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    CCSU : मनी लांडरिंग मामले में सीसीएसयू से संबद्ध कॉलेजों को विजिलेंस ने भेजा नोटिस, दर्ज होंग कॉलेजों के पक्ष

    Updated: Tue, 30 Jul 2024 01:54 PM (IST)

    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. रामपाल सिंह के खिलाफ चल रहे मामले को लेकर ईडी ने अब संबंधित कॉलेजों को नोटिस भेजा है। यह नोटिस खासकर उन कॉलेजों को भेजा गया है जिनकी मान्यता डॉ रामपाल के कार्यकाल के दौरान मिली थी। उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के मेरठ कार्यालय द्वारा भेजे गए नोटिस में कॉलेज प्रंबंधन को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है।

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    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (File Photo)। जागरण

    जागरण संवाददाता, मेरठ। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से की जा रही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. रामपाल सिंह के खिलाफ जांच के मामले में उनके कार्यकाल के दौरान मान्यता पाने वाले कालेजों को भी नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के मेरठ क्षेत्र कार्यालय से भेजा गया है।

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    संशोधित भ्रष्टाचार निवारण-संशोधित अधिनियम 2018 के अंतर्गत की जा रही जांच के मामले में पूर्व कुलपति के कार्यकाल के दौरान संस्थानों को दी गई मान्यता में बरती गई अनियमितताओं के संबंध में नोटिस जारी कर कालेजों से जवाब मांगा गया है। कालेजों से मान्यता संबंधी पत्रावली के आरंभ से दिसंबर-2005 तक के सभी अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि साकेत स्थित विजिलेंस कार्यालय में जमा कराना है। इसके साथ ही कालेज प्रबंधन को अपना पक्ष रखने के लिए कार्य दिवसों में सुबह 10 बजे उपस्थित होने का समय दिया गया है।

    जब्त की है आरपी सिंह की संपत्ति

    ईडी ने इसी महीने आरपी सिंह की 3.21 करोड़ की संपत्ति मनी लांडरिंग मामले में जब्त की थी। यह मामला 21 सितंबर 2020 को उत्तर प्रदेश विजिलेंस पुलिस ने दर्ज किया था जिसमें विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. रामपाल सिंह के अलावा पूर्व वित्त नियंत्रक चंद्र किरण सिंह और सीपीएमटी परीक्षा 2004 के पूर्व समन्वयक प्रोफेसर हरेंद्र सिंह बालियान को आरोपित बनाया गया है।

    डॉ. रामपाल सीसीएसयू में दो मार्च 2003 से 27 मई 2005 तक कुलपति रहे थे। उनके पद पर रहने के दौरान हुई शिकायतों पर विजिलेंस ने मनी लांडरिंग का मामला दर्ज किया जिसकी जांच अब ईडी भी कर रही है।

    ED ने CCSU ने लिए थे सभी विवरण

    ईडी ने जांच के दौरान विश्वविद्यालय ने तीनों आरोपितों के आधार कार्ड व पैन कार्ड की छाया प्रति, सैलरी एकाउंट के विवरणों में खाता संख्या, बैंक का नाम व शाखा, जनवरी 2003 से अप्रैल 2024 तक उन्हें दिए गए वेतन का महीने वार विवरण, उक्त समय के दौरान ही तीनों के द्वारा इम्मोवेबल प्रापर्टी रिटर्न में घोषित विवरण, विश्वविद्यालय में व्याप्त तीनों के किसी भी अन्य ऐसेट व लायबिलिटी के विवरण, तीनों की वर्तमान पोस्टिंग का विवरण, विश्वविद्यालय की ओर से की गई जांच की प्रतियां व रिपोर्ट भी और तीनों की ओर से धनराशि को लेकर की गई अनियमितताओं का विवरण भी मांगा लिया था।

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