CCSU Meerut ने बदले BA, BSc, BCom कोर्सों के नियम, छात्रों के लिए लागू की गई यह नई व्यवस्था
CCSU Meerut : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने बीए, बीएससी और बीकॉम पाठ्यक्रमों के नियमों में बदलाव किया है। विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। छात्रों को इन परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए अपनी पढ़ाई की योजना बनाने की सलाह दी गई है।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ ने बदले BA, BSc, BCom कोर्सों के नियम
जागरण संवाददाता, मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए किए गए कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक और परीक्षा संबंधी बदलावों को अब लागू कर दिया है। इन निर्णयों के तहत बीए, बीएससी, बीकाम जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों में बड़े बदलाव किए गए हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक की ओर से दी गई जानकारी में यह स्पष्ट किया गया है कि ये नियम आगामी शैक्षणिक सत्र से लागू होंगे। इस सत्र की प्रवेश प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।
इसके तहत प्रमुख बदलावों में पहले, दूसरे और छठे सेमेस्टर में एमसीक्यू यानी बहुविकल्पीय प्रश्नों को शामिल किया जाना है। इसके साथ ही इन प्रश्नपत्रों में 75 प्रश्नों को शामिल किया जाएगा और पेपर डेढ़ घंटे का होगा। साथ ही भारतीय ज्ञान पद्धति की विषयों को पढ़ना अनिवार्य कर दिया है।
सीसीएसयू के इन नए निर्णयों से विश्वविद्यालय का शैक्षणिक ढांचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के अनुरूप और अधिक व्यावहारिक बनेगा। छात्र अब स्थानीय संस्कृति, राष्ट्रीय ज्ञान प्रणाली और सामाजिक उत्तरदायित्व से जुड़ी नई विषय-वस्तु के माध्यम से समग्र शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
यह हुए हैं प्रमुख बदलाव
- बीए, बीएससी, बीकाम (आनर्स) कोर्सेज में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के हर सेमेस्टर में संशोधित पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा आयोजित होगी
- विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध कालेज में संचालित जिन पाठ्यक्रमों में समान सिलेबस है, वहां यह बदलाव समान रूप से लागू होंगे।
- प्रश्न पत्र में यदि कोई प्रश्न गलत होता है तो उसके अंक समान रूप से सभी परीक्षार्थियों को प्रदान किए जाएंगे।
- विश्वविद्यालय ने बीए, बीएससी, बीकाम के छात्रों के लिए एनसीसी अथवा एनएसएस प्रशिक्षण को 6 क्रेडिट के ‘माइनर विषय’ के रूप में मान्यता प्रदान की है। जो छात्र इन प्रशिक्षणों में भाग लेंगे, उन्हें इस विषय का क्रेडिट उनके परिणाम में जोड़ा जाएगा
- विश्वविद्यालय परिसर में संचालित सभी स्नातक (आनर्स) पाठ्यक्रमों में 'इंडियन नालेज सिस्टम : अ क्यूचरल पर्सपेक्टिव' नामक दो क्रेडिट का विषय प्रत्येक छात्र के लिए अनिवार्य होगा। यह किसी एक सेमेस्टर में पढ़ना ही पड़ेगा।
- स्नातक स्तर पर ‘संगीत’ विषय के साथ ‘ललित कला’ विषय को भी उसी समूह में शामिल करने का निर्णय लिया गया था। अब इन विषयों के चयन में समूह परिवर्तन की सुविधा नहीं होगी, इस विषय को चित्रकला और भूगोल विषय समूह के साथ रखा गया है।
- विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि सत्र 2021-22 से प्रारंभ हुए बहुविषयी स्नातक कार्यक्रमों में किसी भी छात्र को परीक्षा परिणाम में अधिकतम तीन कोर्स में कुल मिलाकर अधिकतम 5 अंकों (ग्रेस अंक) तक की रियायत दी जा सकेगी।
कालेजों को दिए गए यह निर्देश
विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी संबद्ध कालेजों और परिसर के विभागों को निर्देश दिया है कि वे विद्वत परिषद के निर्णयों को छात्रों तक व्यापक रूप से पहुंचाएं और समय पर पाठ्यक्रम एवं परीक्षा की तैयारी सुनिश्चित करें।
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