Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भड़कना भी जीवन के लिए हो सकता है खतरा, इस तरह पहचानें लक्षण करें बचाव

    By Jagran NewsEdited By: Taruna Tayal
    Updated: Thu, 17 Nov 2022 04:00 PM (IST)

    भड़कना अक्सर एक श्वसन संक्रमण के कारण होता है। सीओपीडी (क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) वाले लोगों में अक्सर ह्दय रोग आस्टियोपोरोसिस मस्कुलोस्केलेटल विकार फेफड़ों का कैंसर अवसाद और चिंता जैसी बीमारी होती हैं। सीओपीडी पर नियंत्रण के लिए धूम्रपान को छोड़ना होगा।

    Hero Image
    सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है भड़कना।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। गंभीर रूप से भड़कना जीवन के लिए खतरा हो सकता है। भड़कना अक्सर एक श्वसन संक्रमण के कारण होता है। सीओपीडी (क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) वाले लोगों में अक्सर ह्दय रोग, आस्टियोपोरोसिस, मस्कुलोस्केलेटल विकार, फेफड़ों का कैंसर, अवसाद और चिंता जैसी बीमारी होती हैं। यह कहना है सांस व छाती रोग विशेषज्ञ डा. अमित अग्रवाल का।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सीओपीडी के लक्षण और बचाव

    डा. अग्रवाल ने न्यू मार्किट बेगमपुल रोड पर अपने क्लीनिक पर प्रेस वार्ता की। इस दौरान विश्व सीओपीडी दिवस पर सीओपीडी के लक्षण, उपचार व बचाव के बारे में जानकारी दी। डा. अग्रवाल ने बताया कि सीओपीडी के सामान्य लक्षण जीवन के मध्य से ही विकसित होते हैं। इनमें सांस फूलना, सांस लेने में कठिनाई, पुरानी खांसी अक्सर कफ के साथ, सांस के साथ घरघाट की आवाज व थकान आदि शामिल है। जैसे सीओपीडी बढ़ता है, लोगों को अपनी सामान्य दैनिक गतिविधियों को करने में अधिक कठिनाई होती है। अक्सर सांस फूलने के कारण दिक्कत होती है।

    इन बातों का रखें ख्‍याल

    डा. अग्रवाल ने बताया कि सीओपीडी वाले लोग अपने सीओपीडी को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए कई कदम उठा सकते हैं। इसके लिए धूम्रपान बंद करना चाहिए। नियमित व्यायाम करें। निमोनिया, इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस रोधी टीका लगावाएं। लक्षणों में सुधार और सीओपीडी को कम करने के लिए इनहेल्ड दवा का उपयोग किया जा सकता है। साथ ही विभिन्न प्रकार की दवाएं भी हैं जो अलग-अलग तरीकों से काम करती हैं। यदि उपलब्ध हों तो संयोजन इन्हेलर में दी जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि कुछ इन्हेलर वायुमार्ग खोलते हैं। डा. अग्रवाल ने बताया कि सीओपीडी के साथ रहने वाले लोगों को उनकी स्थिति, उपचार आत्म-देखभाल के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए। ताकि वे यथा संभव सक्रिय और स्वस्थ रह सकें।