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    शेफ संजीव कपूर से लेकर नमो भारत स्टेशन तक... सबको याद आ रही है मेरठ की चाट, क्या आप जानते हैं इसकी विशेषता

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Thu, 16 Oct 2025 01:58 PM (IST)

    मेरठ की चाट अपने खास स्वाद के लिए जानी जाती है। अब इस जायके को एक बार फिर याद किया जा रहा है और इसे नई पहचान मिल रही है। नमो भारत स्टेशन की दीवारों पर मेरठ की चाट की कलाकृति बनाई गई है। इसकी प्रशंसा करते हुए मशहूर शेफ संजीव कपूर का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। 

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    मेरठ की चाट, नमो भारत स्टेशन पर बनाई गई मेरठ की चाट की कलाकृति, इंसेट में शेफ संजीव कपूर (फोटो इंस्टाग्राम) 


    प्रदीप द्विवेदी, जागरण, मेरठ। अगर आपने मेरठ की चाट नहीं खाई तो यकीन कीजिए आपने असली जायके की मेरठ यात्रा अधूरी छोड़ दी है। मेरठ की चाट सिर्फ एक व्यंजन नहीं इसके मसालों में भावनाओं की खूशबू है। 

    आलू, दही, इमली, सोंठ, नींबू और चटपटे मसाले मिलकर शहर की आत्मा को स्वाद में पिरो देते हैं। अब उसी जायके को एक बार फिर याद किया जा रहा है, नई पहचान मिल रही है -नमो भारत स्टेशन की दीवारों पर, शेफ संजीव कपूर के वायरल वीडियो में और आबूलेन के फूड फेस्टिवल में।

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    एनसीआरटीसी ने स्वाद को याद दिलाने के लिए स्टेशन पर बनवाई कलाकृति

    नमो भारत के स्टेशन पर बनी रंगीन कलाकृति में मेरठ की चाट दिख रही है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने जब स्टेशनों पर क्रांति, खेल सामग्री और नौचंदी मेले की कलाकृति बनाने की तैयारी की तब उसी अध्ययन में सामने आया मेरठ की चाट का स्वाद। फिर क्या था एनसीआरटीसी ने उस स्वाद को याद दिलाने के लिए स्टेशन पर कलाकृति बनवा दी।

    मशहूर शेफ संजीव कपूर ने किया आबूलेन की चाट का जिक्र

    इस चाट को सिर्फ एनसीआरटीसी ने ही याद नहीं दिलाया बल्कि हाल ही में एक साक्षात्कार में मशहूर शेफ संजीव कपूर ने भी मेरठ के चाट का जिक्र किया। उनका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वह उस वीडियो में यह बताते हैं कि आबूलेन में जो चाट मिलती है वह उन्हें पसंद है। उसमें वह सोंठ वाली चटनी को एक लकड़ी के चम्मच से डालने वाली प्रक्रिया का विशेष रूप से उल्लेख करते हैं।

    इमामदस्ते में कूटकर बनाते हैं मसाला, स्वाद के लिए पकाते हैं मटर

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    राजू चाट भंडार के संचालक दीपक बताते हैं कि उनके पिता बांकेलाल राजू ने दुकान की शुरुआत की थी। लगभग 40 साल पुराना वही स्वाद अभी भी लोगों को दे रहे हैं। समय बदला फिर भी मसाला इमामदस्ते में कूटा जाता है। साबुत मसाला लाकर पीसते हैं। इसी तरह से अन्य सभी मसाले या आदि का चयन बहुत गंभीरता से करना होता है। सोंठ की चटनी का स्वाद अलग ही है। उनके यहां पर शेफ संजीव कपूर ही नहीं सीआइडी, महाभारत व थ्री ईडियट फिल्म के कई कलाकारों ने भी यहां आकर चाट का स्वाद लिया है।

    दादा राधे के समय के मसालों का कर रहे उपयोग


    राधे चाट के संचालक मुकेश का कहना है कि चाट का स्वाद बनाए रखने के लिए वही मसाला प्रयोग करते हैं जो उनके दादा राधे प्रयोग किया करते थे। दादा के समय से ही उनकी दुकान का स्वाद लोगों को भा गया था। मटर को पकाने व उसमें स्वाद लाने के लिए विभिन्न प्रक्रिया से गुजारना पड़ता है। उनके यहां पर शेफ संजीव कपूर चाट का स्वाद चखने आए थे। 

    आबूलेन में फूड फेस्टिवल की तैयारी तेज

    आबूलेन में फूड फेस्टिवल की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें चाट व विभिन्न तरह का स्वाद मिलने वाला है। स्थानीय व्यापार मंडल के सहयोग से प्रमोशन फार यू इसका आयोजन करा रहा है। फार यू स्टार्टअप की सीईओ पूर्वशी ढींगरा ने बताया कि दीपावली के उपलक्ष्य में 18 व 19 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इस फेस्टिवल में स्वाद के साथ ही मनोरंजन का भी लुत्फ उठा सकेंगे। सजावट अंतिम चरण में पहुंच गई है। यह यादगार बनने जा रहा है।

     

    कबाब ने फीका कर दिया चाट बाजार का स्वाद

    कभी आबूलेन की गलियों में शाम ढलते ही चाट की खुशबू से पूरा क्षेत्र महक उठता था। नौ से अधिक दुकानें थीं, फिर एक विशेष चाट बाजार बनाकर उसे व्यवस्थित करने की तैयारी हुई। दुकानें वहां चली गईं लेकिन उसी में कबाब की दुकानें खुल गईं, जिससे शराब पीने वाले भी पहुंचने लगे। इससे माहौल बिगड़ गया। अब आबूलेन पर राजू चाट भंडार व राधे चाट स्वाद के लिए जाने जाते हैं।