Dedicated freight corridor: मेरठ में जब इस नए ट्रैक पर अचानक ट्रेन देखकर रुक गए वाहन और खींचने लगे फोटो
Dedicated Freight Corridor मेरठ में गुरुवार को अलग ही नजारा देखने को मिला। नई रेल लाइन पर दिल्ली रोड को मोहिउद्दीनपुर में सरपट पार कर गई ट्रेन। देखने को रुक गए वाहन और खींचने लगे फोटो। पहली बार उस जगह से कोई रेल गुजरते हुए देख रहे थे।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ के दिल्ली रोड पर मोहिउद्दीनपुर में गुरुवार को अलग ही नजारा देखने को मिला। अचानक ही दिल्ली रोड को पार करती हुई रेल जाती हुई दिखी तो लोग आश्चर्य चकित हो गए। कई वाहन रुक गए। कुछ लोग वीडियो बनाने में जुटे तो कुछ के कैमरे क्लिक होने लगे। आश्चर्य इस बात का था कि लोगों ने पहली बार उस जगह से कोई रेल गुजरते हुए देख रहे थे।
काफी लोग थे अनजान
वैसे तो काफी लोगों ने वहां बन रहे पुल और रोड की ऊंचाई की तरह पाटे जा रहे निर्माण को देखा था लेकिन रेल चलने की बात से काफी लोग अनजान थे। जो जानते थे उन्होंने बताया इस पर मालगाड़ी चलने वाली है। उसी की रेल है। रेल के गुजरने पर अधिकारियों से जानकारी ली है। बताया गया कि दादरी से हापुड़, मोहिउद्दीन पुर होते हुए न्यू मेरठ कैंट के पास तक पटरी बिछा दी गई है।
निर्माण के सामान आ रहे
गुलावठी में कार्यदायी कंपनी का यार्ड है। वहां से रेल पर लादकर पटरियों को आगे पहुँचाया जाता है। अब मेरठ कैंट से आगे दौराला तक काम चलेगा उसी के लिए पटरियां मंगवाई गई हैं। मोहिउद्दीन पुर से ऐसी रेल आती रहेंगी। अभी ये रेल सिर्फ निर्माण के सामान ला रही हैं। मार्च 2023 से इस पर मालगाड़ी का संचालन होगा। नवंबर से ट्रायल शुरू होगा।
क्या है यह रेल लाइन
यह रेल लाइन मालगाड़ी के लिए बनाई जा रही है। इसका नाम डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर है। इससे मुंबई, गुजरात, कोलकाता और लुधियाना माल भेजा और लाया जाएगा।
कुछ बाधाएं आ रहीं
इसी वर्ष फरवरी माह में समीक्षा बैठक में कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि कारिडोर का कार्य तेजी से पूरा करना है और इसके लिए सभी विभागों को संयुक्त रूप से प्रयास करना होगा। बैठक में डीएफसीसी अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के ईस्टर्न कारिडोर का खुर्जा-दादरी सेक्शन का कार्य 95 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। दूसरा सेक्शन खुर्जा-पिलखनी भी 80 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। हालांकि कुछ बाधाएं भी परियोजना के निर्माण में आड़े आ रही हैं, जिन्हें दूर करने के लिए अधिकारियों ने मंथन किया। कमिश्नर ने निर्देश दिए कि परियोजना से संबंधित हर तहसील में एक अधिकारी को सभी संबंधित विभागों के बीच समन्वय के लिए जिम्मेदारी दी जाए। बैठक का संचालन डेडिटकेटेड फ्रेट कारिडोर के महाप्रबंधक अनिल कालरा और डीएफसीसी के डिप्टी सीपीएम जीपी गोयल द्वारा किया गया।
सामने आईं ये दिक्कतें
- मेरठ के सकौती गांव में जरूरी जमीन पर नहीं मिल सका है कब्जा।
- सरधना तहसील के गांव खिर्वा नौबाद में पूर्व में गलत बने अंडरब्रिज की होगी जांच।
- जमीन अधिग्रहण के बाद भी किसानों को मुआवजा वितरण पूर्ण नहीं हो सका।
- बुलंदशहर में वन विभाग की आरक्षित भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी अधूरी।
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