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    Delhi-Meerut Expressway: एक्सप्रेस-वे पर कर्मचारी ही नहीं समझ पा रहे टोल की तकनीक, बदली जा रही व्यवस्था, नहीं होगी परेशानी

    By Prem Dutt BhattEdited By:
    Updated: Tue, 05 Apr 2022 11:10 AM (IST)

    Delhi-Meerut Expressway एक्सप्रेस-वे पर फास्टैग स्कैनर हटाकर नए सिरे से लगाने का काम शुरू। बूम बैरियर की कमी हुई दूर लेकिन साफ्टवेयर से नहीं जोड़ पा रहे कर्मचारी। कई दिन से बूम बैरियर के उठने व गिरने में देरी हो रही थी।

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    Delhi-Meerut Expressway दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर टोल संबंधी समस्‍याओं को किया जा रहा दूर।

    मेरठ, जागरण संवाददाता। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर टोल लेने की प्रक्रिया स्वयं उसे संचालित करने वाली कंपनी के कर्मचारी भी नहीं समझ पा रहे हैं। ऐसे में यात्री परेशानी झेलने को मजबूर हैं। चार दिन बाद भी यहां समस्याएं बनी हुई हैं। यात्री परेशान होकर प्लाजा के भवन के चक्कर काट रहे हैं, जहां समाधान नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह से अब व्यवस्था में किए जा रहे परिवर्तन के बारे में जान लेते हैं...।

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    नए सिरे से एंगल लगाने का काम शुरू

    फास्टैग स्कैनर अभी तक लेन के किनारे पर लगे हैं, लेकिन वाहनों में इधर-उधर या फिर बीच में फास्टैग लगे होने की वजह से स्कैन में समस्या आ रही थी। इसलिए अब इस समस्या के हल के लिए नए सिरे से एंगल लगाने का काम शुरू हुआ है। इससे स्कैनर बीच में लगा दिया जाएगा। उम्मीद है कि इससे सामने केशीशे पर कहीं भी फास्टैग चिपका होगा तो उसे स्कैन किया जा सकेगा।

    बूम बैरियर में दिक्कत

    कई दिन से बूम बैरियर के उठने व गिरने में देरी हो रही थी, इस समस्या को अब दूर कर लिया गया है, मगर अब समस्या यह आ रही है कि बूथ में बैठे कर्मचारी ही साफ्टवेयर में उलझ जाते हैं, इससे भी समस्या आ रही है।

    बुलाए जा रहे प्रशिक्षित कर्मचारी

    बूथों में बैठे कई कर्मचारी अप्रशिक्षित दिखाई दे रहे हैं। जो आधुनिक तकनीक से सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे हैं। इसके समाधान के लिए संबंधित कंपनी की ओर से प्रशिक्षित व तेजी से काम करने वाले कर्मी बुलाए जा रहे हैं। इसकी वजह है कि प्रशिक्षित कर्मी चले गए थे। काम चलाऊ कर्मचारी काम संभाल नहीं पाए।

    जल्द खोल दी जाएंगी सभी लेन

    काशी टोल प्लाजा पर 19 लेन हैं। इसमें सिर्फ 12 लेन ही खोली गई हैं। इसकी वजह है संचालन न कर पाना। एनएचएआइ का कहना है कि जल्द ही समस्या दूर हो जाएगी। सभी लेन चल जाएंगी।

    प्रतिबंधित वाहनों को रोकेंगे मार्शल

    दोपहिया, तिपहिया वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं। एनएचएआइ टोल की समस्या दूर होने के बाद मार्शलों की तैनाती शुरू करेगा, क्योंकि अभी सभी मार्शल टोल की व्यवस्था में लगे हैं।

    बिना फास्टैग, छूट वालों के लिए रहेगी किनारे की लेन

    बिना फास्टैग वाले वाहनों के लिए अब किनारे की लेन आरक्षित की जाएगी। ऐसे वाहनों से 310 रुपये जुर्माना वसूला जाता है। इसे चुकाने में देरी करने या किसी तरह की बहानेबाजी आदि में समय लगाते हैं, जिससे पीछे के वाहन इंतजार में खड़े रहते हैं। इसी तरह से छूट वाले वाहनों को किनारे की लेन से आने के लिए कहा जाएगा, ताकि किसी तरह के विवाद की स्थिति में मुख्य लेन बाधित न हों।

    ज्यादा धनराशि कट रही है तो 1033 पर दर्ज कराएं शिकायत

    जो यात्री इंदिरापुरम, डूंडाहेड़ा, डासना या भोजपुर से प्रवेश करते हैं और काशी टोल प्लाजा पर निकास करते हैं, उनका भी एक तरफ का 155 रुपये टोल कट रहा है। इसकी शिकायत लेकर लोग टोल प्लाजा के भवन में पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां इसका समाधान नहीं हो पा रहा है। एनएचएआइ का कहना है कि वैसे यह समस्या भी जल्द ही दूर हो जाएगी। फिर भी यदि किसी के साथ ऐसा हो रहा है तो वह 1033 पर काल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इससे उसकी बाकी धनराशि वापस उसी खाते में आ जाएगी।

    यह बोले जिम्मेदार अधिकारी

    नियम के अनुसार नगर निगम, नगर पालिका क्षेत्र में ही पुलिस को अधिकार है कि वह यह तय कर सकती है कि कौन से वाहन चलेंगे और कौन से नहीं। इन क्षेत्रों के बाहर आरटीओ का कार्य होता है। वहां पुलिस सिर्फ आपराधिक घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी रखती है।

    - प्रभाकर चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक

    एक्सप्रेस-वे पर ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसके साथ ओवर स्पीड वाहनों से भी जुर्माना वसूला जाएगा।

    - हिमेश तिवारी, संभागीय परिवहन अधिकारी मेरठ

    टोल लेने की प्रक्रिया में आ रही समस्या को दूर किया जा रहा है। कुछ बदलाव भी किए जा रहे हैं। जैसा दावा है कि बिना रुके वाहन निकल जाया करेंगे, इसे एक सप्ताह में यात्री अनुभव करेंगे। बिना फास्टैग वाले वाहन चालकों से अनुरोध है कि वे किनारे की लेन में रहें। जल्द ही प्रतिबंधित वाहनों के खिलाफ भी सख्ती शुरू की जाएगी।

    - अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

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    केबल कटा था, इसलिए कट रहे थे टोल के 155 रुपये

    मेरठ : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर दो-तीन दिन से इंदिरापुरम व डूंडाहेड़ा से प्रवेश करने वाले वाहनों के साथ अधिक टोल कटने की समस्या आ रही थी। इसका लिंक मुख्य सर्वर से नहीं जुड़ पा रहा था। इस वजह से इन स्थानों से प्रवेश करने वाले वाहनों का प्रवेश स्थान साफ्टवेयर में सराय काले खां दर्ज हो रहा था और पूरे मार्ग की यात्रा का 155 रुपये टोल कट रहा था। इसकी जांच की गई तो पता चला कि इंदिरापुरम व डूंडाहेड़ा में आप्टिकल फाइबर केबल कटा हुआ है। उसकी स्थिति से यह बात सामने आई है कि असामाजिक तत्वों ने ही उसे काटा है। बहरहाल, उसे दुरुस्त किया जा रहा है। एनएचएआइ के अधिकारी के अनुसार पूरे मार्ग की फाइबर केबल की जांच कराई जा रही है। इस समस्या के दूर होने के बाद अब जितनी दूरी की कोई यात्रा करेगा, केवल उतनी दूरी का ही टोल कटेगा। 

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