अच्छेे संकेत : मुजफ्फरनगर में दिखाई दिया राज्य पक्षी सारस, इतने सालों के बाद हुई आमद
मुजफ्फरनगर जिले में राज्य पक्षी की आहट को लेकर पक्षी शोधार्थी आशीष कुमार आर्य ने चरथावल क्षेत्र के घिस्सूखेड़ा चौकड़ा व कुटेसरा के जंगलों में सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि जंगल में सारस का जोड़ा घूमता मिला है।

मुजफ्फरनगर, जागरण संवाददाता। उप्र का राज्य पक्षी सारस (क्रेन) जिले में दिखाई दिया है। अब तक यह हैदरपुर रामसर साइट पर देखा जाता था, लेकिन लंबे समय बाद सामान्य रूप से खेतों में विचरण करता मिला है। इसके चित्रों को ग्रामीणों ने मोबाइल फोन में कैद कर दिया।
पक्षी शोधार्थी ने किया जंगलों में सर्वेक्षण
राज्य पक्षी की आहट को लेकर देहरादून के ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के पक्षी शोधार्थी आशीष कुमार आर्य ने चरथावल क्षेत्र के घिस्सूखेड़ा, चौकड़ा व कुटेसरा के जंगलों में सर्वेक्षण किया है। शोधार्थी ने बताया कि जंगल में सारस का जोड़ा घूमता मिला है। यह क्षेत्र के लिए सुखद है, जबकि इससे साफ है कि राज्य पक्षी का कुनबा बढ़ रहा है।
लगभग 15 वर्ष बाद दिखा सारस
शोधार्थी आशीष ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान कई पक्षियों की प्रजातियां मिलीं, जिसमें से सबसे ज्यादा कौतूहल का विषय सारस का मिलना रहा है। शोधार्थी ने बताया कि स्थानीय कृषक आदेश कुमार त्यागी, सुभाष त्यागी, प्रत्येश शर्मा एवं उमेश त्यागी ने बताया कि इस क्षेत्र में सारस लगभग 15 साल के बाद देखा गया है। सारस सबसे बड़ा उडऩे वाला पक्षी है। विलुप्त होते सारस का इस तरह से विभिन्न प्रकार के आवासों में मिलना एक अच्छा संकेत है।
रामसर साइट का मिलेगा लाभ
हैदरपुर वेटलैंड को रामसर साइट घोषित किया गया है। इसका भी सारस क्रेन को लाभ मिलेगा। यह पक्षी खुले रूप से बड़े क्षेत्रफल में आहार और प्रजनन करता है। इसके अंडों से 25-30 दिन में बच्चा बाहर निकलता है। धान और गन्ने की फसल कटाई के बाद जंगल में इसे अनुकूल वातावरण मिल रहा है। ये विभिन्न प्रकार का भोजन ग्रहण करते हैं, जो मौसम और अपनी पोषक आवश्यकताओं के अनुसार अपना आहार बदलते हैं। छोटे कृषकों, पक्षियों के अंडों, छोटी मछलियों, उभयचरों और कीड़ों से लेकर अनाज और जामुन खाना पसंद करता है।
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