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    कथाव्यास चिन्मयानंद बापू ने कहा-दान में औपचारिकता नहीं, अपनत्व होना चाहिए

    By Vinay Kumar Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Thu, 30 Oct 2025 03:27 PM (IST)

    कथावाचक चिन्मयानंद बापू ने दान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि दान में औपचारिकता नहीं, बल्कि अपनत्व होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दान देते समय प्रेम और सहानुभूति की भावना होनी चाहिए, जिससे लेने वाले और देने वाले के बीच गहरा संबंध बने। सच्चा दान जिम्मेदारी निभाने की औपचारिकता नहीं, बल्कि जरूरतमंद की मदद करने की भावना से प्रेरित होना चाहिए।

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    विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट की ओर से सदर भैंसाली मैदान में श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कराते अंतरराष्ट्रीय कथावाचक चिन्मयानंद बापू। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। विश्व कल्याण मिशन ट्रस्ट द्वारा सदर भैसाली मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कथावाचक चिन्मयानंद बापू ने श्रीकृष्ण बाल लीला का मनोहरी वर्णन किया। श्रीकृष्ण, ग्वालों व गोवर्धन की सुंदर झांकी प्रस्तुत की गई। उन्होंने कहा, जिस पर भगवत कृपा होती है, उसे ही कथा श्रवण का सौभाग्य मिलता है। चिन्मयानंद बापू ने कहा कि भगवान का जन्म नहीं होता, वह प्रकट होते हैं। जिस प्रकार दूध में घी होता है, लेकिन दिखाई नहीं देता। उसी प्रकार ईश्वर सर्वत्र, सर्वदा व समान रूप से विद्यमान हैं।

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    भगवान शंकर ने कहा है कि प्रेम ते प्रकट होई मैं जाना...अर्थात भगवान को प्रकट करने के लिए अनुराग, प्रेम की जरूरत होती है। भगवान को मिठाई, धन या अन्य किसी वस्तु की जरूरत नहीं है। प्रेम के प्रकट होते ही भगवान भक्त से मिलने चले आते हैं। जब रामकृष्ण परमहंस के सामने कोई गोविंद का नाम लेता था तो वह रो पड़ते थे। दान में औपचारिकता नहीं, अपनत्व होना चाहिए। कान्हाजी के जन्म पर नंदबाबा ने दो लाख गायों का दान किया।

    दान अपनी सबसे प्रिय वस्तु का ही करना चाहिए। तिरुपति में लोग अपने केशरूपी सौंदर्य का दान करते हैं। कान्हा के अवतार लेने पर वेद मंत्रों का पाठ हुआ। गोधन व ब्राह्मणों का पूजन किया गया। इस प्रसंग में कथाव्यास ने वर्तमान परिदृश्य में विवाह आदि मांगलिक कार्यों में पश्चिमी सभ्यता के हस्तक्षेप पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म विज्ञान आधारित है। ऋषि-मुनियों की परंपरा व अपनी संस्कृति अपनाने पर जोर दिया।

    उन्होंने कहा कि युवाओं को उद्यमी बनना चाहिए। बुधवार को अतिथियों में महापौर हरिकांत अहलूवालिया, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, कवि सौरभ जैन सुमन, संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता, खंदक बाजार के प्रधान अंकुर गोयल, मयूर अग्रवाल, अंकित शर्मा, विश्वजीत सोनकर व अन्य का स्वागत किया गया। कुसुम शास्त्री, विक्रमजीत शास्त्री, ज्ञानेंद्र अग्रवाल, हर्ष गोयल, डा. रामकुमार गुप्ता, रवि माहेश्वरी, एसके दीक्षित, अंबुज रस्तोगी, सचिन गोयल, पवन मित्तल, अभिनव मित्तल, अमन गुप्ता, संजीव गुप्ता, अनिल मित्तल, अमित गुप्ता व अन्य मौजूद रहे।