मिट्टी भराव से पहले ग्राउंड लेवल बनाने का काम शुरू
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पांचवें चरण के निर्माण के लिए प्राथमिक कार्य तेजी से शुरू हो गए हैं। मिट्टी भराव करने से पहले ग्राउंड लेवल बनाने की शुरुआत हो गई है। इसे तकनीकी भाषा में ओजीएल यानी ओरिजिनल ग्राउंड लेवल कहा जाता है।

मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के पांचवें चरण के निर्माण के लिए प्राथमिक कार्य तेजी से शुरू हो गए हैं। मिट्टी भराव करने से पहले ग्राउंड लेवल बनाने की शुरुआत हो गई है। इसे तकनीकी भाषा में ओजीएल यानी ओरिजिनल ग्राउंड लेवल कहा जाता है। इस लेवल के ऊपर ही निर्धारित ऊंचाई तक मिट्टी का भराव किया जाता है। इस लेवल को तैयार करने के लिए रोलर, जेसीबी, डोजे व ग्रेडर समेत कई मशीनों का उपयोग किया जाता है। ठेका कंपनी को जो जमीन दी जाती है उसे एनजीएल यानी नेचुरल ग्राउंड लेवल कहा जाता है।
इससे पहले ठेका कंपनी ने टोपोग्राफी, फोटोग्राफी व एलाइनमेंट सर्वे पूर्ण कर लिया है। सड़क बनाने के लिए उपयोग के लिए निर्धारित भूमि का अधिकृत जमीन में से चिह्नीकरण किया गया है। गौरतलब है कि जमीन का अधिग्रहण अधिक किया जाता है, जबकि सड़क की चौड़ाई कम होती है। हापुड़ रोड से शुरू होगा चार लेन का बनेगा एक्सप्रेस-वे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का यह पांचवां चरण हापुड़ रोड स्थित लोहियानगर डंपिंग ग्राउंड के सामने से शुरू होगा। इसे परतापुर-डासना वाले हिस्से में जैनुद्दीनपुर में जोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई 14 किमी है। यह एक्सप्रेस-वे चार लेन का बनेगा जबकि परतापुर-डासना से होते हुए दिल्ली तक का एक्सप्रेस-वे छह लेन का है। गेहूं की फसल करा रही देरी
एक्सप्रेस-वे के लिए आवश्यक जमीन का अधिग्रहण भले ही हो गया है, लेकिन उस पर अभी तक किसान खेती कर रहे थे। जिन खेतों में आलू की फसल थी उसे तो किसानों ने खाली कर दिया है, जिन खेतों में गेहूं की फसल है उसे अभी खाली करने में थोड़ा वक्त लगेगा। इसलिए पूरे हिस्से में जहां-जहां खेत खाली मिलता जा रहा है ठेका कंपनी वहां पर शुरुआती काम कर रही है। यही नहीं भराव के लिए मिट्टी भी किसानों से ही खरीदी जाती है। खेत खाली होने पर मिट्टी के लिए खोदाई शुरू होगी।
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