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    Treatment Of Corona: एक और अचूक आयुर्वेदिक औषधि, हल्दी-चूने के सेवन जल्‍द ठीक हो सकते हैं कोरोना मरीज

    By Prem BhattEdited By:
    Updated: Sat, 05 Sep 2020 09:50 AM (IST)

    Treatment Of Corona हल्दी और चूने को मिलाकर सेवन करने से कोरोना मरीज तेजी से ठीक हो सकते हैं। इसे शुगर बीपी गठिया व पेट की जटिल बीमारियों में भी कारगर माना जा रहा है।

    Treatment Of Corona: एक और अचूक आयुर्वेदिक औषधि, हल्दी-चूने के सेवन जल्‍द ठीक हो सकते हैं कोरोना मरीज

    मेरठ, [संतोष शुक्ल]। Treatment Of Corona आयुर्वेद के खजाने से कोरोना को हराने की एक और अचूक औषधि सामने आई है। हल्दी और चूने को मिलाकर सेवन करने से कोरोना मरीज तेजी से ठीक हो सकते हैं। दोनों औषधियां शरीर से विषाक्त कणों को बाहर निकालने के साथ ही खून के थक्के बनने से भी रोकती हैं। वायरल लोड कम होता है। मेरठ के आयुर्वेदिक प्रोफेसर का शोध पत्र अगस्त 2020 में अमेरिका की पत्रिका और जर्नल आफ नेचुरल एंड आयुर्वेदिक मेडिसिन में छपा है। दुनियाभर के चिकित्सकों के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया है। इसे शुगर, बीपी, गठिया व पेट की जटिल बीमारियों में भी कारगर माना जा रहा है।

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    शरीर में विष बनना रोक देता है

    महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. देवदत्त भादलीकर ने बताया कि कोरोना बीमारी चरक संहिता में वॢणत वात-पित्त सन्निपात ज्वर से मिलती-जुलती है। इन मरीजों पर हल्दी व चूने का फार्मूला खरा उतरा। इनमें न सिर्फ बीमारी के लक्षण कमजोर पड़ गए, बल्कि शरीर में यूरिक एसिड न बन पाने से मरीज मल्टीआर्गन फेल्योर में जाने से बचते हैं। इस फार्मूले पर दस साल तक शोध किया गया है। हल्दी दर्दनाशक, संक्रमण और विषनाशक है। यह रक्त का गाढ़ापन कम करता है। चूने यानी कैल्शियम हाइड्राक्साइड का पीएच मान 14.2 होता है, जो हल्दी के अंदर से रिलीज होने से अम्लों को उदासीन बना देता है। शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल पैदा नहीं हो पाते हैं। यूरिक एसिड न बन पाने से शरीर के अंग नाकाम होने से बचते हैं।

    वायरल का बढऩा रोक बनाता है एंटीबाडी

    हल्दी को चूने में भिगोकर रातभर छोडऩे के बाद उसे सुखाकर 500 मिग्रा दिन में तीन बार लेने से कोरोना वायरस का शरीर में रेप्लीकेशन रुकता है। चूना और हल्दी दोनों आपस में मिलकर शरीर के अंदर के हानिकारक पदार्थों को नष्ट कर देते हैं। बताया कि हल्दी और चूना दोनों ही इम्युनोमाडयूलेटर हैं, जो शरीर में संक्रमण के खिलाफ तेजी से एंटीबाडी बनाते हैं। दोनों दवाएं कोरोना मरीजों के शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती हैं, जिससे मरीज हार्ट व ब्रेन स्ट्रोक से बचता है।

    इनका कहना है

    कोरोना वायरस टांसिल से फेफड़े में पहुंचकर शरीर में तेजी से फैलता है। हल्दी और चूना मिलकर विषनाशक बन जाते हैं। शरीर में फ्री रेडिकल और यूरिक एसिड नहीं बन पाता है, जिससे लंग्स समेत अन्य अंगों में सूजन नहीं आती। दोनों औषधियां प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं, जो कोरोना मरीजों को देने से सिद्ध भी हुआ। यूएसए के मेडिकल जर्नल में शोध छपा है। यह शुगर समेत कई अन्य बीमारियों का भी इलाज है।

    - डा. देवदत्त भादलीकर, प्राचार्य, महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज

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