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    20 हजार प्रतिगज वाली जमीन, मात्र पांच हजार में क्यों बेच रहे लोग!... पलायन के पोस्टर भी लगे, जिम्मेदार मौन

    By Shubham Gupta Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 05:30 PM (IST)

    मेरठ के सरधना में डेरी संचालकों की मनमानी से परेशान होकर लोगों ने अपने घरों पर 'मकान बिकाऊ है' के पोस्टर लगा दिए। नालियों में गोबर बहाने और गंदगी से त ...और पढ़ें

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    सरधना के मुहल्ला कालंद रोड नई बस्ती में नालियों में गोबर बहाने को लेकर विरोध जताते लोग। जागरण 

    जागरण संवाददाता, सरधना (मेरठ)। कस्बे के मुहल्ला कालंद रोड नई बस्ती में डेरी संचालक की मनमानी से परेशान लोगों के सब्र का बांध आखिर टूट गया। नालियों में गोबर बहाने और लगातार फैल रही बदबू व गंदगी से तंग आकर एक दर्जन से अधिक परिवारों ने अपने घरों के बाहर ‘रास्ते में गंदगी होने की वजह से अपना मकान बेचने को मजबूर हूं’ के पोस्टर चस्पा कर दिए। साथ ही नगर पालिका के चेयरमैन व स्थानीय प्रशासन के प्रति गहरी नाराजगी जताई। बताया कि विरोध करने पर डेरी संचालक नगरपालिका की साठगांठ का हवाला देते हैं।

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    मुहल्ला कालंद रोड नई बस्ती में लगभग 15 सौ से दो हजार की आबादी है। यहां 10 से 15 डेरी हैं। जिनमें दो हजार पशु हैं। नूर इलाही मास्टर, याकूब, इरशाद, दीन मोहम्मद, यामीन, रहमान, लुकमान, राशिद, शमशाद, नौशाद, काला, शादाब, शाहिद, जाहिद व खालिद का आरोप है कि अधिकांश डेरी संचालक नियम-कायदे ताक पर रखकर लगातार नालियों में गोबर बहा रहे हैं। जिसके चलते गंदगी फैली है और नाली चोक होने से सड़क पर जलभराव हो गया है। कई बार चेयरमैन से लेकर स्थानीय प्रशासन को शिकायत की, लेकिन, कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके चलते उन्होंने मकान बिकाऊ के पोस्टर चस्पा कर दिए।

    20 हजार का रेट, अब पांच हजार रुपये प्रतिगज के हिसाब से घर बेचने को तैयार
    स्थानीय कुछ लोगों ने रोष जताते हुए बताया कि यहां पर जमीन का दाम सामान्यत 20 हजार रुपये प्रति गज के आसपास हैं, लेकिन लगातार बिगड़ते माहौल और स्वास्थ्य जोखिमों के चलते अब मजबूरी में ही पांच हजार रुपये प्रति गज तक का भाव लगाकर घर बेचने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय किसी इच्छा से नहीं, बल्कि मजबूरी में लिया गया है। जब इस मामले में ईओ दीपिका शुक्ला से संपर्क करने का प्रयास किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।

    15 दिन में दो हादसे, तब भी हालात जस के तस
    बताया कि दो सप्ताह में दो हादसे हो चुके हैं। लगभग 15 दिन पहले शमीम नाम की महिला गंदगी के चलते फिसल कर गई थीं। जिसके बाद उसके हाथ में फैक्चर हो गया था। बीते सोमवार को छह साल की मासूम हिफ्जा ट्यूशन पढ़ने जा रही थी। वह भी चोटिल हो गई। शहजाद ने बताया कि चिकित्सक ने उसकी बेटी को सिटी स्कैन करवाने के लिए बोला है।

    दो दिन पहले लगे पोस्टर, पुलिस अभी तक अनजान
    सरधना पुलिस का तंत्र कितना मजबूत है, इस बात का अंदाजा इस प्रकरण से लग सकता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि दो दिन पहले उन्होंने इस समस्या से परेशान होकर मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा लिए थे, लेकिन पुलिस को कोई भनक तक नहीं लगी।

    समस्या गंभीर है, समस्या का समाधान होगा
    समस्या गंभीर है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर बायो इलेक्ट्रिक सिटी बनाने वाली कंपनियों से बात की जा रही है। कस्बे में दो से तीन जगह स्थान बनाया जाएगा, जहां पर डेरी संचालक गोबर डालेंगे। वहां से कंपनी स्वयं गोबर कलेक्ट करवाएगी। अगर इसके बाद भी डेरी संचालक चिह्नित स्थान पर गोबर नहीं डालते तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।-उदित नारायण सेंगर, एसडीएम सरधना।