जुकाम, खांसी और छींक को हल्के में न लें...अस्थमा बन सकता है
ठंड बढ़ने के साथ ही जुकाम, खांसी, गले में दर्द के मरीज बढ़ने लगे हैं। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन समय पर दवा लेना जरूरी है।
मेरठ, [जागरण स्पेशल]। कड़ाके की सर्दी और धुंध से सांस के मरीजों का दम उखड़ने लगा है। सांस की एलर्जी, जुकाम, छींक, सिरदर्द, सांस फूलने के साथ ही स्वाइन फ्लू के भी मरीज बढ़े हैं। एलर्जिक रानाइटिस एवं साइनोसाइटिस भी उभरी है। हर तीसरे बच्चे पर अस्थमा का रिस्क है। दैनिक जागरण ने नियमित कालम प्रश्न पहर में सांस एवं छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित अग्रवाल को आमंत्रित किया, जिनसे फोन पर दर्जनों मरीजों ने इलाज पूछा।
मेरी नाक में एलर्जी है। छाती में दर्द, और चलने पर सांस फूलती है। क्या करूं?
मोहम्मद उमर, ऊंचा सद्दीकनगर
- स्मोकिंग से दूर रहें। धूलभरे माहौल में न रहें। ये एलर्जिक रानाइटिस के लक्षण हैं। समय रहते इलाज कराएं, अन्यथा ब्रांकल अस्थमा के मरीज बन सकते हैं।
मैं भरपूर सांस नहीं ले पाता हूं। 20 साल से घुटन सी महसूस होती है। हार्ट में स्टेंट डला है, क्या करूं?
कौशल त्यागी, मेरठ
- आपको किसी चीज की एलर्जी तो नहीं? अगर ऐसा नहीं। वजन भी ठीक है। ये चेस्ट स्पाज्म के लक्षण हो सकते हैं। यह मनोवैज्ञानिक भी होता है। आप लंग फंक्शन टेस्ट भी कराएं।
कई साल तक धूम्रपान कर चुका हूं। अब चलने में सांस फूलती है। क्या करूं?
राजकुमार, मेरठ
- कई बार हार्ट की पंपिंग कम होने पर भी सांस फूलती है, ऐसे में इको कराएं। लंग्स फंक्शन टेस्ट भी जरूरी है, जिसके बाद ही इलाज कराएं।
स्वाइन फ्लू क्या है। इसमें किस प्रकार का खतरा होता है, और बचाव के लिए क्या करना होगा?
विवेक गर्ग, लालकुर्ती
- स्वाइन फ्लू एक प्रकार का एन्फ्लुएंजा वायरस है, जिसे एच1एन1 कहते हैं। यह बीमारी मेरठ में पहुंच चुकी है, किंतु डरने की जरूरत नहीं। छींक, खांसी, जुकाम, गले में दर्द और कमजोरी के लक्षण उभरते हैं। मेडिकल कॉलेज की लैब से जांच कराएं। अगर पॉजिटिव मिले तो सिर्फ टेमीफ्लू टेबलेट का सेवन करें। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के मरीजों में निमोनिया जल्दी बनता है, जिसमें मौत का रिस्क है।
दायें हाथ की पसली के नीचे का दर्द पीछे तक पहुंचता है। गैस भी ज्यादा बनती है, क्या करूं?
शकील, मवाना
- आप अल्ट्रासाउंड कराएं। पित्त की थैली में पथरी के संकेत हैं। यह चेस्ट की बीमारी नहीं है।
मेरी 10 साल की बेटी को बार-बार खांसी आती है, जो रात में तेज हो जाती है।
एके सिंह, मोदीनगर
- मौसम में बदलाव पर अगर ऐसा होता है तो ये एलर्जिक रानाइटिस है। आप फ्लॉक्सीनेकज नेजल स्प्रे बच्ची की नाक में डालें, आराम मिलेगा।
मेरी मां 65 साल की हैं, जिन्हें खांसी व सांस की बीमारी है।
दिनेश कुमार, मेरठ
- एलेक्स सिरप दो-दो चम्मच लें। एक्स रे व ब्लड टेस्ट भी कराएं।
मेरी नाक की हड्डी बढ़ी है। इस मौसम में सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होती है।
मोहम्मद आसिफ, मेरठ
- नाक की हड्डी का आपरेशन ही इलाज है। उसके बाद एंटी एलर्जिक दवाएं कारगर होती हैं।
मुझे पांच माह से खांसी है। सांस के साथ सायं-सायं की आवाज भी आती है।
नवीन कुमार, गंगानगर
- ये अस्थमा के लक्षण प्रतीत होते हैं। घर में चूल्हा बंद कराएं। एक्स रे व ब्लड टेस्ट कराएं। इनहेलर लेना होगा।
मुझे दीवाली के बाद ठंड लगी, और तब से खांसी आ रही। अब बात करने में भी सांस फूलने लगी है।
आनंद त्यागी, शास्त्रीनगर
- आपको पहले से कोई एलर्जी की बीमारी है। छींक भी आती है तो एलर्जिक रानाइटिस के लक्षण हैं। मोंटेंयर एफएक्स टेबलेट लीजिए।
सुबह टहलने जाता हूं तो दम फूलता है। गले में बलगम अटक जाता है।
देवपाल सिंह, राधना
- धूमपान तो नहीं करते? इससे समस्या और बढ़ेगी। गले में बलगम का अटकना ठीक नहीं है। ब्लड टेस्ट एवं एक्स रे के साथ ही फेफड़े की भी जांच कराएं। सुबह धूप निकलने के बाद ही टहलें।
मैं 15 साल से धूम्रपान करता हूं। अब हर दिन सांस फूलती है।
योगेश, भगवानपुर
- खून की जांच, एक्स रे, फेफड़े की जांच के बाद सटीक इलाज मिलेगा। फिलहाल डेरीफेलिन टेबलेट-150 मिलीग्राम लें।
मैं हार्ट का मरीज हूं। सांस भी फूलती है। नाक की एलर्जी है।
तहसीन अली, फलावदा
- हार्ट की पंपिंग कम होने पर भी सांस फूलती है। फिलहाल, एंटी एलर्जिक टेबलेट मोंटेयर-एफएक्स 15 दिनों तक खाएं।
शाम को दूध पीने पर गले में कफ जम जाती है। सांस में समस्या है।
अरुण कुमार, जेलचुंगी
- दूध से आपको पहले भी एलर्जी रही होगी। इसका केसीन गले में कफ बना सकता है, जिससे सांस की परेशानी होती है। सुबह दूध पिएं।
मेरा वजन 85 किलो है। चलने पर सांस फूलती है। पैरो में दर्द रहता है। नहाने के बाद नाक बहती है।
अरविंद गुप्ता, मेरठ
- वजन कम करना होगा। सांस फूलने की कई वजहें हो सकती हैं। दीवाली से बढ़े प्रदूषण से भी कई लोगों में यह परेशानी देखी गई। सुबह के बजाए दोपहर में टहलें। एंटी एलर्जिक गोली ले सकते हैं।
मुझे सर्दियों में नाक की एलर्जी, छींक, पानी बहने की बीमारी हो जाती है, जो सुबह दस बजे के बाद ठीक हो जाती है। क्या करूं।
लोकेश, कंकरखेड़ा
- एंटी एलर्जिक फ्लोमिस्ट नेजल स्प्रे लें। ये एलर्जिक रानाइटिस के लक्षण हैं।
मेरी मां दमा की मरीज थीं, जो बचपन से मुङो भी है। क्या ठीक हो जाएगी?
शिवनारायण वर्मा, साबुनगोदाम
- अगर परिवार में इस बीमारी की हिस्ट्री रही है तो ठीक नहीं होगी। किंतु नई दवाओं से मरीज पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकता है।
चलने या हाथ पैर हिलाने से छाती में जकड़न हो जाती है, जो लेटने पर ज्यादा महसूस होती है।
वीर सिंह, परतापुर
- अगर हार्ट की रिपोर्ट सामान्य है तो ठीक है। आप एक्स रे एवं लंग फंक्शन टेस्ट कराएं। एसीडिटी से भी बचाव करें।
मेरा आठ साल का बेटा है, जिसे नजला, जुकाम व खांसी बनी रहती है।
अमित कुमार, प्रहलादनगर
- ऐसे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। रोटा कैपसूल देते रहें। बच्चे की चेस्ट फिजीशियन से भी जांच कराएं।
मेरे पापा 60 साल के हैं, जिन्हें सीढ़ी चढ़ने व पैदल चलने में सांस फूलती है।
प्रियंका, शास्त्रीनगर
- हार्ट या लंग की बीमारी से सांस फूलती है। डाक्टर से संपर्क कर फेफड़ों की जांच कराएं। हार्ट के डाक्टर से भी मिलें। सही कारण पता चलने पर इलाज संभव है।
मेरी सांस सुबह और शाम ज्यादा फूलती है।
मोहम्मद सलीम, इस्लामाबाद
- आप मोंटीकॉप 15 दिनों तक सेवन करें। साथ ही चेस्ट फिजीशियन के संपर्क में रहें।
ये हैं खास सुझाव
- धूमपान, एल्कोहल, चिकनाईयुक्त भोजन, खट्टी व ठंडी चीजें न खाएं। घर में रोएंदार कपड़े, कोई जानवर, गुलदस्ता, कारपेट व खिड़की की धूल से बचाव करें।
- छाती एवं सांस के मरीजों को सर्दी में ज्यादा दिक्कत होती है। फेफड़ों की क्षमता कम होने से वो पूरी सांस नहीं ले पाते, जिससे शरीर में आक्सीजन कम पड़ने लगता है।
- एन-95 मास्क से शुद्ध हवा यानी छह माईक्रान तक के सूक्ष्म कण छन जाएंगे। इसका प्रयोग कर सकते हैं।
- उच्च प्रोटीनयुक्त भोजन जैसे सोयाबीन, मूंगफली, दाल, पनीर की मात्र भोजन में बढ़ाएं। इससे प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होगी।
- स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए किसी की छींक व थूक से दूर रहें। हाथ न मिलाएं। दिन में कई बार हाथ धोएं। शुगर, हार्ट, किडनी, संक्रमण व 65 साल की उम्र के लोग एच1एन1 की नई वैक्सीन लगवाएं।
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