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    अगर आपने भी कर दी ये कॉमल गलती तो बच्चों की सुनने की क्षमता हो सकती है कम, विशेषज्ञों ने बताया

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 04:26 PM (IST)

    मेरठ में राष्ट्रीय बरिधता बचाव कार्यक्रम के तहत जागरूकता शिविर लगा। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल ने संयुक्त रूप से संत रविदास गुरुकुलम में शिविर का आयोजन किया जिसमें 210 बच्चों की श्रवण क्षमता का परीक्षण किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मुफ्त परामर्श दिया और अभिभावकों को कान संबंधी समस्याओं के बारे में जागरूक किया। शिविर का उद्देश्य श्रवण विकारों की समय पर पहचान और रोकथाम करना था।

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    अधिक शोर वाले यंत्रों से बच्चों को रखें दूर, कम होती है श्रवण क्षमता

    जागरण संवाददाता, मेरठ। राष्ट्रीय बरिधता बचाव एवं रोकथाम कार्यक्रम के अंतर्गत “ नो ह्यूमन राइट्स विदआउट साइन लैंग्वेज राइट्स” थीम पर जागरुकता व जांच शिविर लगाए गए। मेडिकल कालेज व पीएल शर्मा जिला अस्पताल के संयुक्त प्रयास से यह शिविर संत रविदास गुरूकुलम सराय काजी में

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    के शिविर 210 बच्चों की श्रवण क्षमता का परीक्षण किया गया। नाक, कान गला और मुख की जांच कर विशेषज्ञ चिकित्सकों ने निश्शुल्क परामर्श दी। बच्चों को अधिक शोर करने वाले यंत्रों से होने वाले नुकसान व बचाव की जानकारी दी गई।

    मेडिकल कालेज से ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. विनीत शर्मा, जिला अस्पताल से डा. बीपी कौशिक सहित अन्य चिकित्सकों से अपनी सेवाएं दीं। इस शिविर का उद्देश्य श्रवण संबंधित विकारों की समय से पहचान, उपचार एवं रोकथाम सुनिश्चित करना था, जिससे वे शैक्षणिक एवं सामाजिक विकास में किसी प्रकार से बाधित न हों।

    शिविर में बच्चों के अभिभावकों को भी कान संबंधी समस्याओं, नियमित जांच की आवश्यकता, स्वच्छता और सावधानियों के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर संत रविदास गुरुकुलम के संयोजक हरि ओम शर्मा भी मौजूद रहे।