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    दिल्ली-देहरादून तक का सफर छह घंटे नहीं...घटकर हो जाएगा 2.30 घंटे का, बस थोड़ा इंतजार करें

    By Pradeep Diwedi Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 02:35 PM (IST)

    दिल्ली से देहरादून की यात्रा अब केवल 2.30 घंटे में पूरी की जा सकेगी। सड़क परिवहन मंत्रालय इस दिशा में काम कर रहा है, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय कम हो। लोगों को इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।

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    दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे पर शामली जिले में बुटराड़ा में अंडरपास को जोड़ने के लिए भरी गई मिट्टी पर अभी नहीं हो सका डामर कार्य। जागरण

    जागरण टीम, मेरठ। दिल्ली-देहरादून एसेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड हाईवे को 1.5 साल की देरी से अब 15 दिसंबर को खोलने की तैयारी है, लेकिन कार्य की स्थिति से पता चलता है कि अभी भी दो-तीन महीने लग सकते हैं। बहरहाल, सकारात्मक संकेत यह हैं कि लगभग सभी बड़े अवरोध हट गए हैं। डामर कार्य के लिए बचे हुए कुछ टुकड़ों को छोड़ दें तो अब सभी जिलों में फिनिशिंग चल रही है। यदि तैयारी के अनुसार जल्द ही शुभारंभ हो गया तो सिर्फ देहरादून, हरिद्वार जाने वाले यात्रियों को ही नहीं स्थानीय यात्रियों को भी राहत मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि नए हाईवे पर बड़ी संख्या में वाहन स्थानांतरित हो जाएंगे।

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    दिल्ली से देहरादून तक का सफर छह घंटे से घटकर 2.30 घंटे का हो जाएगा। इसका लाभ बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर के लोगों को सीधे तौर पर मिलेगा। रूट में न होने के बाद भी इसका लाभ मेरठ को मिलेगा, इसलिए दिल्ली के साथ ही संबंधित जिले शुरुआत की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यहां के लोगों को देहरादून, मसूरी व हरिद्वार जाने में अब कम समय लगेगा। पुराने मार्ग के ट्रैफिक में उलझने के बजाय अब दिल्ली-देहरादून ग्रीनफील्ड हाईवे का उपयोग अधिक होगा। जब पुराने मार्ग के अधिकांश वाहन इस नए हाईवे पर स्थानांतरित हो जाएंगे तो पुराना मार्ग भी सुकून देगा। इसका शुभारंभ अक्टूबर में होना था, लेकिन यह समय सीमा बीत चुकी है।

    दैनिक जागरण की टीम ने सभी संबंधित जिलों में निरीक्षण किया। दिल्ली की गीता कालोनी से देहरादून के आशारोड़ी तक 213 किमी लंबा हाईवे बनाया जा रहा है। मवीकलां इंटरचेंज, टटीरी इंटरचेंज पूरा कर लिया गया है, फिनिशिंग जारी है। हिलवाड़ी में हाईवे के बीचोंबीच चुनौती बन रहा हाईटेंशन लाइन का टावर हटा लिया गया है। बड़ौत-बुढ़ाना मार्ग इंटरचेंज पर भी फिनिशिंग जारी है। शामली जिले में बुटराड़ा इंटरचेंज में शामली, मुजफ्फरनगर, करनाल और पानीपत से आने वाले वाहन यहां से चढ़ेंगे और देहरादून से आने वाले उतरेंगे। अभी चढ़ने वाले कुछ हिस्से पर डामर कार्य नहीं हुआ है। दो-तीन दिन में इसे पूर्ण कर लेने का दावा किया गया है।

    ख्यावड़ी में थानाभवन और मुजफ्फरनगर के वाहन चढ़ेंगे। यहां काम पूर्ण हो चुका है। यहां निर्माणाधीन ख्यावड़ी पुल का कार्य पूर्ण है। हालांकि कुछ स्थानों पर लाइट-कैमरे नहीं हैं। सहारनपुर जिले में नागल के लाखनौर से गणेशपुर तक 41 किमी का कार्य 95 प्रतिशत पूरा है। सहारनपुर जिले के गणेशपुर से उत्तराखंड के आशारोड़ी तक एलिवेटेड हिस्से पर सुरक्षा और फिनिशिंग का काम जारी है। मानसून के दौरान देहरादून क्षेत्र में बरसाती नदियों में आई भयंकर बाढ़ को देखते हुए एलिवेटेड रोड के 575 पिलरों में से पानी की तेज धारा में आने वाले लगभग 24 पिलर की डेढ़ से दो फीट मोटाई बढ़ाकर पिलर को जैकेट पहनाने का कार्य प्रगति पर है।

    सैयद माजरा टोल प्लाजा से शुरू होने वाले पुल के लगभग 100 फीट हिस्से के पैनल हाल ही में खिसक गए थे। बताया गया कि पिछले दिनों हुई बरसाती पानी के कारण यह पैनल अपने स्थान से खिसके हैं। आडिट टीम की जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ। बुधवार 19 नवंबर से एनएचएआइ के अधिकारियों ने पुल के एक साइड के इस हिस्से की पूरी सड़क को तोड़कर मिट्टी खोदाई शुरू की है, इन सभी पैनलों व सेक्शन स्लैब को निकालने का काम शुरू किया गया। इसके चलते सैयद माजरा टोल प्लाजा से बड़कला फ्लाईओवर तक हाईवे पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। सहारनपुर क्षेत्र में पड़ने वाले 41 किमी लाखनौर से गणेशपुर तक के मार्ग पर भी वाहनों की टेस्टिंग हो चुकी है। यह एशिया का सबसे लंबा ईको-कारिडोर है।

    परियोजना की खासियत 12 किमी लंबा एलिवेटेड कारिडोर है, जो राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। एनएचएआइ रुड़की के परियोजना निदेशक प्रदीप गोंसाई ने बताया कि जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार पुल के इस हिस्से के स्लैब तथा पैनल आदि बदलने का कार्य शुरू किया गया है। रिफ्लेक्टर व रोड मार्किंग आदि का कार्य भी तेज गति से चल रहा। दिसंबर तक काम पूरा होने की उम्मीद है।