'16 साल पहले ही रिश्ता तोड़ दिया था...', मुठभेड़ में मारे गए शहजाद के पिता ने शव लेने से किया इनकार
मुठभेड़ में मारे गए शहजाद के पिता ने शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने 16 साल पहले ही उससे नाता तोड़ लिया था। यह घटना परिवार के साथ उसके संबंधों की जटिलता को उजागर करती है। पिता का यह फैसला दुखद है और परिवार के बीच गहरे मतभेद को दर्शाता है।

जागरण संवाददाता, मवाना। बहसूमा थाना क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर शकिस्त निवासी व हाल पता कस्बा निवासी 25 हजार के इनामी बदमाश शहजाद उर्फ निक्की सोमवार तड़के सरूरपुर क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। छह वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के गामले में वह फरार चल रहा था।
गत दिवस वह पीड़िता के स्वजन पर समझौते के लिए दबाव बनाने फायरिंग कर गया था। सुबह थाना पुलिस मृतक के स्वजन के पास सूचना देने पहुंचे तो उन्होंने शव लेने से साफ इंकार कर दिया। कहा कि 16 साल पूर्व ही उन्होंने उससे संबंध समाप्त कर दिए थे।
बदमाश शहजाद उर्फ निक्की के खिलाफ बहसूमा थाने पर चोरी, लूट, सामूहिक दुष्कर्म समेत चार मामले दर्ज थे। पहला मुकदमा वर्ष-2019 में चोरी का दर्ज हुआ। इसी वर्ष इसपर युवती से छेड़छाड़ और दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट का दर्ज हुआ। करीब दस महीने पहले यानी जनवरी माह में छह वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में वह काफी समय से वांछित चल रहा था। गत दिवस वह बालिका के स्वजन को धमकाने पहुंच गया।
जब वह समझौते को तैयार नहीं हुए तो आरोपित ने उनके घर पर फायरिंग कर फरार हाे गया। उसके बाद पुलिस हरकत में आई और 25हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। पुलिस व सर्विलांस के साथ एसओजी उसके पीछे लगी हुई थी। जिससे सरुरपुर क्षेत्र में मुठभेड़ में मार गिराया।
उक्त मामले में की सूचना इंस्पेक्टर औवेस खान मृतक के स्वजन के घर सूचना देने पहुंचे तो वहां मिले मृतक के पिता रहीसुद्दीन उर्फ पप्पू व उसकी मां नसीमा साफ कर दिया उसके दो ही बेटे हैं।
शाहजाद तीसरा बेटा था लेकिन उसके गलत कार्य के चलते उसने 16साल पूर्व उससे सभी नाते तोड़ दिए। अगर इस बीच वह जेल में भी गया तो उन्होंने न पैरवी की और न ही जमानत का प्रयास किया। उससे कोई संबंध नहीं है। वह शव नहीं लेंगे।
जबकि सीओ पंकज लवानिया भी मृतक के घर पहुंचे लेकिन उन्होंने उनसे भी शव लेने से साफ इनकार कर दिया। मृतक की मां का नाम नसीमा भी अपने पति के फैसले के साथ अडिग रही। वहीं, मृतक के दो छोटे भाई परवेज और वसीम भी वहां मौजूद रहे। जबकि रहीसुद्दीन लोगों की कटिंग कर स्वजन की जीविका चलाते थे।
मेरठ के कब्रिस्तान में शव का हुआ दफीना
बहसूमा थाने के एएसपी कृष राजपूत ने बताया कि स्वजन द्वारा शहजाद का शव लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद मेरठ के कब्रिस्तान में ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
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