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    भई गजब ही हो गया! न ओटीपी और न लिंक, बैलेंस चेक किया तो बैंक खाता हो गया खाली

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 09:03 PM (IST)

    मेरठ में साइबर ठगी का नया तरीका सामने आया है। ठग पहले आपके खाते में कुछ पैसे भेजते हैं और फिर गलती से भेजने की बात कहकर वापस मांगते हैं। जैसे ही आप बैलेंस चेक करने के लिए ऑनलाइन बैंकिंग में लॉग इन करते हैं आपका खाता खाली हो जाता है। साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

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    न ओटीपी, न लिंक, बैलेंस चेक किया ओर खाता खाली

    जागरण संवाददाता, मेरठ। डिजिटलीकरण के साथ ही साइबर क्राइम भी अपना आकार बढ़ा रहा है। लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ करने को नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। पुलिस साइबर ठगी के तरीकों की काट तलाशती तब तक उनका दूसरा अंदाज चौंका देता है।

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    ओटीपी नंबर पूछकर, लिंक भेजकर, इंवेस्टमेंट में मोटी कमाई का झांसा देकर व डिजिटल अरेस्ट कराने के तरीके को साइबर ठगों ने बहुत पीछे छोड़ दिया है। ठगों का नया तरीका हैरत में डालने के साथ ही डरा रहा है। इस तरीके में अचानक आपके खाते में कुछ हजार रुपया आएगा।

    अनजान नंबर से आए रुपया देखकर चौंक कर आप जानने का प्रयास करेंगे कि आखिर रुपया किसने भेजा है। रुपया आया भी या साइबर ठगी का जाल आप पर फेंका गया है। आप जैसे ही अपने बैंक खाते का आनलाइन बैलेंस चेक करने को पासवर्ड डालेंगे, आपके खाते से रुपया एकदम ट्रांसफर हो जाएगा। खाता पूरी तरह खाली हो जाएगा।

    साइबर ठगों का यह खेल '''' माल लगाओ, माल मिलेगा '''' के तरीके पर आधारित है। इसमें साइबर ठग पहले अपने रुपये दांव पर लगाते हैं। इसमें आपके मोबाइल पर अचानक आनलाइन दो या तीन हजार रुपये ट्रांसफर करने का मैसेज आता है।

    साइबर ठग जो तरीका अपना रहे हैं, उसमें इसी तरह रुपये भेजकर कहा जाता है कि गलती से रुपया आपके खाते में चला गया है ओर वह रुपया वापस करने की मिन्नत करता है। खुद को गरीब व अस्पताल में भर्ती मरीज का स्वजन बताकर रुपया वापस करने की मार्मिक गुहार करता है।

    आप मैसेज के आधार पर रुपया ट्रांसफर कर देते हैँ। खाता चेक करने पर बाद में पता चलता है, रुपया ट्रांसफर का मैसेज फर्जी था। कोई रुपया खाते में नहीं आया था। ऐसे मैसेज को ही ठगों ने नए तरीके के रूप में इस्तेमाल किया है।

    मैसेज भेजकर जैसे ही आप आनलाइन अपने बैंक खाते का बैलेंस चेक करते हैं ओर पासवर्ड डालते हैं, खाते से रुपया ट्रांसफर हो जाता है। साइबर क्राइम थाने में रोज ऐसे मामले अब सामने आने लगे हैं। साइबर एक्सपर्ट ठगी के इस नए तरीके को लेकर खुद हैरत में है।

    ऐसे करते हैं ठगी

    साइबर ठग मैसेज के साथ ही संबंधित बैंक की साइट अटैच कर भेजते हैं। इस पर बैलेंस चेक करने को कहा जाता है। इसमें बैंक की साइट के लिंक के स्थान पर साइबर ठग अपना शार्ट कोड लिंक डाल देते हैं। बैंक जैसा ही पेज खुलता है। जैसे ही इस लिंक को क्लिक किया जाता है। वैसे ही लिंक के साथ अटैच वायरस पीपीटी फाइल से फोन हैक हो जाता है ओर रुपया खाते से साइबर ठग ट्रांसफर कर लेते हैं। - अंकुर अग्रवाल, साइबर एक्सपर्ट व डायरेक्टर पैंटागान साइन सिक्योरिटीज

    ऐसे बचे

    अगर आपके पास किसी अनजान नंबर से रुपये ट्रांसफर हो ओर मैसेज आए, तो सतर्क हो जाए। तत्काल अपना बैंक अकाउंट चेक न करें। कम से कम 15 मिनट इंतजार करें। इसके बाद ही अपना खाते का बैलेंस या अन्य कोई प्रक्रिया करें।

    अभी ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। इस तरह का तरीका है तो बेहद खतरनाक है। यह किस तरह होता है, क्या तरीका व तकनीकि अपनाई जा रही है, इसकी पूरी जांच कर साइबर एक्सपर्ट से जानकारी ली जाएगी। ऐसी व साइबर ठगी से बचने का एकमात्र तरीका है, लालच न करें ओर सतर्कता बरते। - अवनीश कुमार, एसपी क्राइम व प्रभारी साइबर क्राइम