सिटीजन फोरम ने खारिज की मेरठ महायोजना 2031, बताया त्रुटियों का पुलिंदा
आगामी 10 साल के लिए सुनियोजित विकास का खाका खींचने वाली मेरठ महायोजना-2031 को मेरठ सिटीजन फोरम ने खारिज कर दिया है। मेरठ सिटीजन फोरम ने बताया त्रुटियों का पुलिंदा। मांग रखी महायोजना संशोधित कर फिर से हो प्रकाशन।

मेरठ, जागरण संवाददाता। आगामी 10 साल के लिए सुनियोजित विकास का खाका खींचने वाली मेरठ महायोजना-2031 को मेरठ सिटीजन फोरम ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को सांसद राजेंद्र अग्रवाल और विधायक अमित अग्रवाल की उपस्थिति में साकेत में हुई बैठक में फोरम ने इसे त्रुटियों और मनमानी की योजना बताया। सुझाव रखा कि यह तभी पूर्ण मानी जाएगी जब इसकी मुख्य कमियों को दूर कर संशोधित महायोजना फिर से लाई जाए। पहले सभी भी सलाह ली जाए फिर प्रकाशन हो, उसके बाद आपत्ति और सुझाव लिए जाएं।
इसमें कहा गया कि मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा महायोजना में प्रकाशित हिंदी एवं अंग्रेजी रिपोर्ट तथा प्रकाशित मानचित्र में तमाम त्रुटियां हैं। नई महायोजना के मानचित्र में नए प्रकार के निर्माणों को नहीं दर्शाया गया है। जिस तरह का आकार दिखाया गया है वह भी गलत है। हवाई पट्टी को भी ठीक से सम्मिलित नहीं किया गया है। हवाई अड्डे को शहर से सीधे पहुंच रास्ते से भी नहीं जोड़ा गया है। जोनिंग रेगुलेशन में भी बहुत अधिक कमियां हैं। हिंदी और अंग्रेजी में प्रकाशित की गई पुस्तिका के भूउपयोग में अंतर है। नई महायोजना में निर्मित क्षेत्र को भी नहीं दर्शाया है।
अधिकतम मानचित्रों की स्वीकृति में प्रभाव शुल्क का प्रविधान किया गया है। सरधना, बहसूमा, लावड़, मवाना, हस्तिनापुर नए क्षेत्र के रूप में शामिल किए गए हैं लेकिन उनके बिल्डिंग बाइलाज, जोनिंग रेगुलेशन को अलग से नहीं रखा गया है। ग्रामीण आबादी का विस्तार किस तरह से हो, इस संबंध में नीति स्पष्ट नहीं है। इसमें सेवानिवृत्त नगर नियोजक अरविंद रस्तोगी, सेवानिवृत्त मुख्य नगर एवं ग्राम्य नियोजक वीके गुप्ता, उप्र आर्किटेक्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जागेश कुमार और गौरांग संगल ने विचार रखे।
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