स्वयं को शून्य में विलीन कर अनंत से एकाकार होना है मोक्ष प्राप्ति का मार्ग : बलूनी
किनौनी स्थित बजाज शुगर मिल परिसर में चल रहे पांच दिवसीय सनातन सत्संग ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को आचार्य सुशील बलूनी ने श्रद्धालुओं को नवग्रह, संख्याओं के रहस्य और सांख्य ज्योतिष के गूढ़ सूत्रों पर विस्तार से प्रवचन दिया। आचार्य ने कहा कि मनुष्य का जीवन ब्रह्मांड के नौ ग्रह और नौ संख्याओं से जुड़ा है।

किनौनी शुगर मिल में कथा सुनाते आचार्य सुशील बलूनी। सौ. मिल प्रबंधन
संवाद सूत्र, जागरण, रोहटा (मेरठ)। किनौनी स्थित बजाज शुगर मिल परिसर में चल रहे पांच दिवसीय सनातन सत्संग ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन सोमवार को आचार्य सुशील बलूनी ने श्रद्धालुओं को नवग्रह, संख्याओं के रहस्य और सांख्य ज्योतिष के गूढ़ सूत्रों पर विस्तार से प्रवचन दिया।
आचार्य बलूनी ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य का जीवन ब्रह्मांड के नौ ग्रहों और नौ संख्याओं से गहराई से जुड़ा है। वास्तव में संख्याएं केवल नौ नहीं, बल्कि 11 हैं। शून्य से लेकर अनंत तक। शून्य हमें अहंकार से मुक्त करता है। जबकि अनंत आत्मा की असीमता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग स्वयं को शून्य में विलीन कर अनंत से एकाकार होना है।
उन्होंने महिलाओं को सांख्य ज्योतिष का अध्ययन करने की सलाह देते हुए कहा कि महिलाएं अपने परिवार और बच्चों के संबंधों का सूक्ष्म आंकलन करने में अधिक सक्षम होती हैं। उनके भीतर षष्ठ इन्द्रिय की शक्ति प्रबल होती है। जिससे वे इस ज्ञान को सहजता से आत्मसात कर सकती हैं। कार्यक्रम में देहरादून से लेखक डा. दिनेश बलूनी, दिल्ली से अनिल शर्मा, मेरठ के जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश कुमार पटेल, यूनिट हेड केपी सिंह सहित प्रवीन कुमार श्रीवास्तव, परमानंद चौहान, संजीव गुप्ता, जयवीर सिंह, पंकज पवार, आनंद प्रकाश गुप्ता, डीके शुक्ला, डीके जैन, देवेंद्र भाटी, नीरज कुमार, आदेश तोमर, राजीव चौधरी, मनीष दहिया, आदर्श राठी, दुष्यंत त्यागी, संदीप खोखर और उदयवीर बालियान मौजूद रहे।

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