मेरठ में कहां-कहां होगी ग्रीन पटाखों की बिक्री? आज से आवेदन कर सकेंगे पटाखा कारोबारी
मेरठ में 18 से 20 अक्टूबर तक 18 स्थानों पर हरित पटाखों की बिक्री होगी, जिसमें शहर के तीन प्रमुख स्थान शामिल हैं। पटाखा व्यापारियों को एडीएम सिटी कार्यालय में आवेदन करना होगा और स्थानीय अधिकारियों से एनओसी प्राप्त करनी होगी। केवल नीरी द्वारा पंजीकृत ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकेंगे, और सामान्य पटाखों की बिक्री पर रोक रहेगी। ग्रीन पटाखे कम धुएं और 125 डेसीबल तक की आवाज वाले होते हैं।

जागरण संवाददाता, मेरठ। जिले में 18 अक्टूबर से लेकर 20 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों की बिक्री हो सकती है। पटाखों की बिक्री शहर में जिमखाना मैदान, दिल्ली रोड स्थित रामलीला ग्राउंड व कंकरखेड़ा, नगर पालिका मवाना व सरधना, नगर पंचायत करनावल, परीक्षितगढ, लावड, हस्तिनापुर, सिवालखास, बहसुमा, खरखौदा, दौराला, फलावदा, किठोर, शाहजानपुर, हर्रा व खिवाई मुख्यालय पर चिन्हित स्थान पर होगी। पटाखा कारोबारी शनिवार को एडीएम सिटी कार्यालय में आवेदन करेंगे। स्थानीय निकाय, पुलिस, मुख्य अग्निशन अधिकारी व उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी की एनओसी कारोबारी को स्वयं लानी होगी।
एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि इन स्थानों पर शनिवार सुबह 10 बजे से सोमवार शाम छह बजे तक प्रतिदिन ग्रीन पटाखों की बिक्री की जाएगी। बकायदा ग्रीन पटाखा बेचने वालों को अस्थाई लाइसेंस जारी होंगे। यदि नगर निगम द्वारा शहर में किसी अन्य स्थान की अनुमति ग्रीन पटाखा बिक्री के लिए दी जाती है तो वहां भी बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस जारी होंगे। ऐसे ही अन्य निकायों में होगा।
बिना अनुमति नही बिकेंगे ग्रीन पटाखे
एडीएम ने बताया कि नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) की ओर से पंजीकृत ग्रीन पटाखा निर्माताओं द्वारा बनाए गए पटाखे ही इन कारोबारियों द्वारा बेचे जाएंगे। जो पटाखे लाइसेंसी दुकानदारों और पंजीकृत ग्रीन पटाखा निर्माताओं द्वारा नहीं बनाए गए होंगे, वे जब्त कर लिए जाएंगे। जनपद में अवैध रूप से चोरी-छिपे पटाखों की बिक्री की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केवल ग्रीन पटाखों की बिक्री और जलाने की अनुमति दी है। ऐसे में किसी भी हालत में ग्रीन पटाखों की अनुमति की आड़ में सामान्य पटाखों की बिक्री नही होने दी जाएगी। नगर मजिस्ट्रेट, अपर नगर मजिस्ट्रेट व समस्त एसडीएम संबंधित पुलिस क्षेत्राधिकारी के साथ इस पर निगरानी रखेंगे।
पटाखा कारोबारी को इन नियमों का करना होगा पालन
- - निर्धारित खुले स्थान पर ही कर सकेंगे बिक्री।
- - पटाखों का भंडारण भी आबादी के बीच नहीं हो सकेगा।
- - दुकानों पर करनी होगी अग्निशमन के उपायों की व्यवस्था।
ग्रीन पटाखों का धुआं निकलता है कम, आवाज 125 डेसीबल
ग्रीन पटाखों में धुआं कम निकलता है। इनमें बेरियम और भारी धातु जैसे सीसा, आर्सेनिक, क्रोमियम आदि का उपयोग नहीं होता है। इनकी आवाज की सीमा सामान्य पटाखों की तुलना में कम तथा 125 डेसीबल के भीतर होती है। इनमें डस्ट सप्रेसेंट्स और जिओलाइट जैसे पदार्थों का इस्तेमाल होता है, जो धुएं को दबाते हैं।
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