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    UP Panchayat Chunav: क्या पंचायत चुनाव में कांग्रेस बदलेगी पिक्चर? राहुल गांधी का अगला टारगेट हो गया क्लियर

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 07:41 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए गांवों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पांच-स्तरीय संगठन बनाया जा रहा है जिसमें बूथ स्तर की कमेटियां महत्वपूर्ण हैं। पार्टी का लक्ष्य है कि सितंबर तक बूथ स्तर की कमेटियां गठित हो जाएं और पंचायत चुनाव अपने दम पर लड़े जाएं। राहुल गांधी का अगला लक्ष्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश होगा।

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    गांवों की धरती में संगठन के बीज रोप रही कांग्रेस

    अनुज शर्मा, मेरठ। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से कमजोर पड़ी कांग्रेस अब संगठन सृजन के माध्यम से मजबूत होने में जुटी है। हालांकि संगठन पांच स्तर पर गठित हो रहा है लेकिन इनमें गांवों की बूथ कमेटी को सबसे अहम माना जा रहा है।

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    कांग्रेस गांवों में ही संगठन तैयार करके उसके सहारे अागामी पंचायत और विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने की तैयारी कर रही है। दावा किया जा रहा है कि सितंबर तक बूथ स्तर की कमेटी का गठन कर लिया जाएगा।

    इसके बाद गांवों में नए सदस्य बनाये जाएंगे। बूथ स्तर कमेटी में भी अध्यक्ष समेत कुल 11 लोग होंगे। संगठन सृजन के दौरान ही पार्टी इस कदर उत्साहित है कि उसने प्रदेश में अपने दम पर पंचायत चुनाव लडने की घोषणा तक कर दी है।

    पश्चिम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अचानक सक्रिय दिखाई दे रही है। जिला मुख्यालय से लेकर तहसील और ब्लाक स्तर पर भी पार्टी विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन कर रही है। पार्टी पदाधिकारियों का दावा है कि इस सक्रियता का कारण संगठन सृजन कार्यक्रम है।

    पार्टी प्रत्येक जिले में पांच स्तरीय संगठन का गठन कर रही है। इसमें जिला, महानगर, ब्लाक, मंडल और बूथ स्तर की कमेटी का गठन करना है। अभी तक जिला, महानगर और ब्लाक कमेटियों का गठन किया जा चुका है।

    मंडल स्तरीय कमेटी का गठन अंतिम चरण में है। 20 से 25 बूथों को शामिल करके एक मंडल का गठन किया गया है। प्रत्येक विधानसभा में औसतन 20 मंडल हैं। सितंबर तक बूथ स्तरीय कमेटी का गठन भी पूरा कर लेने का पार्टी का लक्ष्य है। बूथ स्तरीय कमेटी में अध्यक्ष समेत कुल 11 लोग होंगे।

    पश्चिम पर निगाहें, पदाधिकारियों की लगातार आवाजाही

    प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के अभियान में कांग्रेस हाईकमान की नजर पश्चिम पर टिकी है। मुस्लिम और अनुसूचित जाति के बड़ी संख्या में मतदाता यहां हैं। यही कारण है कि पार्टी को यहां से खासी उम्मीदें हैं।

    संगठन सृजन कार्य की समीक्षा के बहाने ही हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय ने भी पश्चिम के सभी जनपदों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। अन्य पदाधिकारियों की भी यहां लगातार आवाजाही बनी है।

    बिहार के बाद पश्चिम पर होगा राहुल गांधी का निशाना

    देश में उत्तर प्रदेश और बिहार ही सबसे बड़ी जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। इन दोनों प्रदेशों पर सभी राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी होती हैं। पार्टी सूत्रों की माने तो राहुल गांधी ने अभी बिहार पर फोकस कर रखा है।

    प्रत्येक आंदोलन का नेतृत्व वे खुद कर रहे हैं। बिहार चुनाव के बाद राहुल गांधी का अगला लक्ष्य उत्तर प्रदेश होगा। लेकिन उनका बसेरा पश्चिम में रहेगा। उससे पहले ही पार्टी यहां संगठन गठन और नए कार्यकर्ता बनाने का काम पूरा कर लेगी।

    संगठन सृजन में पार्टी का फोकस गांवों पर है। गांवों में ही ज्यादा से ज्यादा नए सदस्य बनाए जाएंगे। उसी के सहारे पार्टी पंचायत चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। जिला पंचायत सदस्य पदों पर पार्टी के समर्थित प्रत्याशी होंगे। इसके बाद विधानसभा चुनाव में पार्टी बदले स्वरूप में दिखेगी। -अजय राय, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस