जंगल में वृद्धा का शव मिलने से सनसनी, बिजनौर पुलिस ने शुरू की जांच
Bijnor Crime News बिजनौर के गांव छोईया नंगली निवासी वृद्धा गुड़िया सोमवार को वह जंगल में लकड़ी बीनने गई थीं। देर शाम तक वापस नहीं लौटीं तो स्वजन को चिंता हुई। उन्होंने तलाश की। मंगलवार सुबह उनका शव मिला। शरीर पर बाहरी तौर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले।

बिजनौर, जागरण संवाददाता। हीमपुर दीपा क्षेत्र में मंगलवार सुबह गांव चौकपुरी के जंगल में मनरेगा मजदूर 60 वर्षीय वृद्धा का शव मिला। इससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
सोमवार को गई थीं जंगल में लकड़ी बीनने
गुड़िया पत्नी चंद्रपाल निवासी छोईया नंगली मनरेगा की मजदूरी करती है। सोमवार को वह जंगल में लकड़ी बीनने गई थीं। देर शाम जब वह वापस नहीं लौटीं तो स्वजन को चिंता हुई। उन्होंने उनकी तलाश की। मंगलवार सुबह स्वजन को उनका शव गांव चौकपुरी के जंगल में किसान ऋषिपाल के गन्ने के खेत में पड़ा मिला। यह सूचना पुलिस को दी गई।
मौके पर सीओ सुनीता दहिया, चांदपुर थानाध्यक्ष संजय तोमर पुलिस बल के साथ पहुंचे और घटनास्थल का मौका मुआयना किया। पुलिस के अनुसार मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मृतका के शरीर पर बाहरी तौर पर चोट के कोई निशान मौजूद नहीं हैं। पुलिस ने मृतका के पति की तहरीर पर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
धोखाधड़ी कर 12 लाख रुपए हड़पने का मुकदमा
बिजनौर, जागरण संवाददाता। कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के गांव अकबराबाद निवासी महताब आलम पुत्र अब्दुल वहीद ने थाने में दर्ज रिपोर्ट में आरोप लगाया हैं कि गांव के ही राजपाल सिंह व चंद्रपाल सिंह पुत्रगण इतवारी और गौरव पुत्र रामपाल ने फर्जी अपंजीकृत इकरारनामा तैयार करा लिया। आरोपितों ने बैनामा करने के नाम पर पीड़ित से पेशगी बारह लाख रुपए ले लिए थे। आरोपितों ने बाद में बैनामा करने से इनकार कर दिया और पेशगी में दिए गए बारह लाख रुपए भी वापस मांगने नहीं दिए। लोगों ने पांच दिन पूर्व रुपये मांगने पर पीड़ित के साथ गाली-गलौच व मारपीट कर जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर राजपाल सिंह, चंद्रपाल सिंह व गौरव के विरुद्ध संबंधित धाराओं मुकदमा पंजीकृत कर लिया हैं।
हाथी उजाड़ रहे किसानों की फसल
बिजनौर, जागरण संवाददाता। कामगारपुर गांव निवासी किसानों ने डीएम को पत्र लिखकर हाथियों से निजात दिलाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि वन क्षेत्र से निकलकर हाथी किसानों की फसलों को उजाड़ रहे हैं। कई बार वन क्षेत्राधिकारी को अवगत कराया गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। किसानों का कहना है कि दो सप्ताह के भीतर नरपाल सिंह की पांच बीघा, मलखान, नरेंद्र पाल, रामपाल की तीन-तीन बीघा गन्ने की फसल को हाथियों ने उजाड़ दिया है। शाम ढलते ही वन क्षेत्र से जंगली हाथियों का झुंड खेतों में आ जाता है। किसान अतर सिंह, अरुण, लोकेंद्र, यशपाल, प्रेम कुमार, ब्रह्मपाल सिंह आदि ने फसल के नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
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