Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    CCSU Meerut में हैरान करने वाली व्यवस्था: प्रैक्टिकल एक, लेकिन दो तरह के फार्म और दो तरह की फीस

    By Jagran News Edited By: Praveen Vashishtha
    Updated: Sat, 18 Oct 2025 04:53 PM (IST)

    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में प्रयोगात्मक परीक्षा फार्म को लेकर जटिलता है। एक ही परीक्षा के लिए दो तरह की फीस वसूली जा रही है, जिससे छात्र परेशान हैं। कालेज छात्रों को अधिक फीस भरने के लिए बाध्य कर रहे हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

    Hero Image

    चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ का प्रवेश द्वार 

    जागरण संवाददाता, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने अपनी व्यवस्थाओं को जटिल बना रखा है। नई जटिलता विश्वविद्यालय की ओर से भरवाए जा रहे प्रयोगात्मक परीक्षा फार्म हैं। इसमें एक ही तरह के प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए दो तरह की पद्धति और दो तरह के शुल्क वसूले जा रहे हैं। एक फीस 1,117 रुपये है तो दूसरी फीस 1,500 रुपये है। अब जब विद्यार्थी पहली व्यवस्था का चुनाव कर कम शुल्क देने की कोशिश कर रहे हैं तो कालेज छात्रों को दूसरी पद्धति के तहत आवेदन कर अधिक फीस देने के लिए बाध्य कर रहे हैं।
    दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से वर्तमान में विषम सेमेस्टर के परीक्षा फार्म के साथ ही बैक पेपर के परीक्षा फार्म भी भरवाए जा रहे हैं। यूजी एनईपी के अनुसार विद्यार्थी बार-बार बैक पेपर और प्रैक्टिकल में भी बार-बार बैक के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह आवेदन मुख्य परीक्षाओं के साथ स्वीकार किए जाते हैं।
    इसके अंतर्गत एनईपी के विद्यार्थी भी आवेदन कर सकते हैं। इसकी फीस 1,117 रुपये हैं। अब विश्वविद्यालय की ओर से छूटे हुए प्रैक्टिकल के लिए भी आवेदन पोर्टल खोल दिए हैं। लेफ्टआउट प्रैक्टिकल में भी एनईपी को शामिल कर लिया गया है।
    अब यदि एनईपी का छात्र लेफ्टआउट में आवेदन करेंगे तो उन्हें 1,117 रुपये के बजाय प्रैक्टिकल फीस 1,500 रुपये देनी होगी।
    ऐसे में विद्यार्थी तो विषम सेमेस्टर परीक्षा फार्म के साथ ही बैक के अंतर्गत प्रैक्टिकल के लिए आवेदन कर रहे हैं लेकिन कालेज उन छात्रों को लेफ्टआउट के तहत आवेदन करने का दबाव बना रहे हैं।
    छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि लेफ्टआउट में से एनईपी को हटाया जाए जिससे एनईपी के विद्यार्थी सामान्य अनुमन्य प्रक्रिया के अंतर्गत आवेदन कर सकें।
    अब विश्वविद्यालय में शनिवार को धनतेरस से लेकर करीब एक सप्ताह तक अवकाश शुरू गया है। ऐसे में छात्रों की इस मांग पर कार्य नहीं हुआ तो छात्रों के समक्ष असमंजस की स्थिति बनी रहेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें