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    Corona Delta Plus Variant: फेफड़ों पर तेजी से चिपकेगा डेल्टा प्लस वैरिएंट, जानें- विशेषज्ञों ने क्‍या कहा

    By Himanshu DwivediEdited By:
    Updated: Sun, 27 Jun 2021 09:43 AM (IST)

    डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट ने दूसरी लहर के थमने से पहले ही डराना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों से बातचीत के दौरान अब एक नई और खतरनाक बात सामने आई है। विशेषज्ञों ने बताया कि डेल्‍टा प्‍लस वैरिएंट फेफड़ों पर तेजी से चिपकता है।

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    फेफड़ों पर तेजी से चिपकेगा डेल्टा प्लस वैरिएंट।

    [संतोष शुक्ल] मेरठ। कोरोना की दूसरी लहर थमने से पहले डेल्टा प्लस वैरिएंट ने डराना शुरू कर दिया है। यह वैरिएंट यूपी में नहीं मिला है, लेकिन चिकित्सा विज्ञानियों का कहना है कि यह फेफड़ों की कोशिकाओं के रिसेप्टर पर दोगुना तेजी से चिपकेगा। खतरनाक निमोनिया और अंगों में सूजन की आशंका भी ज्यादा होगी।

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    डेल्टा प्लस में एक साथ कई लक्षण

    मेडिकल कालेज के फिजिशियन डा. अरविंद का कहना है कि कोरोना वायरस की सतह पर मिलने वाला स्पाइक प्रोटीन कोशिकाओं से चिपककर शरीर में पहुंचता है। डेल्टा प्लस वैरिएंट में वायरस के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव देखे गए हैं, जो कोशिकाओं के रिसेप्टर से और तेजी से चिपकेगा।

    गुजरी लहर डेल्टा ही थी: मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि गुजरी लहर में डेल्टा वायरस सक्रिय रहा होगा, जिसकी प्रोटीन में बदलाव हुआ है। ऐसे में डेल्टा प्लस के बारे में रिसर्च की जा रही है। हालांकि दुनिया के कई देशों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में भारत जैसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाले देश को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा वायरस में म्यूटेशन से जरूरी नहीं कि यह खतरनाक और संक्रामक ही बनेगा। कमजोर भी पड़ सकता है।

    विशेषज्ञों ने क्‍या कहा

    सांस व छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीरोत्तम तोमर ने बताया कि डेल्टा प्लस अन्य वैरिएंट से 40-60 फीसद ज्यादा संक्रामक है। यह लंग्स में पिछले स्ट्रेन की तुलना में तेजी से चिपकेगा, लिहाजा निमोनिया ज्यादा गंभीर हो सकता है। प्रोटोकाल का पालन करें। नियमित योग कर फेफड़ों को मजबूत रखें।

    सांस व छाती रोग विशेषज्ञ डा. वीएन त्यागी ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट सिर्फ 15 सेकंड के संपर्क में एक से दूसरे में फैल सकता है। दो और साल तक कोरेाना संक्रमण बने रहने की आशंका है। तीसरी के बाद भी लहरें आएंगी, और वायरस कमजोर पड़ता जाएगा।

    ये रखें सावधानी

    • मास्क नियमित रूप से पहनें। पहनने का तरीका भी ठीक हो।
    • छह फुट की दूरी पर रहकर बात करें। दूसरे स्थानों पर जाने पर बंद कमरे में मास्क न हटाएं।
    • बाहर से आएं तो तत्काल हाथ धोएं। बाहर निकलें तो सैनिटाइजर रखें
    • अस्पताल, माल, बाजार या भीड़ में बेवजह न जाएं।
    • वैक्सीन जरूर लगवाएं। नए वैरिएंट से भी 60 फीसद तक सुरक्षा मिल सकती है। 

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