Dengue Case In Meerut: मेरठ में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामले, छह और नए मरीज मिले, बरतें ये सावधानियां
Dengue Case In Meerut मेरठ में डेंगू का खतरा बरकरार है। जिले में शनिवार को डेंगू के छह और नए केस मिले हैं। इनमें 18 सक्रिय केस हैं। नौ अस्पताल में भर्ती हैं जबकि 92 अभी तक तक ठीक हो गए हैं। अब स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Dengue Case In Meerut मेरठ जिले में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को डेंगू के छह और नए केस मिले हैं। इनमें 18 सक्रिय केस हैं। नौ अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 92 अभी तक तक ठीक हो गए हैं। वहीं, कोरोना का भी एक नया केस शनिवार को आया है। बता दें कि डेंगू के चार वायरस होते हैं और इनके लक्षण पता चलने पर तुरंत चिकित्सक की राय लेनी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग बरत रहा सतर्कता
जिले में शुक्रवार को भी डेंगू के छह नए मरीज आए थे। शनिवार को छह और डेंगू के मरीज आ गए। लगातार मरीज मिलने से अब लोगों में भी चिंता होने लगी है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग भी डेंगू के बढ़ते प्रकोप के चलते सतर्कता बरत रहा है। मेडिकल व पीएल शर्मा अस्पताल में पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है। मलेरिया विभाग भी लगातार फागिंग करा रहा है।
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डेंगू के चार वायरस
डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है। एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।
घबराने की जरूरत नहीं
डेंगू के बढ़ रहे मरीजों में अधिकांश में डी-वन श्रेणी का संक्रमण है। घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे मरीज का प्लेटलेट्स दस हजार से नीचे जाने पर ही डाक्टर की सलाह पर प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए बात करें। उन्होंने कहा कि डेंगू के डी-टू श्रेणी का संक्रमण कम मिल रहा है। ऐसे मरीजों में प्लेटलेट्स 30 हजार पहुंचने पर डाक्टर की सलाह लेकर प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए बात करें।
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यह लक्षण दिखे तो हो जाएं सावधान
- सिर में अधिक और लगातार सिरदर्द होना।
- मांसपेशियां, हड्डियों, जोड़ों में दर्द रहना।
- हर समय इंसान का जी मिचलाते रहना।
- बुखार के समय उल्टी आना।
- आंखों के पीछे दर्द होना।
- ग्रंथियों में सूजन आना।
- त्वचा पर लाल चकत्ते होना।
तीन तरह का होता है डेंगू
हल्का डेंगू बुखार : इसके लक्षण मच्छर के काटने के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं।
डेंगू रक्तस्त्रावी बुखार : इसके लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो जाते हैं।
डेंगू शाक सिंड्रोम : यह डेंगू का सबसे खतरनाक गंभीर रूप हैं। यहां तक की यह मौत का कारण बन जाता है।
इस तरह से करें बचाव
- पूरी बाजू के कपड़े पहने। जूते मौजे के साथ पहने।
- अपने घर और आसपास पानी एकत्रित न होने दें।
- बासी भोजन कतई न करें।
- दूषित पानी बिलकुल न पीए।

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