फर्जी मरीजों को भर्ती दिखाकर बीमा कंपनी से क्लेम वसूली का राजफाश, अस्पताल संचालक समेत पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मेरठ में बीमा कंपनी से फर्जी क्लेम वसूली करने के मामले में पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अस्पताल में फर्जी मरीज भर्ती दिखाकर बीमा कंपन ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक फोटो
जागरण संवाददाता, मेरठ। बीमा कंपनी से फर्जी क्लेम वसूली करने वाले शुभकामना हास्पिटल के दो हिस्सेदारों समेत पांच कर्मचारियों को दबोच लिया। अस्पताल में फर्जी मरीज को भर्ती दिखाकर बीमा कंपनियों से मोटी रकम वसूली कर रहे थे। सितंबर 2024 से जनवरी तक पांच माह में सौ से ज्यादा लोगों को क्लेम वसूली करा चुके है। बीमा कंपनी के मैनेजर की तरफ से अस्पताल के संचालक और डाक्टरों समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
नौचंदी थाने के आरटीओ रोड पर शुभकामना हास्पिटल हैं, इसके मालिक राघड़ो की चौपल निवासी कामिल और मुस्तकीम हैं। फिलहाल अस्पताल को मीनू मलिक पत्नी अमित मलिक निवासी मंगल पांडेय नगर, झोलाछाप डाक्टर अख्तर निवासी सराय बहलीम और इमरान निवासी शास्त्रीनगर मिलकर संचालन कर रहे हैं। 50 प्रतिशत में मीनू और 25-25 प्रतिशत में अख्तर और इमरान की हिस्सेदारी हैं।
बजाज जनरल इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर सुधीर मिश्रा की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया। आरोप लगाया कि शुभकामना हास्पिटल के मालिक मीनू मलिक, मोहम्मद अख्तर, फिजिशियन डा. रचना और पैथोलाजिस्ट डा. अनिल लोधी अस्पताल में मरीजों को भर्ती किए बिना ही बीमा की रकम वसूली कर रहे हैं। राजीव अरोड़ा निवासी कृष्णा नगर पूर्वी दिल्ली को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बिना सर्जरी कराए ही उनकी सर्जरी दिखाकर बीमा की रकम वसूली गई.
इसी तरह से कपिल जैन निवासी करोल बाग सेंट्रल दिल्ली और नेहा को अस्पताल में मरीज दिखाकर भर्ती किया गया, जबकि जांच में सामने आया कि दोनों ही मरीज भर्ती नहीं हुए। बीमा कंपनी ने मामले की विस्तार से जांच कर एसएसपी से मामले की शिकायत की। उन्होंने एसपी सिटी मामले की जांच दी।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि शुभकामना अस्पताल में काम करने वाले टीपीए के कर्मचारी अवी कुमार निवासी कंकरखेड़ा और संदीप शर्मा निवासी गंगानगर को हिरासत में लेकर पूछताछ की। उन्होंने कबूल कर लिया कि सितंबर 2024 से जनवरी तक पांच माह में सौ से ज्यादा मरीजों का क्लेम वसूली किया जा चुका है। प्रत्येक माह में 25 से 30 मरीजों का क्लेम वसूली कर रहे थे। पुलिस ने तत्काल ही संचालक मीनू मलिक के पति अमित मलिक, हिस्सेदार इमरान और कर्मचारी बाना को भी हिरासत में ले लिया है।
ऐसे चलता था टीपीए की हिस्सेदारी का खेल
एसपी सिटी ने बताया कि अवी कुमार ने पूछताछ में बताया कि टीपीए के क्लेम की रकम से 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी मरीज को दी जाती थी। दस प्रतिशत टीपीए के कर्मचारी लेते थे। दस प्रतिशत ही रकम पैथोलाजिस्ट और दस प्रतिशत डाक्टरों को दी जाती थी। 45 प्रतिशत रकम का हिस्सा अस्पताल संचालक रखते थे। टीपीए से फर्जी बिल तैयार किए जाते थे। उसके बाद फिजिशियन डाक्टर रचना और पैथोलाजिस्ट डा. अनिल लोधी मरीज की फाइल तैयार करते थे। सभी मिलकर पिछले कई साल से टीपीए की रकम वसूल रहे हैं।
अस्पताल मालिक की भूमिका पर भी जांच कर रही पुलिस
बीमा की रकम वसूली में अस्पताल मालिकों की भूमिका की विस्तार से पुलिस जांच कर रही है। शुभकामना अस्पताल के मालिक कामिल मलिक और मुस्कीम निवासी राघड़ो की चौपाल कोतवाली के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही हैं। हालांकि बीमा कंपनी की तरफ से अस्पताल संचालक मीनू, इमरान और अख्तर को नामजद किया है। पुलिस देख रही है कि टीपीए की रकम से अस्पताल के मालिक कामिल और मुस्तकीम को कितनी हिस्सेदारी जाती थी। उक्त दोनों की संचालकों से बातचीत की डिटेल भी देखी जा रही है।
शुभकामना अस्पताल संचालक मीनू मलिक ने कहा कि यह मामला दस माह पुराना हैं, टीपीए में कार्यरत कर्मचारियों ने ही फर्जी मरीज दिखाकर बीमा कंपनियों से रकम वसूली थी। तभी कर्मचारी अवी कुमार को निकाल दिया था। हाल में अवी न्यूटिमा अस्पताल में काम कर रहा था। वहीं से पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। अहम बात यह है कि बीमा कंपनियों के कर्मचारियों की भी इसमें मिलीभगत है। कंपनी के कर्मचारी मरीजों को अस्पताल में देखने के बाद ही स्वीकृति देते हैं, जब अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं हुए, तब बीमा कंपनी के कर्मचारियों ने स्वीकृति कैसे दी। ऐसे में बीमा कंपनी के कर्मचारी भी दोषी है। इस पूरे प्रकरण में संचालकों को कोई लेना देना नहीं है.

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