अंधविश्वास में छिपे विज्ञान को दिखाने के लिए मेरठ के शिक्षक दीपक शर्मा को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार
विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर दिल्ली के विज्ञान भवन में मेरठ के विज्ञान शिक्षक दीपक शर्मा को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा।
मेरठ, जागरण स्पेशल। स्कूली बच्चों में विज्ञान की लोकप्रियता बढ़ाने, उन्हें विज्ञान से जोड़ने और समाज को अंधविश्वास में छिपे विज्ञान को दिखाने के लिए मेरठ के विज्ञान शिक्षक दीपक शर्मा को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जाएगा। एनएएस इंटर कॉलेज में विज्ञान शिक्षक, प्रगति विज्ञान संस्था के सचिव और जिला विज्ञान क्लब के जिला समन्वयक दीपक शर्मा पिछले 30 साल से विज्ञान शिक्षक के तौर पर सक्रिय हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की ओर से दिल्ली के विज्ञान भवन में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दिन दीपक शर्मा को सम्मानित किया जाएगा। यह खबर फैलते ही गुरुवार को उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया।
छोटी उम्र में ही विज्ञान से जुड़े
अंग्रेजी विषय के शिक्षक पिता कालीचरण शर्मा और गृहणी माता उर्मिला शर्मा से मिली प्रेरणा ने छोटी उम्र में ही उन्हें विज्ञान से जोड़ दिया। कक्षा 11वीं में ही विज्ञान प्रगति के संवाददाता बने और आगे चलकर प्रगति विज्ञान संस्था की स्थापना की। वर्ष 2009 में यह इस संस्था का भौतिक शास्त्री प्रो. एसपी खरे के संरक्षण में पंजीकरण तात्कालीन डीएम कामनी रतन चौहान व सीडीओ एनएस राजू ने कराया। दीपक शर्मा वर्ष 1991 में एनएएस इंटर कॉलेज में विज्ञान शिक्षक के तौर पर नियुक्त हुए। जिला विज्ञान क्लब मेरठ के समन्वयक बने अब राज्य शैक्षिक समन्वयक की जिम्मेदारी भी है।

विज्ञान पढ़ना नहीं, करना सिखाया
दीपक शर्मा ने हमेशा ही विज्ञान को पढ़ने-पढ़ाने की बजाय करने-कराने पर जोर दिया। एनसीसी में फस्र्ट रैंक से सफल होने पर अनुशासित बने और एनसीसी प्रशिक्षक भी बने। विज्ञान की पढ़ाई क्लासरूम से निकाल कर बाहर लाए और आठ जून 2004 को शुक्र पारगमन के दौरान प्रो. एसपी खरे और तमिलनाडु के वैज्ञानिक टी. रामलिंगम के साथ प्रथ्वी से सूरज की दूरी मापी और बच्चों को भी सिखाया। शासन के सहयोग से बिजली बंबा बाईपास पर जिला विज्ञान केंद्र बनाया। विज्ञान में उपलब्धियों पर ही दीपक शर्मा को वर्ष 2010 में फ्रांस में आयोजित यूरोपियन साइंस मीट में भी आमंत्रित किया गया।
लगातार प्रयासों से इस तरह बढ़ाए कदम...
- गणित व विज्ञान के सूत्रों को संगीतबद्ध किया।
- तथाकथित चमत्कारों के वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित टीवी कार्यक्रम बनाया।
- 74 एपिसोड के कार्यक्रम में चमत्कारों से उठाया पर्दा, दिखाया विज्ञान।
- खाद्य पदार्थो के मिलावट की जांच करना व लोगों को सिखाना।
- ‘विज्ञान आओ करके सीखें’ पत्रिका व ऑनलाइन चैनल का प्रसारण।
- स्कूली बच्चों के लिए पहला विज्ञान रियलिटी शो ‘विज्ञान घर’ का आयोजन।
- निजी प्रयास से देश भर में 200 से अधिक विज्ञान संचारक तैयार करना।
- ‘राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षक’ सम्मान 2001 से सम्मानित किए गए।
इन्होंने बताया
यह बेहद भावुक और खुशी का क्षण है। सालों की मेहनत का आखिरकार इनाम मिलने जा रहा है। दोगुनी ऊर्जा से विज्ञान को हर बच्चे तक पहुंचाने की दिशा में काम करना होगा।
- दीपक शर्मा, राज्य शैक्षिक समन्वयक, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।

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