CCSU News: विश्वविद्यालय के गेट पर ताला डालकर फेल छात्र-छात्राओं का छह घंटे धरना, कापी देखकर साधी चुप्पी
CCSU Meerut चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में हापुड़ सहारनपुर मुजफ्फरनगर आदि जिलों के बीएससी द्वितीय वर्ष के फेल छात्र पहुंचे। प्रदर्शन करने वाले छात्रों को केमिस्ट्री व मैथ आदि विषयों में शून्य एक या दो अंक अंक मिले हैं। उन्होंने पास करने की मांग की।

मेरठ, जागरण संवाददाता। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के संबद्ध कालेजों में बीएससी द्वितीय वर्ष के फेल छात्रों ने बुधवार को सीसीएसयू के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। दोपहर करीब 12 बजे छात्रों ने गेट बंद कर धरना प्रदर्शन किया और शाम छह बजे तक वहीं प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय के सभी फेल छात्रों को पास करने की मांग पर अड़े रहे।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों द्वारा दिए रोल नंबर की छह उत्तर पुस्तिकाएं उनके व अन्य लोगों के सामने ही विशेषज्ञों से जांच कराई जिसमें फेल छात्र फेल ही मिले। इसके बाद भी छात्र पास करने की मांग पर अड़े रहे। विश्वविद्यालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि दो बार किए गए मूल्यांकन के बाद भी फेल छात्रों को उत्तर पुस्तिका में बिना कुछ लिखे पास नहीं किया जाएगा।
उत्तर पुस्तिका देखी तो बंद हुई बोलती
प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग को मानते हुए कुलसचिव व अन्य शिक्षकों ने मूल्यांकन भवन में उत्तर पुस्तिका निकालकर छात्रों को दिखाया। प्रश्न कुछ पूछा गया और उसमें उत्तर कुछ और लिखा मिला। प्रदर्शन करने वाले छात्रों को केमिस्ट्री, गणित आदि विज्ञान विषयों में शून्य, एक या दो अंक अंक मिले हैं। दोबारा मूल्यांकन के बाद एक-दो प्रतिशत छात्रों के अंक बढ़े लेकिन अब भी विभिन्न कालेजों के छात्र फेल ही हैं। इनमें हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर आदि जिलों के छात्र हैं। उत्तर पुस्तिका देखने के बाद छात्र निरुत्तर होने के बाद भी धरने पर बैठ गए।
प्रथम वर्ष में बिना परीक्षा के हुए पास, द्वितीय में हुए फेल
सीसीएसयू की ओर से बुधवार शाम को कुलपति कार्यालय में प्रेस वार्ता कर कुलसचिव धीरेंद्र कुमार ने कहा कि बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा में 65 से 75 प्रतिशत परीक्षार्थी फेल या बैक होते रहे हैं। कोविड में प्रथम वर्ष में बिना परीक्षा के सभी को उत्तीर्ण कर दिया गया था। लगभग उतनी ही संख्या में छात्र अब द्वितीय वर्ष में फेल हो गए हैं। कोविड महामारी में उत्तीर्ण करने के निर्देश का छात्र अब भी लाभ उठाना चाहते हैं, जो नहीं हो सकता। इस पूरी प्रक्रिया में विश्वविद्यालय ने कालेजों के पठन-पाठन, परीक्षा और मूल्यांकन पर किसी को कटघरे में खड़ा नहीं किया है। सीसीएसयू के मूल्यांकन में पहली बार 15 अंक और दूसरी बार 60 अंक तक दिए जा चुके हैं।-
नहीं है यह व्यवस्था
कालेजों में पठन-पाठन और उपस्थिति की जांच नहीं होती
-कालेजों में सेमेस्टर या वार्षिक परीक्षा में कोई टेस्ट नहीं होते
-परिणाम के आधार पर कालेजों का मूल्यांकन नहीं होता
-खराब परिणाम वाले कालेजों पर अब तक नहीं हुई कोई कार्रवई
-मूल्यांकन में गड़बड़ी मिलने के बाद भी किसी परीक्षक पर कार्रवाई नहीं
कुलपति ने दिए यह निर्देश
-कालेजों से पूछा जाए कि क्लास रेगुलर चल रही या नहीं
-खराब परिणाम होने पर कालेजों की तय हो जवाबदेही
-खराब परिणाम वाले कालेजों के प्राचार्यों संग हो बैठक
-औचक निरीक्षण कर कालेजों में देखा जाए शिक्षण व्यवस्था
-प्रदर्शन में आने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को भी बुलाएं
ऐसे देख सकते हैं उत्तर पुस्तिका
-आरटीआई में 300 रुपये शुल्क देकर प्राप्त कर सकते हैं पूरी कापी की पीडीएफ।
-सीसीएसयू परिसर में आरटीआई विभाग में आवेदन कर दो रुपये प्रति पेज देख सकते हैं कापी।
इनका कहना है...
-किसी के बहकावे में प्रदर्शन करने की बजाय विद्यार्थियों और अभिभावकों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। बड़ी संख्या में छात्राओं का घर से दूर धरना-प्रदर्शन में शामिल होना सुरक्षा के लिहाज से भी ठीक नहीं है।
-प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति, सीसीएसयू
-विश्वविद्यालय का गेट बंद कर अन्य छात्रों को भी परेशान करने वाले छात्रों को चेतावनी दी गई है। आगे भी ऐसा हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
-धीरेंद्र कुमार, कुलसचिव, सीसीएसयू
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