Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहचानना हो रहा मुश्किल स्वाइन फ्लू है या कोरोना, दोनों के लक्षण हूबहू एक जैसे चिकित्सक भी हो रहे भ्रमित

    By Taruna TayalEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jan 2020 02:47 PM (IST)

    कोरोना के लक्षण स्वाइन फ्लू जैसे हैं किंतु यह ज्यादा जानलेवा है। ऐसे में जिले की सर्विलांस सेल सक्रिय है साथ ही मरीजों पर नजर बनाए हुए है।

    पहचानना हो रहा मुश्किल स्वाइन फ्लू है या कोरोना, दोनों के लक्षण हूबहू एक जैसे चिकित्सक भी हो रहे भ्रमित

    मेरठ, जेएनएन। चीन में संक्रमित कोरोना वायरस को लेकर डब्ल्यूएचओ ने इमरजेंसी घोषित कर दी है तो भारत में भी खलबली है। इसके लक्षण हूबहू स्वाइन फ्लू जैसे होने से चिकित्सक भी भ्रमित हैं। कोरोना वायरस से भी सर्दी, नाक बहना, तेज जुकाम, बुखार, सिर दर्द, कफ, खांसी, गले में दर्द और निमोनिया बनता है। ये कोरोना वायरस का सातवां स्ट्रेन है, जिससे बचाव के लिए कोई वैक्सीन व दवा नहीं है। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने सर्विलांस सेल को सक्रिय कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाई रिस्क जोन में मेरठ

    वायरोलोजी विज्ञानियों की मानें तो कोरोना वायरस चमगादड़, ऊंट व जंगली बिल्लियों से संक्रमित होकर आदमी में पहुंचा है। चीन में मीट कारोबार से भी बीमारी फैलने की बात कही गई है। मेरठ में जहां सेंचुरी क्षेत्र में जंगली बिल्लियां व चमगादड़ ज्यादा हैं, वहीं नगर एवं आसपास मीट कारोबार बड़े पैमाने पर होता है। हालांकि भारत में अभी तक कोई केस नहीं मिला है। 2002 में कोरोना ने चीन में 800 लोगों की जान ली थी। इसके 2012 में मिले एक स्ट्रेन को मिडिल ईस्ट रिस्पेरेटरी सिंड्रोम कोरोना व नए स्ट्रेन को नोबेल कोरोना वायरस कहते हैं।

    एयरपोर्ट पर कड़ी जांच

    मेरठ के यूरोलोजिस्ट डा. सुभाष यादव एक कांफ्रेंस में भाग लेने नई दिल्ली से कोच्चि पहुंचे। उन्होंने बताया कि एक चीनी यात्री साथ में चला, जिसे अथारिटी ने जांच पड़ताल की। बताया कि जहाज में संक्रमित देशों के यात्रियों को देखकर सभी असहज महसूस कर रहे हैं। इधर, मेरठ के कई युवा चिकित्सकों ने यूएसए की भी यात्रा निरस्त कर दी।

    इनका कहना है

    कोरोना वायरस पहली बार 1960 के दशक में मिला। इसके छह स्ट्रेन मिले हैं, किंतु चीन में सातवां स्ट्रेन संक्रमित हुआ। इसे नोबेल कोरोना वायरस कहा जा रहा है। लक्षण पूरी तरह स्वाइन फ्लू जैसे हैं। ऐसे में जांच से ही पता चल पाएगा। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों में तेजी से निमोनिया बनता है।

    -डा. अमित गर्ग, माइक्रोबायोलोजिस्ट, मेडिकल कालेज

    कोरोना से बचने के लिए बनेंगे आइसोलेशन वार्ड

    चीन के वुहान शहर में संक्रमित कोरोना वायरस से बचने के लिए शासन ने गॉइडलाइन जारी कर दी है। मेडिकल कालेज, सीएमओ एवं सीएसएस को भेजे पत्र में डीजी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं ने आइसोलेशन वार्ड बनाने व वेंटीलेटर दुरुस्त रखने का निर्देश जारी किया है। साथ ही वायरस के हमले से बचाव के लिए सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। संदिग्ध रोगियों की हिस्ट्री बनाई जाएगी।

    डीजी ने 21 जनवरी को प्रदेश के सभी सीएमओ एवं प्रमुख चिकित्सा अधीक्षकों को पत्र जारी किया है। शासन ने माना है कि नोवल कोरोना वॉयरस की वजह से निमोनिया के मरीज तेजी से बढ़ेंगे। सीएमओ से डिजीज सर्विलांस एक्टिव रखने के लिए कहा गया है। संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए लागू प्रोटोकॉल्स पर अमल करने के लिए कहा है। चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करने की भी बात कही गई है। सीएमओ डा. राजकुमार ने कहा कि सभी सीएचसी पर सभी उपकरणों को दुरुस्त रखने के लिए कहा गया है। मेडिकल कालेज की सीएमएस डा. धीरज ने कहा कि भले ही कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला है, किंतु आइसोलेशन वार्ड और वेंटीलेटर दुरुस्त रखना होगा। फ्लू के मरीजों पर खास नजर रखी जाएगी। एन-95 मास्क समेत कई सुरक्षा उपकरणों की भी उपलब्धता की जाएगी।

    अगर मरीज या संदिग्ध मिलें तो...

    • मरीजों की छींक, थूक, लार व सांस से बचना होगा। मरीजों को हवादार वार्ड में रखें।
    • एन-95 मास्क लगाएं। छींकने व थूकने के दौरान मुंह ढंककर रखें।
    • नाक छूने के बाद हाथ को एंटीसेप्टिक विलयन से धोएं।
    • घर की फर्श को सोडियम हाइपोक्लोराइट से धोएं।
    • लाउंड्री, फूड सर्विस,  

    comedy show banner
    comedy show banner