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मृदुभाषी और मददगार थे पूर्व मंत्री जयपाल सिंह

पूर्व मंत्री जयपाल सिंह का जन्म किसान परिवार में हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 05:15 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 05:15 AM (IST)
मृदुभाषी और मददगार थे पूर्व मंत्री जयपाल सिंह
मृदुभाषी और मददगार थे पूर्व मंत्री जयपाल सिंह

मेरठ,जेएनएन। पूर्व मंत्री जयपाल सिंह का जन्म किसान परिवार में हुआ था। स्वजन के साथ उन्होंने खेतों में कड़ा परिश्रम किया। वे काफी मृदुभाषी और लोगों की मदद करने वाले थे। स्वतंत्रता सेनानी रामचंद्र विकल उनके राजनीतिक गुरु थे।

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कस्बा निवासी प्रबोध शास्त्री ने बताया कि पूर्व मंत्री चौधरी जयपाल सिंह उनके अच्छे मित्र थे। वह गरीब किसान परिवार से थे। उनके मधुर व्यवहार तथा परेशान व्यक्ति को मदद पहुंचाने की उनकी विशेषता ने ही उन्हें आम आदमी का नेता बना दिया। लोगों की मदद करना उनका शौक था। विपक्षी भी उनके व्यवहार के कायल थे।

बलराज दिसोरी ने बताया कि पूर्व मंत्री बीएसएनएल कमेटी में सदस्य थे। जिस कारण खरखौदा कस्बे में बीएसएनएल कार्यालय का निर्माण हुआ। उनके प्रयास से ही कस्बे के घरों में टेलीफोन की घंटी बज सकी थी।

भाजपा के जिलामंत्री रोबिन गुर्जर का कहना है कि उनके कार्यकाल में क्षेत्र की जनता को 24 घंटे विद्युत अपूर्ति मिली। धर्मवीर चंदपुरा और जिला पंचायत सदस्य ऋषि त्यागी ने बताया कि लोहियानगर सब्जी मंडी की स्थापना पूर्व मंत्री चौधरी जयपाल सिंह के प्रयास से हुई। परतापुर हवाई पट्टी के निर्माण में भी पूर्व मंत्री चौधरी जयपाल सिंह की अहम भूमिका रही।

जयपाल सिंह ने कांग्रेस से बागी होकर लड़ा था चुनाव

चौधरी जयपाल सिंह गुर्जर 1980 में कांग्रेस पार्टी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था लेकिन कांग्रेस के दामोदर शर्मा से मात्र 250 वोटों से हार गए।

1993 में विधान सभा चुनाव के दौरान रामचंद्र विकल ने जयपाल सिंह की भाजपा में एंट्री करा दी। उनके प्रयास से ही जयपाल सिंह को भाजपा से खरखौदा विधान सभा चुनाव का टिकट मिला। इस चुनाव में उन्हें जीत के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल में स्थान मिला। पश्चिमी उप्र की गुर्जर समाज की राजनीति में बाबू हुकम सिंह के बाद जयपाल सिंह का ही नाम आता था।

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जयपाल सिंह का राजनीतिक सफर

- चौधरी जयपाल सिंह 1977 में काग्रेस से खरखौदा विधानसभा का चुनाव लड़े लेकिन हार गए।

- 1980 में निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े पर कांग्रेस के दामोदर शर्मा से 250 वोटों से हार मिली।

- 1993 में भाजपा से खरखौदा से विधायक बने।

- 1996 में भाजपा से पुन: विधायक बने और बसपा-भाजपा गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री मायावती के मंत्रिमंडल तथा उसके बाद कल्याण सिंह की सरकार में भी बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई एवं नलकूप मंत्री रहे। उसके बाद रामप्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में गठित मंत्रिमंडल में दुग्ध विकास मंत्री बने। - इन पदों पर भी रहे आसीन

जयपाल सिंह भारत दूरसंचार विभाग की कमेटी में नामित सदस्य रहे।

- अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री रहे।

- अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।

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बडे़ बेटे हैं भाजपा में सक्रिय

चौधरी जयपाल सिंह के बड़े बेटे प्रताप सिंह भाजपा में सक्रिय हैं। वहीं दूसरे बेटे विकास यमुना अथारिटी औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अधिशासी अभियंता हैं। तीसरे बेटे संजय गुर्जर ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। गुरुवार शाम कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए पूर्व मंत्री का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव लालपुर में किया गया। उनके निधन पर गांव और क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। भाजपा नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है।


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