दिया है बहुत प्यार
कहा जितनी मोहब्बत से इस बार लाया गया है उतना पहले नहीं मिली। कहा संगत ने बहुत प्यार दिया है। हंस राज हंस ने कहा कि भोले शंकर क्रिएटर हैं, विनाश भी करते हैं उत्पत्ति भी वही करते हैं। उनका आर्शिवाद सब को मिले। मेरठ के सांसद को मास्टर राजेंद्र अग्रवाल कह कर संबोधित करते हुए उनकी सहृदयता और संसद में उनके मार्गदर्शन की तारीफ की। कहा अगली बार भी जब वह बुलाएंगे वह आएंगे।
सांसद ने किया सम्मानित
सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा हंस राज हंस जितनी सहजता से यहां आ गए उन्हें बुलाना उतना आसान नहीं है। मेरठ के लोगों का उन्होंने मान रखा है। मंच पर उन्हें फटका और माला पहना कर सम्मानित किया गया। पंजाबी समाज के लोगों ने भी हंस राज हंस का सम्मान किया। आयोजन स्थल पर हंस राज हंस की एक झलक पाने को लोग बेताब रहे। महिलाओं, बच्चों, युवाओं और बुजुर्गो में सेल्फी लेने की होड़ लगी रही।
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