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    Ganga Expressway: मेरठ से बदायूं तक 130 किमी सफर में बस ओवरब्रिज बना बाधा...20 दिसंबर तक समस्या के समाधान का दावा

    By Anuj Sharma Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 02:03 PM (IST)

    गंगा एक्सप्रेसवे के मेरठ से बदायूं तक के निर्माण में सिंभावली रेलवे ओवरब्रिज एक बड़ी रुकावट बन गया है। इस आरओबी की वजह से एक्सप्रेसवे का रूट बदलने की आशंका है, जिससे परियोजना में देरी हो सकती है। किसानों से जमीन का अधिग्रहण जारी है, लेकिन आरओबी के कारण निर्माण कार्य बाधित है।

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    गंगा एक्सप्रेसवे पर सिंभावली में रेलवे ओवरब्रिज की एप्रोच रोड पर किया जा रहा मिट्टी का भराव व लेवल चेक करते इंजीनियर l सौजन्य यूपीडा

    जागरण संवाददाता, मेरठ। मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के मेरठ से बदायूं तक 130 किमी लंबे पैकेज में सड़क काफी समय पहले से बनकर तैयार है। केवल हापुड़ जनपद के सिंभावली में रेलवे ओवर ब्रिज और उससे सटे तीन अन्य पुलों के संपर्क मार्ग का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इस विलंब का कारण मिट्टी की कमी को बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि 20 दिसंबर तक इन चारों पुलों को यातायात के लिए तैयार कर दिया जाएगा।

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    लगभग दो किमी लंबे इस प्रभावित इलाके को छोड़ दें तो बाकि पूरा मार्ग यात्रा के लिए तैयार है। यहां स्ट्रीट लाइट, सफेद रेडियम पट्टी, मार्ग पर स्पीड मीटर, सीसीटीवी कैमरे, कंट्रोल रूम, इनमें इंटरनेट कनेक्टिविटी का कार्य पूरा लिया गया है। सिंभावली में रेलवे ओवर ब्रिज समेत चार पुल की एप्रोच रोड बनी है चुनौती : इस पैकेज का निर्माण यूपीडा की पीआइयू (परियोजना क्रियान्वयन ईकाई) और संचालनकर्ता एजेंसी आइआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर की देखरेख में एल एंड टी कंपनी कर रही है।

    यूपीडा और आरआरबी के अधिकारियों का दावा है कि पहले भाग का काम लगभग पूरा कर लिया गया। केवल सिंभावली में रेलवे ओवर ब्रिज और उससे सटे फ्लाईओवर, अंडरपास समेत कुल चार पुलों की एप्रोच रोड के निर्माण कार्य में विलंब हुआ है। यह क्षेत्र गहरा है। जहां मिट्टी की उपलब्धता नहीं है। बरसात में यहां पानी भी खूब भरा। जिसके कारण लंबे समय तक काम नहीं हो सका। अब तेजी से एप्रोच रोड पर मिट्टी भराव का कार्य किया जा रहा है। जिसे दस दिन में पूरा करके काली सड़क का निर्माण किया जाएगा। अधिकारियों ने दावा किया कि 20 दिसंबर तक चारों पुलों के इस पूरे क्षेत्र में काली सड़क बनाकर यातायात के लिए तैयार कर दिया जाएगा।

    आंकड़े बताते हैं कि...
    594 किमी लंबा है मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेसवे
    130 किमी है मेरठ से बदायूं तक के पैकेज एक की लंबाई
    15 किलोमीटर है मेरठ जिले में एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 

    20 दिसंबर से पहले ही यह क्षेत्र वाहन चलाने के लिए तैयार हो जाएगा

    15 से 30 किमी दूर तक से मिट्टी मंगाई जा रही है। मिट्टी का काम दस दिन में पूरा हो जाएगा। जिसके बाद काली सड़क बनेगी। 20 दिसंबर से पहले ही यह क्षेत्र वाहन चलाने के लिए तैयार हो जाएगा। राकेश कुमार मोगा, यूपीडा परियोजना क्रियान्वयन इकाई एक्सईएन

    मेरठ-बदायूं के बीच पुलों की संख्या
    माइनर ब्रिज 28
    मेजर ब्रिज 5

    रेलवे ओवर ब्रिज 2
    फ्लाईओवर 9
    छोटे बड़े कुल अंडरपास 117
    कुल पुलों की संख्या 161

    मेरठ जनपद की सीमा में पुलों की संख्या
    मेजर ब्रिज 1
    फ्लाईओवर 2
    छोटे बड़े कुल अंडरपास 11
    कुल पुलों की संख्या 14

    एक्सप्रेसवे पर बनी सफेद रेडियम पट्टी, लगे स्वागत बोर्ड और स्पीड मीटर
    गंगा एक्सप्रेसवे का प्रवेश स्थल मेरठ में हापुड़ रोड पर गांव बिजौली में है। मेरठ जनपद में गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई 15 किमी है। इस पर स्वागत, संकेतक बोर्ड, स्पीड मीटर लग गए हैं। बदायूं तक पूरे मार्ग में रेडियम की सफेद पट्टी बना दी गई है। गांव खड़खड़ी में टोल प्लाजा बनाया गया है। टोल बूथों के लिए उपकरण उपलब्ध हैं। इन्हें स्थापित कराया जा रहा है। कंट्रोल रूम तथा सुरक्षा के लिए कैमरे स्थापित करके उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी से जोड़ दिया गया है।