Durga Puja 2022: मेरठ में देवी मूर्ति के संग आकार ले रही हैं खुशियां, नवरात्र में डिमांड 80 प्रतिशत तक बढ़ी
durga puja 2022 मेरठ में मूर्तियां बनाने के लिए मिट्टी हरियाणा के झज्जर से आती हैं और मूर्ति को आकार देने के बाद यमुना नदी की मिट्टी से उसे चिकना और आकर्षक बनाया जाता है। 6 इंच से 7 फुट ऊंची मूर्ति बनाने में दिन रात लगे हुए है मूर्तिकार।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Durga Puja 2022 पुत्र गणेश के बाद अब मां दुर्गा की मूर्तियां आकार ले रही हैं। इन दिनों मेरठ शहर के थापर नगर का नजारा बदला हुआ है। आकार लेती मां दुर्गा की मूर्तियां दूर से ही दिखाई दे रही हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि मां दुर्गा के आगमन जल्द ही होने वाला है। इस इलाके में मिट्टी की खुशबू लोगों को अपनी ओर खींच रही है।
कोरोना के चलते दो साल कष्ट के बीते
अभी से मिल रहे मूर्ति के आर्डर को देखते हुए मूर्तिकारों का कहना है कि इस साल कोरोना काल से पहले की तरह ही आर्डर आ रहे हैं। दो साल कष्ट में गुजरे लेकिन इस बार यह नवरात्र देवी की कृपा से खुशियां लेकर आया है। हालांकि मूर्तिकारों का यह भी कहना है कि उन्हें नई मिट्टी मिलने में परेशानी हो रही है, नई मिट्टी के न मिलने से वह पुरानी मिट्टी से ही काम चला रहे हैं।
हरियाणा से आती है मिट्टी
मूर्तियां बनाने के लिए मिट्टी हरियाणा के झज्जर से आती हैं, और मूर्ति को आकार देने के बाद यमुना नदी की मिट्टी से उसे चिकना और आकर्षक बनाया जाता है। मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए तालाब वाली काली और चिकनी मिट्टी को भी अच्छा माना जाता है। इस बार एक कुंतल मिट्टी की कीमत एक हजार रुपये है, जो तीन साल पहले तक मात्र 500 रुपये में मिल जाती थी।
माता का श्रृंगार भी हुआ महंगा
दुर्गा पूजा के लिए बनने वाली बड़ी मूर्तियों में केश, नथ, चूड़ी, टीका और मुकुट सभी कुछ कोलकाता से ही मंगवाया जाता है। जिनकी कीमत इस बार 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यह भी एक कारण है कि इस बार मूर्तियों की कीमत में बढोत्तरी हुई है। मूर्तिकार 6 इंच से लेकर 7 फुट तक की मूर्ति बना रहे हैं। इनकी कीमत 75 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक है।
सबसे बड़ी खासियत
दुर्गा पूजा के लिए बनने वाली देवी की मूर्तियों की सबसे बड़ी खासियत है कि इन्हें बंगाल के कारीगरों द्वारा ही तैयार किया जा रहा है। मूर्तियों में बंगाल की कला और देवी का वहीं रूप नजर आ रहा है। इस बार 80 प्रतिशत मांग इस बार उम्मीद की जा रही है कि नवरात्र में मिट्टी की मूर्तियों की मांग 80 प्रतिशत से अधिक रहेगी।
कई शहरों में जाती है मेरठ की मूर्तियां
घर-घर में देवी पूजन के बाद मूर्ति विसर्जन के लिए लोग मिट्टी की मूर्तियां ही अधिक पसंद कर रहे हैं। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है, कि मिट्टी के कारोबार में इस बार तेजी रहेगी। इसलिए महंगी होने के बावजूद इस बार मिट्टी की मूर्तियां ही ज्यादा पसंद कर रहे हैं। मेरठ की बनी मूर्तियां इस साल दिल्ली, मोदीनगर, गाजियाबाद, मुरादनगर, शामली, मुजफ्फरनगर और शहर में कई स्थानों पर जाएगी।
इनका है यह कहना
इस बार मिट्टी की मूर्तियों की मांग अच्छी है। छोटी बड़ी सभी आकार की मूर्तियां बनाई जा रही है। नवरात्र में अब कम ही समय रह गया है। इसलिए दिन रात काम करके आर्डर पूरे किया जा रहे हैं।
- मनोज प्रजापति, मूर्तिकार अजंता मूर्ति कला केंद्र थापर नगर
दो साल बाद मूर्तियों के अच्छे आर्डर मिले हैं, मांग भी काफी है। देवी की मूर्ति बनाने के लिए खास बंगाल के कारीगर बुलाए गए है। जो मूर्ति को आकार और उनका रंग रूप संवार रहे हैं।
- विक्की प्रजापति, मूर्तिकार मदनलाल मैसर्स थापर नगर