Darul Uloom Deoband: दारुल उलूम देवबंद से अब फतवे की मिल सकेगी कम्प्यूटरीकृत कॉपी, रिकॉर्ड भी रहेगा सुरक्षित
Darul Uloom Deoband अब कम्प्यूटरीकृत हुआ दारुल उलूम देवबंद का फतवा विभाग। लिखित रूप से जाने वाले फतवों की मिल सकेगी कम्प्यूटराइज्ड कॉपी। मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी बोले-आधुनिक दौर में टेक्नोलॉजी से लैस होना बेहद जरूरी। इससे लोगों को भी राहत मिलेगी।

सहारनपुर, जागरण संवाददाता। Darul Uloom Deoband सहारनपुर जिले में अब दारुल उलूम देवबंद से लिखित रूप में फतवा लेने वाले व्यक्ति को फतवे की कम्प्यूटरीकृत कॉपी मिल सकेगी। साथ ही अब हर मैनुअली फतवा कम्प्यूटर में भी दर्ज हो सकेगा। प्रबंधन ने दारुल इफ्ता (फतवा विभाग ) को पूरी तरह कम्प्यूटराइज्ड कर दिया है।
कम्प्यूटराइज्ड फतवा विभाग
दारुल उलूम के मोहतमिम ने कम्प्यूटराइज्ड फतवा विभाग का आगाज किया। रविवार को दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग को कम्प्यूटरीकृत करने का कार्य किया गया। जिसका आगाज दारुल उलूम के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने दुआ कराकर किया। इस दौरान मोहतमिम नोमानी ने कहा कि आधुनिक दौर में टेक्नोलॉजी से लैस होना बेहद जरूरी है।
अब सभी रिकॉर्ड सुरक्षित भी रहेंगे
फतवा विभाग को कम्प्यूटर से लैस कर दिए जाने से जहां फतवों का सभी रिकॉर्ड सुरक्षित रह सकेगा वहीं, फतवा देने का कार्य भी तेजी से होगा। दारुल इफ्ता के इंचार्ज मौलाना मोईनुद्दीन कासमी ने बताया कि संस्था की सुप्रीम कमेटी मजलिस-ए-शूरा ने पूर्व में दारुल इफ्ता के निजाम को कम्प्यूटराइज्ड करने के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। अब दारुल इफ्ता में कम्प्यूटर रखे जाने से मैनुअली फतवे देने में आसानी होगी। इस अवसर पर नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मुफ्ती राशिद आजमी, मुफ्ती महमूद बुलंदशहरी, मुफ्ती जैनुल इस्लाम, मुफ्ती हबीबुर्रहमान खैराबादी आदि मौजूद रहे।
पहले हाथ से लिखकर दिए जाते थे फतवे
जो व्यक्ति दारुल उलूम के इफ्ता विभाग में जाकर लिखित रूप से फतवा लेना चाहता है, उसके लिए अब बेहद आसानी हो जाएगी। पूर्व में फतवे की कॉपी हाथ से लिखकर दी जाती थी, जिसमें काफी समय लग जाता था। अब विभाग के कम्प्यूटरीकृत हो जाने के बाद कोई भी फतवा लेने वाला व्यक्ति विभाग में जाकर अपने फतवे की कम्प्यूटर कॉपी हासिल कर सकेगा।
दूरदराज के लोगों के लिए पहले से है ऑनलाइन
फतवा विभागदेश विदेश के लोग दारुल उलूम से आसानी से फतवे ले सके। इसके लिए प्रबंधन ने करीब एक दशक पूर्व ऑनलाइन फतवा विभाग की स्थापना की थी। इस ऑनलाइन विभाग के माध्यम से दूरदराज के लोग दारुल इफ्ता की ऑनलाइन साइट पर जाकर अपना सवाल लिख देते है। जिस पर संस्था की मुफ्तियों की खंडपीठ फतवा जारी करती है। बाद में इस फतवे का ऑनलाइन जवाब दे दिया जाता है।
मुस्लिमों की रहनुमाई करते है दारुल उलूम के फतवे
दारुल उलूम देवबंद से जारी होने वाले फतवों की खास महत्ता है। यहां से जारी होने वाले फतवे दुनिया भर के मुसलमानों की इस्लाम की रोशनी में रहनुमाई करते है। दारुल उलूम से करीब आठ हजार फतवे हर साल जारी होते है। यहां से निकलने वाले फतवे अक्सर चर्चाओं में भी रहे है।
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