Chaudhary Charan Singh: किसानों के मसीहा यूं ही नहीं कहा जाता चौधरी साहब को, उन लम्हों को बयां किया साथियों ने
29 मई पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि पर विशेष चौधरी साहब के अनन्य सहयोगी रहे पूर्व विधायक जगत सिंह ने बताया कि वह हमेशा यही बात कहते ...और पढ़ें

मेरठ, जागरण संवाददाता। Chaudhary Charan Singh चौधरी चरण सिंह को किसानों के मसीहा यूं ही नहीं कहा जाता है। जीवन के अंतिम वषों में जब वह बहुत बीमार थे। तब भी उनका दर्द किसानों की स्थिति को लेकर छलक उठता था। उनके राजनीतिक जीवन काल में अनन्य सहयोगी रहे पूर्व विधायक जगत सिंह ने बताया कि 1986 में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह दिल्ली के वेलिंगटन हास्पिटल जिसे अब राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कहा जाता है भर्ती थे। उनसे मिलने वह अक्सर जाया करते थे। बताया कि उनसे मिलने आने वालों में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से लेकर देश के शीर्ष नेता होते थे।
.jpg)
यह भी बताया
वह हमेशा यही बात कहते थे कि किसानों की स्थिति सुधरनी बहुत जरूरी है। उन्हें यह चिंता भी सताती थी कि उनके बाद किसानों के मुद्दों की पैरवी कौन करेगा। जगत सिंह लगातार 12 वर्षों तक चौधरी चरण सिंह और उसके बाद अजित सिंह के साथ वह लगातार अलग अलग दलों के मेरठ के जिला अध्यक्ष रहे। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के निधन के बाद वह उनकी अस्थियों को लेकर हरिद्वार में विसर्जन के लिए ले गए थे।
.jpg)
सादगी और सरलता कूट-कूट कर भरी थी
आर्य समाज थापर नगर के पुरोहित रहे धर्मपाल 90 वर्षीय ने बताया कि 1962 से 65 तक मंदिर परिसर में रहते थे। चरण सिंह जी का उनसे गहरा लगाव था। बताया कि उक्त अवधि के बीच उन्होंने बेटे का नाम करण संस्कार कार्यक्रम आयोजित किया था। उस समय तक चौधरी साहब प्रदेश की राजनीतिक के फलक पर छाए हुए थे। कार्यक्रम आरंभ हो गया था। विद्वान प्रवचन कर रहे थे। वह आए और व्यवधान न हो इसलिए चुपचाप पीछे की पंक्ति में बैठ गए।

जीवन पर गहरी छाप
धर्मपाल ने जब उनको देखा तो वह उनके पास पहुंचे और उन्हें आगे बैठने के लिए कहा। चौधरी साहब ने कहा नहीं वह यहीं ठीक हैं। धर्मपाल ने बताया कि आर्य समाज की शिक्षाओं की उनके जीवन पर गहरी छाप थी। थापर नगर आर्य समाज के प्रधान राजेश सेठी ने बताया कि चौधरी साहब गाजियाबाद आर्य समाज के प्रधान और मंत्री भी रहे। मेरठ में आर्य समाज की गतिविधियों में वह अक्सर शामिल होते थे।
किसानों के सबसे बड़े नेता थे चौधरी चरण सिंह
मेरठ : आल इंडिया लायर्स यूनियन मेरठ द्वारा चौधरी चरण सिंह की 35 वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर डा. जीआर मलिक ने कहा कि चौधरी चरण सिंह जमींदारी और महाजनी व्यवस्था का खात्मा चाहते थे। वे किसानों की सत्ता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने किसान की कर्ज मुक्ति की बात की। उन्होंने जमींदारी खत्म करके किसानों को राहत प्रदान की।चौधरी चरण सिंह एक बड़े लेखक थे और उन्होंने कई किताबें लिखीं। यूनियन के पूर्व अध्यक्ष मुनेश त्यागी एडवोकेट ने कहा कि उन्होंने किसानों को वाणी प्रदान की। कार्यक्रम में बृजपाल दबथुआ, धर्म सिंह सत्याल, जीपी सलवानिया, मांगेराम, अनिल यादव, ब्रजवीर सिंह मलिक सचिव उत्तर प्रदेश ऑल इंडिया लायर्स यूनियन ने भी विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अब्दुल जब्बार ने की और संचालन राजकुमार गुर्जर ने किया।
एक मुलाकात में बड़े चौधरी का होकर रह गया
बडौत : रालोद के राष्ट्रीय सचिव सुखबीर सिंह गठीना पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से जुड़े पुराने संस्मरणों को ताजा करते हुए बताया कि पहली बार वह वर्ष 1979-80 में उनसे मिलने दिल्ली गए, तब उन्होंने पूछा था कोई काम बताओ। मैंने कहा कि सिर्फ मिलने आया हूं। बड़े चौधरी ने कहा कि था मिलना भी बड़ा काम है। जीवन में ईमानदारी, किसान और गरीब की सच्ची सेवा की सीख वह हर कार्यकर्ता को देते थे। चौधरी चरण सिंह जमीन से जुड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं का बहुत सम्मान किया करते थे। विशेष रूप से गरीब, पिछड़े वर्ग के किसान परिवारों से निकले संघर्षशील लोगों को ऊपर उठाने के लिए सदैव तत्पर रहते थे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।