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    Kanwar Yatra: बरसाती पानी के कटाव से गहरे गड्ढे, तेज हवा से बिजली तार लटके; खतरनाक हो गया ये कावड़ मार्ग

    श्रावण मास शुरू होते ही शिव भक्त गंगाजल लेकर शिवालयों की ओर निकलेंगे। प्रशासन कांवड़ मार्ग को दुरुस्त करने में जुटा है पर बारिश से काम धीमा है। गड्ढे भरे जा रहे हैं बिजली के तार ठीक किए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने भी स्वागत की तैयारी शुरू कर दी है मंदिरों को सजाया जा रहा है। 11 जुलाई से भक्तों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

    By Lokesh Sharma Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 02 Jul 2025 02:12 PM (IST)
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    चौ. चरण सिंह कांवड़ मार्ग : कटाव से मार्ग किनारे बने खतरनाक गड्ढे

    जागरण संवाददाता, मेरठ। श्रावण मास शुरू होते ही शिव भक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर शिवालयों की ओर प्रस्थान करने लगेंगे। उनके आगमन से पहले प्रशासनिक-पुलिस, लोक निर्माण व अन्य विभागों के अधिकारी कांवड़ मार्ग पर तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। चौ. चरण सिंह कांवड़ मार्ग से लाखों कांवड़िये गुजरते हैं। यहां व्यवस्था दुरुस्त की जा रही हैं लेकिन बरसात ने तैयारियों की गति धीमी कर दी है।

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    पटरी पर एक बार फिर बरसाती पानी के कटाव से गहरे गड्ढे हो गए हैं। तेज हवा से विद्युत तार खतरनाक स्थिति में पहुंच गए हैं। ग्रामीणों ने भी शिवभक्तों के स्वागत की तैयारी शुरू कर दी हैं। मंदिरों को सजाने-संवारने के साथ ही सेवा शिविरों के लिए सफाई व प्रकाश व्यवस्था की जा रही है।

    श्रावण मास 11 जुलाई से शुरू हो जाएगा। 23 जुलाई को शिवरात्रि है। 14 जुलाई को श्रावण माह का पहला सोमवार है। माना जा रहा है कि कांवड़ मार्ग पर शिवभक्तों का आगमन 11 जुलाई से बढ़ेगा। 14 जुलाई को कांवड़ यात्रियों की संख्या काफी बढ़ जाएगी।

    हालांकि, राजस्थान, दिल्ली व अन्य प्रदेशों के कांवड़ियों का आगमन शुरू हो गया है लेकिन इनकी संख्या बेहद कम है। कांवड़ पटरी मार्ग पर सड़क, पथप्रकाश, सुरक्षा व अन्य व्यवस्था दुरुस्त की जा रही हैं। मंगलवार को कांवड़ मार्ग पर पीडब्ल्यूडी अधिकारी सचिन सिंघल टूटी सड़क व किनारे दुरुस्त कराने में जुटे थे।

    अटेरना पुल पर पैचवर्क किया जा रहा था। यहां कांवड़ पटरी मार्ग के ऊपर से जा रही हाइटेंशन लाइन दुरुस्त कराने को विद्युत व पुलिस अधिकारियों से बातचीत की जा रही थी।

    कांवड़ पटरी किनारे बारिश के बाद बने गहरे गड्ढे दुरुस्त करने में मजदूर जुटे थे। टूटे पड़े पेड़, झाड़ों को हटाया जा रहा है। कांवड़ पटरी मार्ग पर बेसहारा पशुओं की संख्या बढ़ी है, जो यात्रा के दौरान खतरनाक हो सकते हैं। पटरी मार्ग पर पथ प्रकाश के लिए बल्लियां लगाकर लाइटिंग की व्यवस्था शुरू हो गई है।