मुंशी प्रेमचंद की कौन सी रचना अधूरी रह गई... चार विकल्प मौजूद है, इस परीक्षा में पूछा गया यह सवाल
डीएलएड तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई। हिंदी विषय में मुंशी प्रेमचंद की अधूरी रचना, महादेवी वर्मा की कृतियाँ, और व्याकरण से जुड़े प्रश्न पूछे गए। परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही और अधिकारियों ने निरीक्षण किया।

परीक्षा केंद्र से बाहर निकलते परीक्षार्थी। जागरण
जागरण संवाददाता, मेरठ। डीएलएड तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा सोमवार को यहां जिले में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच संपन्न हो गई। अंतिम दिन हिंदी विषय में कई चर्चित सवाल पूछे गए। इनमें एक सवाल था मुंशी प्रेमचंद की वह रचना जो अधूरी रह गई। जवाब के रूप में चार विकल्प दिए गए थे। इनमें पहला सेवा सदन, दूसरा रंगभूमि, तीसरा मंगलसूत्र व चौथा गोदान रहा। इसका सही उत्तर मंगलसूत्र रहा।
डीएलएड तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा का सोमवार को अंतिम दिन रहा। अंतिम दिन पहली पाली में हिंदी, दूसरी पाली में संस्कृत और उर्दू तथा तीसरी पाली में कंप्यूटर विषय की परीक्षा रही। परीक्षा के दौरान कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था रही। परीक्षार्थियों को सघन चेकिंग एवं प्रवेश पत्र की जांच आदि के बाद ही केंद्रों पर प्रवेश दिया गया।
हिंदी विषय की परीक्षा सुबह 10 से लेकर 11 तक की पाली में हुई, जिसमें कई चर्चित सवाल पूछे गए। इनमें मानक हिंदी का मूल आधार कौन सी बोली है। विनय पत्रिका की भाषा है। द्विगु समास किसे कहते हैं। उदाहरण के साथ समझाइए। महादेवी वर्मा की चार कृतियों के नाम आसक्त और उन्नति का विलोम शब्द समेत अन्य सवाल आए।
प्राचार्य व परीक्षा प्रभारी ने किया औचक निरीक्षण
परीक्षा के अंतिम दिन सोमवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट मवाना खुर्द के प्राचार्य मनोज कुमार आर्य व परीक्षा प्रभारी डा. दिनेश कुमार ने कई केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान परीक्षा सकुशल चलती मिली।

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