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    रक्षा और आक्रमण में क्या अंतर है!... जैसे ही इस तरह का सवाल उठा, जवाब जानने की उत्सुकता बढ़ जाती थी

    By Amit Tiwari Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 02:25 PM (IST)

    रक्षा और आक्रमण दो अलग-अलग सैन्य रणनीतियाँ हैं। रक्षा का उद्देश्य हमले को रोकना और अपनी सुरक्षा करना है, जबकि आक्रमण का उद्देश्य दुश्मन पर हमला करके उ ...और पढ़ें

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    वायु सेना की बस में विद्यार्थियों को पाइटर पायलट के शूट सहित जेट की जानकारी देते अधिकारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। वायुसेना दिवस कब मनाया जाता है? चश्मा पहनने वाला युवक वायुसेना में पायलट बन सकता है? रक्षा और आक्रमण में क्या अंतर है? सियाचिन का सबसे ऊंचा स्थान कौन सा है? जैसे ही इस तरह का सवाल उठता था, जवाब जानने की उत्सुकता बढ़ जाती थी। मौका था सेंट मेरीज एकेडमी में विद्यार्थियों का भारतीय वायुसेना के अधिकारियों से रूबरू होने का। कुछ नया जानने की जिज्ञासा में विद्यार्थियों ने प्रश्न पूछे तो वायुसेना अधिकारियों ने भी उनका सामान्य ज्ञान परखा। अधिकारी ने पूछा, डिफेंस व आफेंस यानी रक्षा और आक्रमण में क्या अंतर है? कक्षा 11वीं के अनंत ने बताया, आक्रमण का अर्थ है लाभ प्राप्त करने के लिए सक्रिय कार्रवाई करना, जबकि रक्षा का अर्थ है प्रतिक्रियात्मक सुरक्षा।

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    वायुसेना अधिकारियों ने विद्यार्थियों के समक्ष राफेल, मिग 21, एलसीए, जगुआर, मिग 29, अपाचे, मिग 26, चिनूक, प्रचंड, ध्रुव, चेतक, हरक्यूलिस, डार्नियर, एएन-32, आइएल 78 आदि के चित्र दिखाकर उन्हें पहचानने को कहा। कार्तिक भारद्वाज, निर्भय प्रीत, अक्षत कुमार खरवार सहित जिन विद्यार्थियों ने सही जवाब दिए, उन्हें वायुसेना का स्कूल बैग देकर पुरस्कृत किया। कुछ छात्रों ने यह भी जानना चाहा कि क्या चश्मा पहनने वाला युवक वायुसेना में पायलट बन सकता है? वायु सेना के टेक्निकल या अकाउंट्स आदि विभागों में चयन कैसे संभव है।

    देशव्यापी अभियान में युवाओं को प्रेरित कर रही बस
    भारतीय वायुसेना युवाओं को देशसेवा के लिए प्रेरित करने और उज्ज्वल भविष्य की राह दिखाने के लिए वर्ष-2005 से विशेष अभियान चला रही है। इसके तहत वायुसेना मुख्यालय के अंतर्गत ‘दिशा’ टीम की ओर से इंडक्शन पब्लिसिटी प्रोग्राम के तहत एक बस पूरे देश में घूम रही है। भारतीय वायुसेना ने वर्ष 2021 में इंडक्शन पब्लिसिटी एग्जिबिशन व्हीकल (आइपीईवी) विकसित किया है, जिसमें फ्लाइट सिम्युलेटर, वीआर सेट, विमान माडल, फ्लाइंग क्लोदिंग और युवा केंद्रित आधुनिक गैजेट्स शामिल हैं। ये सभी माध्यम छात्रों को वायुसेना के तकनीकी, अनुशासित और रोमांचक जीवन की झलक दिखाते हैं। 19 नवंबर से 14 दिसंबर तक चल रहे इस विशेष दौरे में लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या, गोंडा, सीतापुर, मनकापुर, बरेली होते हुए यह अभियान शनिवार को मेरठ पहुंचा। अब तक कुल 25 स्कूलों और कालेजों में हजारों विद्यार्थियों से संपर्क करते हुए शनिवार को सेंट मेरीज एकेडमी के विद्यार्थियों से संवाद किया गया।

    सेंट मेरीज एकेडमी में पहुंची वायुसेना की बस
    पहली बार वायु सेना की बस देखना नया अनुभव है। हमें फाइटर जेट आदि से जुड़ी पूरी जानकारी मिली। वायुसेना को नजदीक से जानने के बाद इसमें करियर बनाने पर विचार कर सकता हूं। -कृष्णव जैन, कक्षा नौवीं

    आज पता चला कि वायुसेना के फाइटर जेट उड़ाना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। फिल्मों में देखकर बहुत अच्छा लगता था, लेकिन जब सिमुलेटर पर बैठे तो पता चला एक साथ बहुत सी बातों का ध्यान रखना होता है। वायुसेना में करियर के बारे में सोच सकते हैं। -अर्णव सेन, कक्षा नौवीं

    वायु सेना की कार्यशाला में शामिल होकर इसके बारे में करीब से जानने का अवसर मिला। अलग तरह का अनुभव रहा। मेरे पापा आर्मी में हैं। मैं भी सेना में जाना चाहता था लेकिन अब वायुसेना में जाने का मन बना लिया है। -विनय नागर, कक्षा 12वीं।

    छोटे शहरों के भी हुनर तक बढ़ा रहे पहुंच
    विंग कमांडर सिद्धार्थ अग्रवाल के अनुसार, इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल महानगरों तक सीमित न रहकर टियर-2, टियर-3, शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बनाना है, ताकि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को वायुसेना में करियर की जानकारी मिल सके।

    वायुसेना से फ्लाइट लेफ्टिनेंट नवीन कुमार यादव, फ्लाइंग आफिसर हर्षित हुड्डा और सार्जेंट विकास त्रिपाठी ने विद्यार्थियों को बताया कि अधिकारी बनने के लिए एएफसीएटी के फार्म जारी हो चुके हैं। युवा भारतीय वायुसेना में अधिकारी पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। बताया कि वायुसेना करियर से जुड़ी जानकारी के लिए ‘करियरइनआइएएफ’ को इंस्टाग्राम प्लेटफार्म पर फालो किया जा सकता है। प्रिंसिपल रेवरन ब्रदर आनंदन ने वायुसेना अधिकारियों का स्वागत किया।