20 कैरेट गोल्ड को बॉय बॉय, अब सिर्फ तीन कैटेगरी की होगी हॉलमार्किंग Meerut News
मेरठ में स्थानीय स्तर पर ज्यादातर कारीगर 20 कैरेट सोने की ज्वेलरी बनाते हैं। अगले साल से तीन कैटेगरी के कैरेट की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग की योजना है। ...और पढ़ें

मेरठ, जेएनएन। मेरठ में स्थानीय स्तर पर ज्यादातर कारीगर 20 कैरेट सोने की ज्वेलरी बनाते हैं। अगले साल से तीन कैटेगरी के कैरेट की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग की योजना है। इससे 20 कैरेट सोने की ज्वेलरी बनाने और बेचने वाले सराफा कारोबारियों की चिंता बढ़ने लगी है। एक साल का समय बचा है। बहुत से ज्वेलर्स 20 कैरेट के बने आभूषण को जल्द से जल्द निकालने में लगे हैं।
अब होगी तीन कैटेगरी
सोने के आभूषण को लेकर नए नियम बनाए गए हैं। इसमें अब तीन कैटेगरी यानी 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट की हॉलमार्क ज्वेलरी पूरे देश में बिक्री के लिए रहेगी। इसके अलावा किसी भी कैटेगरी की ज्वेलरी नहीं बेची जाएगी। तीन कैटेगरी के अलावा किसी भी कैरेट की ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग भी नहीं होगी।
ज्यादातर 20 कैरेट ज्वेलरी
मेरठ के सराफा बाजार में ज्यादातर कारीगर 20 कैरेट की ज्वेलरी बनाते हैं। 20 कैरेट की ज्वेलरी की बिक्री बंद होने से चिंतित दिखने लगे हैं। कुछ सराफा कारोबारियों ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिख 20 कैरेट की ज्वेलरी पर भी हॉलमार्किंग और बिक्री जारी रखने की मांग की है। हालांकि सरकार की मंशा को देखकर वह निराश भी दिख रहे हैं।
कैरेट से तय होते हैं भाव
सोने का सबसे शुद्ध रूप 24 कैरेट होता है। इसमें सोने की शुद्धता 99.99 फीसद होती है, लेकिन नरम होने की वजह से इसका आभूषण नहीं बनता। केवल सिक्के बनते हैं। इसकी कीमत सबसे अधिक होती है। 22 कैरेट में आभूषण बनाया जाता है। इसमें 22 फीसद सोना होता है। हालांकि 22 कैरेट की ज्वेलरी में डायमंड या नग नहीं लग पाता है। मेरठ में 18 कैरेट में जो ज्वेलरी बनाई जा रही है। उसमें 75 फीसद सोना और 25 फीसद चांदी या तांबे की मिलावट की जाती है।
इसकी ही है ज्यादा डिमांड
18 कैरेट में ज्यादातर डिजाइनिंग ज्वेलरी तैयार हो रही है। कारोबारियों के अनुसार 18 कैरेट किफायती और टिकाऊ होता है। 14 कैरेट सोने में मेरठ में ज्वेलरी नहीं बनती है। सराफा कारोबारियों की मानें तो 20 कैरेट की ज्वेलरी की मांग मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में है। इसमें सोने की शुद्धता करीब 84 फीसद होती है।
इनका कहना है
20 कैरेट की ज्वेलरी की बिक्री जारी रखने और इस पर हॉलमार्किंग करने की मांग की जा रही है। सरकार ने एक साल का समय दिया है। इसमें 20 कैरेट की ज्वेलरी का स्टाक निकालने के लिए कहा गया है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा गया है कि वह 20 कैरेट को भी अनुमति दें।
- सर्वेश सराफ, संगठन मंत्री, उत्तर प्रदेश सराफा एसोसिएशन
22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट की ज्वेलरी ही आने वाले समय में बेची जाएगी। तनिष्क में 22 कैरेट में आभूषण तैयार होते हैं। 18 कैरेट में डायमंड की ज्वेलरी बनती है। इसकी मांग ही रहती है। 14 कैरेट की ज्वेलरी की मांग मेरठ में नहीं रहती है।
- अभिषेक जैन, तनिष्क आबूलेन

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