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    शामली में निर्माण कंपनी के प्लांट पर किसानों ने किया कब्जा, बंद कराया कार्य, उच‍ित मुआवजे की मांग

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Thu, 01 Sep 2022 03:38 PM (IST)

    दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कारिडोर के तहत अधिग्रहण का भूमि का उचित मुआवजा और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने गुरुवार को बुटराडा के पास निर्माण कंपनी के प्लांट पर कब्जा कर लिया। बुटराडा के पास है कंपनी का बैचिंग प्लांट पुलिस मौके पर पहुंची।

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    इकोनामिक कारिडोर के लिए अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा दिलाने की मांग।

    शामली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-देहरादून इकोनामिक कारिडोर के तहत अधिग्रहण का भूमि का उचित मुआवजा और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने गुरुवार को बुटराडा के पास निर्माण कंपनी के प्लांट पर कब्जा कर लिया। मशीनें बंद कराकर कार्य रोक दिया गया। किसानों ने कहा कि प्रशासन किसानों की मांगों की अनदेखी कर रहा है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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    बड़ी संख्‍या में एकत्र हुए किसान

    मामले में किसान संघर्ष समिति द्वारा गुरुवार को 36 वें दिन भी बुटराडा जंक्शन के पास धरना प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भाकियू के जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान सहित अन्य पदाधिकारियों के अलावा बड़ी संख्या में किसान एकत्र हुए। इसके बाद सभी किसान पास में ही कंपनी के बैचिंग प्लांट पर पहुंच गए। बैंचिंग प्लांट पर कंकरीट, सीमेंट और कोरसेंट मिलाकर निर्माण सामग्री तैयार कराई जाती है। किसानों की भीड़ प्लांट पर ही धरना देकर बैठ गई।


    भूमि की पैमाइश कराने के बाद ही कब्जा

    भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान और संघर्ष समिति के अध्यक्ष ठाकुर वीर सिंह व सचिव विदेश मलिक ने कहा कि किसान संघर्ष समिति शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर रही है। इकोनामिक कारिडोर के तहत किसान एक प्रोजेक्ट एक मुआवजे की मांग कर रहे हैं। साथ ही कारिडोर में अधिग्रहण की गई भूमि की पैमाइश कराने के बाद ही कब्जा लेने की बात कही जा रही है, लेकिन निर्माण कंपनी के अधिकारी हठधर्मिता पर उतर आए हैं। गांवों में पहुंचकर बगैर पैमाइश के ही भूमि पर कब्जा लेने का प्रयास किया जा रहा है। इसी वजह से किसानों को मजबूरीवश कंपनी के प्लांट पर मशीनें बंद कराकर कार्य रोकना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन भी किसानों की अनदेखी कर रहा है। दो दौर की वार्ता होने के बावजूद किसानों की मांगे पूरी नहीं की जा रही हैं।

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