सती दाह व महाराजा दक्ष यज्ञ विध्वंस की कथा का वर्णन
परीक्षितगढ़ नगर के शिव धाम मंडप में चल रही शिव पुराण कथा के चौथे दिन सोमवार को कथाव्यास रामजी भाई ने सती दाह एवं दक्ष यज्ञ विध्वंस की कथा का वर्णन किया।

मेरठ, जेएनएन। परीक्षितगढ़ नगर के शिव धाम मंडप में चल रही शिव पुराण कथा के चौथे दिन सोमवार को कथाव्यास रामजी भाई ने सती दाह एवं दक्ष यज्ञ विध्वंस की कथा का वर्णन किया।
अखिल विद्या समिति के तत्वावधान में चलाए जा रहे परीक्षितगढ़ महोत्सव के तहत नगर स्थित शिव धाम मंडप में हो रही शिवपुराण कथा का सोमवार को चौथा दिन था। कथावाचक रामजी भाई ने चंद्रमा को श्राप व दक्ष यज्ञ विध्वंस की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि जब राजा दक्ष प्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया तो उन्होंने भगवान शिव को छोड़ सभी को आमंत्रित किया। तब देवी सती ने कहा कि पिता ने यज्ञ में नहीं बुलाया तो क्या हुआ। वे अपने पिता के घर बिना बुलाए जा सकती हैं। तब शिवजी ने कहा कि बिना बुलाए कहीं नहीं जाना चाहिए, लेकिन देवी सती हठ कर अपने पिता के घर चली जाती हैं। जहां दक्ष द्वारा शिवजी का अपमान किया जाता है। पति का अपमान सहन न होने पर देवी सती यज्ञ कुंड में कूदकर अपना शरीर त्याग देती हैं। जब यह बात महादेव को पता चलती है तो वे अपने गणों के साथ जाकर यज्ञ का विध्वंस कर देते हैं।
कथा से पूर्व भगवान आशुतोष का शिव महिम्न स्त्रोत, रुद्र पाठ व महामृत्युंजय मंत्र से महा रुद्राभिषेक किया गया। जिसमें कृष्ण गोपाल शर्मा, सीमा शर्मा, वृजभूषण गुप्ता, अनीता गुप्ता, विद्याभूषण गर्ग कांति देवी यजमान रहे। इस अवसर पर विष्णु अवतार रुहेला, पूनम रुहेला, मोहिनी वर्मा, पूनम गर्ग, बाला देवी, निर्मला वर्मा, स्वाति चौधरी, विनीता, पप्पू त्यागी, लोकेश गर्ग आदि मौजूद रहे।
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